dahej mukt mithila

(एकमात्र संकल्‍प ध्‍यान मे-मिथिला राज्‍य हो संविधान मे) अप्पन गाम घरक ढंग ,अप्पन रहन - सहन के संग,अप्पन गाम-अप्पन बात में अपनेक सब के स्वागत अछि!अपन गाम -अपन घरअप्पन ज्ञान आ अप्पन संस्कारक सँग किछु कहबाक एकटा छोटछिन प्रयास अछि! हरेक मिथिला वाशी ईहा कहैत अछि... छी मैथिल मिथिला करे शंतान, जत्य रही ओ छी मिथिले धाम, याद रखु बस अप्पन गाम - अप्पन बात ,अप्पन मान " जय मैथिल जय मिथिला धाम" "स्वर्ग सं सुन्दर अपन गाम" E-mail: apangaamghar@gmail.com,madankumarthakur@gmail.com mo-9312460150

रविवार, 23 नवंबर 2014

अप्पन हारल ककरा कहबई



कोमल मोन तन्नुक भाव ,
शब्द कठोर , गंभीर घाव |
दोसर सदिखन हंसी ऊडेतई,
मोनक बात जकरा कहबई |
अप्पन हारल ककरा कहबई-
बाज'य कथा सब अपने अपना ,
टूटय बरु आनक सुन्नर सपना  |
फाटल दोसर टांग अड़ाबई ,
एकरे त' सब रगडा कहबई |
अप्पन हारल ककरा कहबई -
भाऊ हिसाबे ,सिनेह देखाबई ,
गिरला उत्तर आँखि चोराबई  |
गेठी दाम नहि महल मोलाबई ,
एकरे दादीक फकरा कहबई  |
अप्पन हारल ककरा कहबई-
कियो पैघ नहि कियो छोट ,
थोड बहुत त' सब में खोट  |
बनि अप्पन जे सुनतइ बात ,
मोनक मीत तकरा कहबई  |
अप्पन हारल ओकरा कहबई  -- 









सादर : महेश झा 'डखरामी '

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