dahej mukt mithila

(एकमात्र संकल्‍प ध्‍यान मे-मिथिला राज्‍य हो संविधान मे) अप्पन गाम घरक ढंग ,अप्पन रहन - सहन के संग,अप्पन गाम-अप्पन बात में अपनेक सब के स्वागत अछि!अपन गाम -अपन घरअप्पन ज्ञान आ अप्पन संस्कारक सँग किछु कहबाक एकटा छोटछिन प्रयास अछि! हरेक मिथिला वाशी ईहा कहैत अछि... छी मैथिल मिथिला करे शंतान, जत्य रही ओ छी मिथिले धाम, याद रखु बस अप्पन गाम - अप्पन बात ,अप्पन मान " जय मैथिल जय मिथिला धाम" "स्वर्ग सं सुन्दर अपन गाम" E-mail: apangaamghar@gmail.com,madankumarthakur@gmail.com mo-9312460150

सोमवार, 20 फ़रवरी 2012

गजल


कतौ बैसार मे जँ अहाँक बात चलल।
तँ हमर करेज मे ठंढा बसात चलल।

विरह देख हमर झरल पात सब गाछ सँ,
सनेस प्रेमक लऽ गाछक इ पात चलल।

मदन-मुस्की सँ भरल अहाँक अछि चितवन,
करेजक दुखक भारी बोझ कात चलल।

बुझाबी मोन केँ कतबो, इ नै मानै,
अहीं लेल सब आइ धरि शह-मात चलल।

छल घर हमर इजोत सँ भरल जे सदिखन,
जखन गेलौं अहाँ, "ओम"क परात चलल।
(बहरे हजज)

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