सौदागर नेता
उलटपुलट करते है हम राजनितिमे सरकार कि साता !!
इस काम के लिए मिलता है,
गाडी पैसा बंगला और बिबिध प्रकार के भता !!
नाप तौल मोलजोल करके बनाते है हम अपनी सरकार !!
क्युं कि मै हुँ एक सौदागर नेता और राजनीति है मेरा व्यापार !!
राजनीति के व्यापार मे, मै बडी माहिर हुँ !!
अल्पसंख्यक हो जाने पर दुसरे नेता को खरिद लाता हुँ !!
मोटी रकम मिल्ने पर खुद विक जता हुँ !!
क्युं कि मै हुँ एक सौदागर नेता और राजनीति है मेरा व्यापार !!
मुझे इसे क्या है लेना देना,मरे जनता या डुबे देश !!
अग्ले इलेक्शन मे फिर बदल लूँगा अपना भेष !!
जनता को दुंगा नई नई विकास योजना कि संदेश !!
क्युं कि मै हुँ एक सौदागर नेता और राजनीति है मेरा व्यापार !!
लाज शर्म तो मुझे विल्कुल नही आती !!
चाहे जनता मुझे गाली गलौज कि बौछार दे !!
चप्पल जुता से बने माला कि उपहार दे !!
फिर भी हम हश हश के जी लेते है !!
लाज शर्म को एकही घुट मे पिलेते है !!
क्युं कि मै हुँ एक सौदागर नेता और राजनीति है मेरा व्यापार !!
रचनाकार :-
प्रभात राय भट्ट
धिरापुर वार्ड न :२ जनकपुरधाम( नेपाल )
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