dahej mukt mithila

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रविवार, 22 अक्टूबर 2017

छैठ


 || छैठ ||  

लू  साजि  सखी घाट लय  ढाकी  
 छैठक     कोसिया          कुरवार  | 
सजल अछि झुण्डक झुण्ड कतार 
कोकिल     कण्ठे  सुमधुर    वाणी  
छैठक    गीत  गाबैथ  मिथिलानी 
नव    ऑचर   पर  नाचय   नटुआ 
घुँघरु           के            झनकार || 
                        सजल  अछि -------
जेहन जिनकअछी कबूला पाती 
घाटे  भरल   तेहन  अछि   पाँती 
अस्सी  बरखक  बुढ़ियो  जल में  
कोनियाँ        लेने           ठार  ||  
                     सजल  अछि ---------
ठकुआ  भुसबा     लड़ू     पेडा 
पान   फूल    फल   पीयर   केरा 
हाथी  ऊपर सजल अछि  दीया 
ढाकी        में         कुसियार  ||  
                     सजल  अछि -------
हे    दिनकर , हे     राणा    मैया  
हमर  कियो  नञि  नाव  खेबैया 
बीच    भवँर   में उबडूब    जीवन 
अहिं        "रमणक "   पतवार  || 
             सजल  अछि -----
 चलू  सजि  ---छैठक  कोसिया ---
                       सजल  अछि -------

रचित - 
रेवती रमण झा "रमण "

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