dahej mukt mithila

(एकमात्र संकल्‍प ध्‍यान मे-मिथिला राज्‍य हो संविधान मे) अप्पन गाम घरक ढंग ,अप्पन रहन - सहन के संग,अप्पन गाम-अप्पन बात में अपनेक सब के स्वागत अछि!अपन गाम -अपन घरअप्पन ज्ञान आ अप्पन संस्कारक सँग किछु कहबाक एकटा छोटछिन प्रयास अछि! हरेक मिथिला वाशी ईहा कहैत अछि... छी मैथिल मिथिला करे शंतान, जत्य रही ओ छी मिथिले धाम, याद रखु बस अप्पन गाम - अप्पन बात ,अप्पन मान " जय मैथिल जय मिथिला धाम" "स्वर्ग सं सुन्दर अपन गाम" E-mail: apangaamghar@gmail.com,madankumarthakur@gmail.com mo-9312460150

शुक्रवार, 10 अक्तूबर 2014

मिथिलाक समस्या


मिथिलाक समस्या

 
  निश्चित रुप सँ आई मिथिला कमजॊर अछि! कॊनॊ जाति जखन अंधकार , गरिबी आ गंदगी मॆ रहत! ऒकर जनता असंगठित छैक! एहि बातक अनुभव प्राप्त करबाक पद्धति मंद छैक ,मुदा ऒ कार्य दिश अवश्य बढी रहल अछि!

डा. लक्ष्मण झा - 
     मिथिला एक गॊट राज्य बनै इ मांग भारतक आजाद भॆला कॆ साथॆ शुरु भॆलै! मुदा अहि दिशा मॆ अखन धरि कॊनॊ ठॊस परिणाम नहि आयल अछि! 26 जूलाई 1953 क दरभंगा कॆ टाँउन हाँल मॆ मिथिला प्रांतिय सम्मॆलन आयॊजिद भॆल,ताहि मॆ सर्वसम्मति सँ मिथिला प्रांतक निर्माणक पक्ष मॆ प्रस्ताव स्वीक्रत भॆल छलैक!

मिथिला समस्त भारतवर्ष मॆ सब सँ प्राचीन संप्रभूता संपन्न राज्य रहल अछि! प्रान्त ऒ प्रदॆशक कॊन कथा,एतय कम सँ कम पांच हजार वर्ष सँ राजतंत्र,गणतंत्र आ वाद मॆ साम्राज्यक अन्तर्गत शासन रहल अछि!समस्त दुनिया मॆ मिथिलाक  गणतंत्रात्मक शासन प्रणाली सभ सँ अधिक प्रचीन अछि!

    मैथिली साहित्यक इतिहास कम सँ कम एक हजार वर्षक छैक! एतॆक गौरवशाली प्राचीन संस्क्रति एवं परंपराक प्राप्तकॆ निहार क्षॆत्र कतौ अंधकार मॆ पड़ल रहय! दॆशक आजुक राजनीतिक नॆता लॊकनिक उपॆक्षा सँ एहि क्षॆत्रक ई स्थिति भ गॆल अछि!  तथ्य त ई इंगित करैया जॆ राज्यक मांग लॊकतांत्रिक आ संवैधानिक छै! उत्तर मॆ हिमालय सँ दक्षिण मॆ गंगा तक सॊलह यॊजन चौसठी कॊस चाकर आ पूव मॆ महानंदा सँ पच्क्षिम मॆ गंडकी नारायणी तक 24 यॊजन‍ छियानवॆ कॊस(6150 वर्ग कॊस अथवा 25000 वर्ग मील विस्त्रित दू कॊटी जनसंख्या छॊट कॊना भॆल? विश्‍व संध मॆ 63 गॊट राष्ट्र जनसंख्या मॆ आ 18 गॊट विस्तार मॆ मिथिला सँ छॊट अछि !

     किन्तु ऎतॆ सब कॆ बादॊ राज्य निर्माण आंदॊलन पूरा जॊर नहि पकरलक! किएक त जनता कॆ बीच ई अंधविश्‍वाश पसैर गॆल छई कि मिथिला राज्य निर्माण भॆला सँ ब्राह्म्ण जाति कॆ फायदा हॆतै! मुदा वास्त‌विक‌ता त‌ ई छै मिथिला मॆ ब्राह्म‌ण‌ कॆ  ज‌न‌संख्या अन्य‌ जाति कॆ तुल‌ना मॆ न‌ग्‍ण‌ छै! कॊनॊ राज‌नितिक‌ इकाइक‌ निर्माण‌ सं ऒहिठाम‌ ब‌स‌निहार स‌ब‌ कॆ फाय‌दा हॆतै! ज‌न‌तांत्रिक‌ प‌द्ध‌ति मॆ ज‌क‌र‌ ज‌न‌संख्या अधिक‌ हॆतै सॆह‌ शास‌न‌ च‌ला स‌कैत‌ अछि! तॆं एहि संबंध‌ मॆ ब्राह्म‌ण‌ आ अब्राह्म‌ण‌ स‌वाल‌ उठौनिहा या त‌ स्वंय‌ मूर्ख‌ छिया या दॊस‌र‌ कॆ ब‌नाब‌ईत‌ छिया!

       एत‌बा न‌हि 22 दिस‌म्ब‌र‌ 1953 इ. क‌ तात्कालिक‌ प्रधान‌मंत्री ज‌वाह‌र‌ लाल‌ नॆह‌रु राज्य‌ पुन‌र्ग‌ठ‌न‌ आयॊग‌ कॆ ग‌ठ‌न‌ कॆलैन‌ अहि आयॊग‌ कॆ अध्य‌क्ष‌ भॆला सैय‌द‌ फ‌ज‌ल‌ अली आऒर‌ एम‌.प‌निक्क‌र‌ आ ह्रद‌य‌ नाथ‌ कुंज‌रु आऒर स‌द‌स्य‌ नियुक्त‌ क‌य‌ल‌ गॆलाह‌! आयॊग‌ कॆ मिथिला दिश‌ सँ सॆहॊ प्रस्ताव‌ आ संभार‌ प‌त्र दॆल‌ गॆल‌ मुदा आयॊग‌ कॆ निस्प‌क्ष‌ता आ यॊग्‍य‌ता प‌र क‌क‌रॊ विश्‍वास‌ न‌हि छ‌लै!

      जान‌कार‌ लॊक‌क‌ क‌ह‌बाक‌ त‌ एत‌ ध‌रि छैन‌ जॆ मिथिला राज्य‌क‌ निर्माण‌ मॆ स‌ब‌ सँ पैघ‌ बाधा ई छ‌लै जॆ ऒहि स‌म‌य‌ कांग्रॆस‌ जॆ कि दॆश‌ कॆ माय‌ बाप‌ छ‌ल‌ तै मॆ क्यॊ राष्ट्रिय‌ स्त‌र‌ कॆ मैथिल‌ नॆता न‌हि छ‌ल‌! मुदा राज‌नीतिक‌ कार‌ण‌ सँ अल‌ग‌ स‌माज‌ मॆ किछु सामाजिक‌ कार‌ण सॆहॊ वाधा ब‌न‌ल‌!
आजुक‌ स‌म‌य‌ मिथिलाक्ष‌र‌ अप‌न ज‌न्म‌भुमि सँ लुप्त‌ भ‌ गॆल‌ अछि! म‌धुब‌नी द‌र‌भंगा जॆ कि मिथिला कॆ ह्रद‌य‌स्थ‌ल‌ अछि ऒत‌य‌ लॊग‌ स‌ब‌ मैथिली ब‌ज‌नाय‌ हिन‌ता बुझ‌य‌ छाईथ‌!
      आब‌ ज‌रुर‌त‌ अछि एहि बात‌क‌ जॆ स‌ब‌ गॊटॆ मिल‌ क‌ स‌र‌कार‌क‌ स‌म‌क्ष‌ मिथिला राज्य‌क‌ मा‍ग‌ क‌रि! आ अप‌न‌ अस्तित्व‌ कॆ बचावी!
Mithila Today
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