dahej mukt mithila

(एकमात्र संकल्‍प ध्‍यान मे-मिथिला राज्‍य हो संविधान मे) अप्पन गाम घरक ढंग ,अप्पन रहन - सहन के संग,अप्पन गाम-अप्पन बात में अपनेक सब के स्वागत अछि!अपन गाम -अपन घरअप्पन ज्ञान आ अप्पन संस्कारक सँग किछु कहबाक एकटा छोटछिन प्रयास अछि! हरेक मिथिला वाशी ईहा कहैत अछि... छी मैथिल मिथिला करे शंतान, जत्य रही ओ छी मिथिले धाम, याद रखु बस अप्पन गाम - अप्पन बात ,अप्पन मान " जय मैथिल जय मिथिला धाम" "स्वर्ग सं सुन्दर अपन गाम" E-mail: apangaamghar@gmail.com,madankumarthakur@gmail.com mo-9312460150

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सोमवार, 6 फ़रवरी 2012

बाबा लेने चलियौ --








बाबा लेने चलियौ हमरो अपन नगरी!
अपन नगरी - आध्यात्म डगरी!
बाबा लेने चलियौ ...

बहुते दिन सँ बाबा माथ भिड़ेलौं...
फेशबुक दुनियाँ में जे धूम मचेलौं...
नहियो चाहैत फंसल नगरी...
बाबा... नहियो चाहैत धंसल गंदगी...
बाबा लेने चलियौ हमरो...

काल्हि पूर्णिमाकेर जल उठायब...
‘जय सीताराम जय जय सीताराम’
एहि मूलमंत्र सँ सभ कीर्तन करी...
बाबा... एहि मूलमंत्र...
बाबा लेने चलियौ....

हर वर्ष माघ मास जप केर धुनकी,
भोर शांझ वन्दन के अलगे छै मस्ती,
बैसि जमायम सत्संग चौकड़ी...
बाबा... बैसि जमायब सत्संग चौकड़ी...
बाबा लेने चलियौ.....

ततेक समय मितबा ढोल बजायत,
हर-हर बम-बम कहि चिचियायत,
झगड़ो करत तऽ बुझब बमरी...
बाबा... झगड़ो करत तऽ बुझब बमरी...
बाबा लेने चलियौ...

जानैत छियै हम जे मोंन नहि लगतै,
हमरो गँजधुक्की धुआँ कने दिन नहि भेटतै... ;)
लेकिन लगायब सभ ध्यान बाबा के...
बाबा.. लेकिन लगायत सभ ध्यान बाबा के...
बाबा लेने चलियौ....

आब इ हमर आखिर पोस्ट जे पढिहें रे!
मूर्ख नहि बनिहें, बाबाके सुमिरहें रे!
फेरो अयबौ हम तोहर नगरी...
मितबा... फेरो अयबौ हम तोहर नगरी...
बाबा एखन लेने जाइ छथुन आपन नगरी।
नमः पार्वती पतये हर हर महादेव!
हरिः हरः
रचना:-
प्रवीन नारायण चौधरी

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