dahej mukt mithila

(एकमात्र संकल्‍प ध्‍यान मे-मिथिला राज्‍य हो संविधान मे) अप्पन गाम घरक ढंग ,अप्पन रहन - सहन के संग,अप्पन गाम-अप्पन बात में अपनेक सब के स्वागत अछि!अपन गाम -अपन घरअप्पन ज्ञान आ अप्पन संस्कारक सँग किछु कहबाक एकटा छोटछिन प्रयास अछि! हरेक मिथिला वाशी ईहा कहैत अछि... छी मैथिल मिथिला करे शंतान, जत्य रही ओ छी मिथिले धाम, याद रखु बस अप्पन गाम - अप्पन बात ,अप्पन मान " जय मैथिल जय मिथिला धाम" "स्वर्ग सं सुन्दर अपन गाम" E-mail: apangaamghar@gmail.com,madankumarthakur@gmail.com mo-9312460150

AAP SABHI DESH WASHIYO KO SWATANTRAT DIWAS KI HARDIK SHUBH KAMNAE

मंगलवार, 21 जून 2011

स्नेह लगाक@प्रभात राय भट्ट


गजल:-

स्नेह लगाक किये मुह  मोईड लेने छि,
प्रीत जगाक दिलमे किये छोइड देने छि,
अंहि सिखेलौं हमरा यी प्रेमक परिभाषा,
जुनी बनू बेदर्दी पूरा करू हमर अभिलाषा,
उईड चलू प्रेम नगर मोनमें इक्षा जगल,
मिलनके प्यास बुझाब  हम येलु भागल,
प्रेम मे अहांक प्रियतम भेल छि हम बताह,
सभटा जनैतबुझैत अहां बनल छि घताह,
हम अहां बिनु जिब नए सकब सजनी,
जहर बियोगक पीव नए सकब सजनी,
हम देखैछि अहांके जेना चाँदके देखैय चकोर,
आऊ सजनी अन्हार जिन्गिमे कदीय ईजोर,
देखू रिमझिम रिमझिम बरशैय साबनके बदरा,
फुल अहां छि हम भंभरा,रसपान कराउ हमरा,

रचनाकार:प्रभात राय भट्ट

कोई टिप्पणी नहीं: