dahej mukt mithila

(एकमात्र संकल्‍प ध्‍यान मे-मिथिला राज्‍य हो संविधान मे) अप्पन गाम घरक ढंग ,अप्पन रहन - सहन के संग,अप्पन गाम-अप्पन बात में अपनेक सब के स्वागत अछि!अपन गाम -अपन घरअप्पन ज्ञान आ अप्पन संस्कारक सँग किछु कहबाक एकटा छोटछिन प्रयास अछि! हरेक मिथिला वाशी ईहा कहैत अछि... छी मैथिल मिथिला करे शंतान, जत्य रही ओ छी मिथिले धाम, याद रखु बस अप्पन गाम - अप्पन बात ,अप्पन मान " जय मैथिल जय मिथिला धाम" "स्वर्ग सं सुन्दर अपन गाम" E-mail: apangaamghar@gmail.com,madankumarthakur@gmail.com mo-9312460150

AAP SABHI DESH WASHIYO KO SWATANTRAT DIWAS KI HARDIK SHUBH KAMNAE

गुरुवार, 28 मई 2015

मिथिला स्टूडेन्ट यूनियन थाना के समक्ष धरना पर बैसलाह-

                                                              Anup Kumar Maithil-    हमरा सबके आतंकवादी कहल गेल   मारल गेलअभद्र गाइर देल गेल आब हमसब धरना पर नगर थाना,दरभंगा मेँ सैकड़ो युवा साथी के साथ बैस जा रहल छी, 
 Sujeet Jha
सरकार के दमनकारी नीति केर ऐकटा और नमूना आय सुन लेल भेट रहल अछि। कलराज मिश्र के ज्ञापन देब लेल मिथिला स्टूडेन्ट यूनियन के चारि गोट कार्यकर्ता गेल छलाह जाहि मे रौशन मैथिल राहुल जी और संतोष पासवान जी शामिल छलाह हुनका सब के बिहार पुलिस गाली गलौज करैत आय गिरफ्तार कय लेलकैन्ह। 
की आब नेता सब स अपन अधिकार के माँग केनाय अपराध छै की? 

-मिथिला स्टूडेन्ट यूनियन के सदस्य सब नगर थाना के समक्ष धरना पर बैसलाह। पुलिस स्टूडेन्ट यूनियन के सदस्य के आतंकवादी के संज्ञा देलक। नेता बिधायक और साँसद के चमचा ई नकारा पुलिस अपना आप के सिघम बूझैत अछि।
जे पुलिस आय तक एकटा आतंकवादी के नहि पकैर सकल ओ स्टूडेन्ट के पकैर क अपन पीठ थपथपा रहल अछि। एहन नेता और पुलिस के धिक्कार अछि।
आब जा धेर ई नेता और पुलिस माफी नहि माँगत धरना जारी रहत।
जय मिथिला जय मैथिली जय मैथिल
जय मिथिला स्टूडेन्ट यूनियन।

Suraj Mishra - दरभंगा में आज जो वाक्या हुआ मैथिल नौजवानों के साथ वह बहुत ही दुखद घटना है, गुजरात में गुजराती, महाराष्ट्र में मराठी, कर्नाटक में कन्नड़, उड़ीसा मे उड़ीया, बंगाल में बंगाली के विकास का बात हो सकता है, पर मिथिला में मैथिल और मैथिली के विकास के लिए आवाज उठाना गलत है?? मिथिला मे मैथिल नौजवान अपना हक नहीं माँगेंगे तो कहाँ माँगेंगे, अपना हक माँगने पर प्रशासन द्वारा लाठी चार्ज करना निंदनीय हैं, मैं इस घटना को कड़े शब्दों में निन्दा करता हूँ। 

Sharat Jha - कसम स कहइ छी सरकार के ईंट सं ईंट बजा देबै। आब दरिभंगा की पटना आ दिल्ली सेहो हिला देबै।
कुर्वानी व्यर्थ नै जै देबै। फेर एक-बेर जंतर मंतर सं सरकार के परीक्षा लेल जेतै।
जतेक मारत हमर सबके प्रण आओर मजगूत होयत।
जय मिथिला- जय माँ जानकी।।  
याचना नहीं अब राण होगा.....
नगर थाना दरभंगा पर धरना पे बैठे लोगो का समर्थन करने के लिए मनानिये सांसद पप्पू यादव जी बहुत जल्द पहुचने वाले है... ये जानकारी उनका पि. ए. ने दिया है.. जो की धरना स्थल पे पहुँच चुके है....
आपलोग भी पहुंचे और प्रशासन को अपना ताकत दिखा दे......
जय मिथिला जय माँ जानकी...

शनिवार, 23 मई 2015

सरकारी कहर आम आदमी पर


ई दृस्य अच्छी  , विद्यापति क्लोनी जलपुरा ग्रेटर नॉएडा के , जाते लगभग ५००० घर सं  जयदा लोग  रहैत  अच्छी  -

पता नै कुन  कारन सं  ग्रेटर नॉएडा प्राधिकरण  ई  कदम  उठेलक  जे  सब   कॉलोनी  निवासी  के  घर  सं  बेघर  कदेलक ,
सरकारी कहर आम  आदमी  पर , बहुत प्रभाव परैत  अच्छी  ,

मंगलवार, 19 मई 2015

बिहार मे होई बला एलेक्सन



 बिहार मे होई बला एलेक्सन जौ जौ नजदिक आबि रहल अछि मिथिलाबादी पार्टी सब अपन त्योरी चढा रहल छथि। "आदर्श मिथिला पार्टी  अखिल भारतीय मिथिला पार्टी और थिलाँचल मुक्ति मोमिर्चा एलेक्सन पूर्व जनता मे अपन पैठ बनबैक प्रयास क रहला अछि। इ देखि मन प्रसन्न और ब्यथित दूनू अछि। प्रसन्नता अहि बात स जे मिथिला मे मिथिलाबादी पार्टी के अस्तित्व त अछि और ब्यथित छी जे आपसी टकराव के कारण वोट केर बटबारा होयत। जाहि स गैरमिथिलाबादी दल के नुकसान कम फायदा बेसी होयत।
   
मिथिला 
आन्दोलन के पुरोधा आदरणीय डा धनाकर ठाकुर साहेब केर पार्टी "आदर्श मिथिला पार्टी" अहि बेर सेहो अपन प्रत्यासी ठाढ करत। डा. सैहैब के मिथिला आन्दोलन मे योगदान के देखैत अहि बेर समस्त मिथिलाबादी पार्टी के डा. सैहैब के संग एक भऽ चूनाव लरबाक चाही या  डा. धनाकर ठाकुर सहैब जतऽ स अपन प्रत्यासी देताह ताहि ठाम स कोनो अन्य मिथिलाबादी दल अपन प्रत्यासी नहि ठाढ करथि से सुनिस्चित हेबाक चाही। "अखिल भारतीय मिथिला पार्टी" या "मिथिलाँचल मुक्ति मोर्चा" ज आपस मे गठबंधन करैत छथि त ओहो ठीक हेतै
क। 
डा. धनाकर ठाकुर पूर्णरूप स अपना आप के मिथिला मैथिली के लेल समर्पित क देने छथि अतः डा. साहैब के सम्मान सब मिथिलाबादी पार्टी के करबाक चाही। डा. सहैब 1992 ई स मिथिला आनदोलन के अपना दम पर चला रहलाह अछि।
 
अतः सब मिथिलाबादी पार्टी स एक बेर फेर आग्रह करब जे या त "सब एक भ जाउ" या "गठबंधन" क लिय ज दूनू संभव नहि हो त डा. धनाकर ठाकुर साहैब जतऽ स अपन प्रत्यासी देताह ओहि सीट पर डा. साहैब के सम्मान मे अपन प्रत्यासी ठाढ नहि करू।

jharkhand 

शनिवार, 16 मई 2015

बरसाइत -पतिक दीर्घायुक कामना के लेल

पतिक दीर्घायुक कामना के लेल मनाओल जैत पाबनि बरसाइत :-
पतिक दीर्घायुक कामना करैत रविदिन १७/५/२०१५ के मिथिलान्चलक महिला बरसाइत (बट सावित्री) पाबनि पुजती। ब्रातालु महिला भोरेसं नदी , पोखरिमे जा क' स्नान क' बरक गाछतर परम्परागत रुपसं पुजा पाठ हेतु उपस्थित हेतीह । मिथिलान्चलमे महिला बडड श्रद्धाक संग अहि पावनि के मनबैत छथि । सावित्री आ सत्यवानक जीवनगाथासं ई व्रत जूडल हएबाक कारणे अहिवातक लेल महत्वपूर्ण मानल गेल अछि । अहि पाबनि में बरक गाछमे जल चढाओल जाइत अछि त नवका बाँसक बियैन आ तारक पंखा सँ वरके गाछके होंकल जाइत छैक । व्रतालु स्त्रीगण एहि दिन प्रात: काल नित्यकर्म क' सासुर सँ आनल कपडा पहीर सखी सहेली संगे मंगलगीत गबैत वरक गाछके पूजैत छथि । व्रती महिला निष्ठापुर्वक गौरी आ विषहरके पूजा क' अन्त्यमे सत्यसावित्री आ सत्यवानक कथा सुनैत छथि ।

वट सावित्री व्रत

   वट सावित्री व्रत

ट सावित्री व्रत सौभाग्य और संतान सुख देने वाला व्रत । इस व्रत की तिथि को लेकर भिन्न - भिन्न मत हैं. स्कंद पुराण तथा भविष्योत्तर पुराण के अनुसार ज्येष्ठ मास में शुक्ल पक्ष की पूर्णिमा को यह व्रत करने का विधान बताया गया है तो वहीं निर्णामृत आदि के अनुसार ज्येष्ठ मास की अमावस्या को व्रत करने की बात कही गई है । वट सावित्री व्रत में 'वट' और 'सावित्री' दोनों का विशिष्ट महत्व माना गया है। पुराणों में पीपल की तरह वट या बरगद के पेड़ का भी एक विशेष महत्व बताया गया है. वट में ब्रह्मा, विष्णु , महेश तीनों का ही वास है । इसके नीचे बैठकर पूजन, व्रत कथा आदि सुनने से प्रत्येक मनोकामना पूरी होती है।
           दार्शनिक दृष्टि से देखें तो वट वृक्ष दीर्घायु व अमरत्व-बोध का भी प्रतीक माना गया है। वट वृक्ष ज्ञान व निर्वाण का भी प्रतीक है। भगवान बुद्ध को इसी वृक्ष के नीचे ज्ञान प्राप्त हुआ था। इसलिए वट वृक्ष को पति की दीर्घायु के लिए पूजना इस व्रत का अंग बना। इस दिन बरगद, वट या पीपल के वृक्ष की पूजा की जाती है । वट वृक्ष के नीचे की मिट्टी की बनी सावित्री और सत्यवान तथा भैंसे पर सवार यम की प्रतिमा स्थापित कर पूजा करनी चाहिये । पूजा के लिये जल, मौली, रोली, कच्चा सूत, भिगोया हुआ चना, फ़ूल तथा धूप होनी चाहिये। बट की जड़ में एक लोटा जल चढ़ाकर हल्दी-रोली लगाकर फल-फूल, धूप-दीप से पूजन करना चाहिये। कच्चे सूत को हाथ में लेकर वट वृक्ष की बारह परिक्रमा करनी चाहिये। हर परिक्रमा पर एक चना वृक्ष में चढ़ाती जाएं और सूत तने पर लपेटती जाएं। इसके पश्चात सत्यवान सावित्री की कथा सुननी चाहिये, जब पूजा समाप्त हो जाये तब ग्यारह चने व वृक्ष की बौड़ी (वृक्ष की लाल रंग की कली) तोड़कर जल से निगलना चाहिये।  
      ऐसा करने का उद्देश्य यह है कि सत्यवान जब तक मरणावस्था में थे तब तक सावित्री को अपनी कोई सुध नहीं थी लेकिन जैसे ही यमराज ने सत्यवान को प्राण दिए, उस समय सत्यवान को पानी पिलाकर सावित्री ने स्वयं वट वृक्ष की बौंडी खाकर पानी पिया था। कहा जाता है सत्यवान अल्पायु थे । नारद को सत्यवान के अल्पायु और मृत्यु का समय ज्ञात था, इसलिए उन्होनें सावित्री को सत्यवान से विवाह न करने की सलाह दी परन्तु सावित्री मन से सत्यवान को पति मान चुकी थी, इसलिए उन्होने सत्यवान से विवाह रचाया।
      विवाह के कुछ दिनों पश्चात सत्यवान की मृत्यु हो गई, और यमराज सत्यवान के प्राण ले चल दिए। ऐसा देख सावित्री भी यमराज के पीछे-पीछे चल दी। पीछे आती हुई सावित्री को देखकर यमराज ने उसे लौट जाने का आदेश दिया ।
सावित्री बोली - जहां पति है वहीं पत्नी का रहना धर्म है, यही धर्म है और यही मर्यादा, पति को लिये बिना वह नही जायेगी । सावित्री की धर्म निष्ठा से प्रसन्न हो यमराज ने सावित्री के पति के प्राणों को अपने पाश से मुक्त कर दिया । सावित्री ने यमराज से अपने मृत पति को पुन: जीवित करने का वरदान एक वट वृक्ष के ही नीचे पाया था। तभी से महिलाएं अपने पति के जीवन और अक्षत सौभाग्य के लिए वट सावित्री का व्रत करने लगीं, और तभी से इस दिन वट वृक्ष की पूजा की जाती है।

शनिवार, 9 मई 2015

मातृत्व दिवस पर





















 मातृत्व दिवस पर
हम मैथिल मिथिलाक बात 
मैथिली में करबे टा करबै
मातृभाषाक गुमान बढ़ायब
मायक सेवा करबे टा करबै !

कतेक चैन सुकून कतेक छल
मायक कोड़ा वैसबे टा करबै
मातृभूमिक सम्मान बढ़ायब
मायक पूजा करबे टा करबै !!

आइ हमर मातृत्व दिवस अछि 
ममताक लाज रखबे टा करबै
मधुर सरस मिठ वाणी भेटल
मायक गुण हम गेबे टा करबै !!!

अमरनाथ मिश्र
भटसिमरि 

  जय मिथिला जयति मैथिली







MOTHER'S DAY 

पर किछु पद्य पुष्प पद अर्पण

मायक मान माथक चन्दन
शीश नवाउ करू नित वंदन 
वांछा मंगल संतानक सदिखन
निहुँछैथ नजरि कबुला तत्क्षण 
माइए स्वर्ग तप  कर्म
वएह छथि देवी संतानक धर्म 
माता मुदित सभ देव प्रशन्न
बुझू भेल जीवन यज्ञ सम्पन्न 
हो स्थिति विषम  मंदिर दूर
नहि थारी अक्षत पान सिनूर 
आने चानन पान कपूर 
करू मातक वंदन सेवा भरपूर 
हो मन मे सेवा आडम्बर सॅ दूर
बुझू कटल सभ कष्ट कुसूर 
मायक मान माथक चन्दन
शीश नवाउ करू नित वंदन 

सादर : महेश झा 

 डखरामी 


शुक्रवार, 8 मई 2015

दहेज या मैरेज

दहेजक नाम सुनि कऽ
कांइपि उठैत अछि ,माए-बापऽक करेज
कतबो छटपटायब तऽ 
लड़कवला कम नहि करताह अपन दहेज।
कहताह, जे बियाह करबाक अछि
तऽ हमरा देबैह परत दहेज
पाई नहि अछि तऽ
बेच लिय अपना जमीनऽक दस्तावेज।
दहेज बिना कोना कऽ करब
हम अपना बेटाक मैरेज
दहेज नहि लेला सऽंॅ खराब होयत
समाज में हमर इमेज।
एहि मॉडर्न जुग मे तऽ 
एहेन होइत अछि मैरेज
आयल बरिया रू प्रतिज्ञा
जे आब नहि मॅंागब ति घूरीकऽ जाइत छथि
जऽंॅ कनियो कम होइत अछि दहेज।
मादा-भूर्ण आओर नव कनियाक 
जान लऽ लैत अछि दहेज
सभ देखि सूनि कऽ 
काइपि उठैत अछिकिशनके करेज।
समाज के बरबाद केने 
जा रहल अछि दहेज
बचेबाक अछि समाज के तऽ
हटा दियौ मुद्रारूपी दहेज।
खाउ एखने सपत , दहेज 
बिन दहेजक हेतै आब सभ ठाम
सभहक बेटीक मैरेज।


लेखक - किसन कारीगर 
ध्यान देव - अपनेक सहयोग अमुल्य  अच्छी , दहेज़ मुक्त मिथिला में  जूरी आ दहेज़ रूपी दानव  के  ख़त्म  करी  -


बुधवार, 6 मई 2015

दुर्गा स्थान शक्तिपीठ:- मिथिलाक ज्योतिर्लिंग ;शिव स्थान

मिथिलाक प्रसिद्ध 

 दुर्गा स्थान शक्तिपीठ:

1 : उग्रतारा , महिषी, सहरसा 
2 : ऊच्चैठेश्वरी , ऊच्चैठ,मधुवनी
3 : गिरजास्थान,फुलहर;मधुवनी
4 : भुवनेश्वरी,भगवतीपुर,मधुवनी
5 : चामुण्डा, पचाही
6 : छिन्नमस्ता; ऊजान
7 : भद्रकाली, कोईलख
8 : काली स्थान,दरभंगा
9 : सिद्धेश्वरी, सरिसव
10: पचहीस्थान,मधेपुर
11: दुर्गास्थान,नवादा, दरभंगा ।

https://www.youtube.com/watch?v=Gax9lQjtt-g https://youtu.be/Gax9lQjtt-g


मिथिलाक ज्योतिर्लिंग ;शिव स्थान


1 : कुशेश्वर स्थान
2 : कपिलेश्वर स्थान
3 : सिघेश्वर स्थान
4 : तिलकेश्वर स्थान
5 : मदनेश्वर स्थान
6 : थानेश्वर स्थान
7 : वाणेश्वर स्थान
8 : बिदेश्वर स्थान
9 : माधवेश्वर स्थान,दरिभंगा
10: गरीवेश्वर {गरीवनाथ},मुजफ्फरपुर
11: ऊग्रेश्वर { ऊग्रनाथ} हाजीपुर
https://www.youtube.com/watch?v=oCfKf5wSN7w&spfreload=10
https://www.youtube.com/watch?v=oCfKf5wSN7w