dahej mukt mithila

(एकमात्र संकल्‍प ध्‍यान मे-मिथिला राज्‍य हो संविधान मे) अप्पन गाम घरक ढंग ,अप्पन रहन - सहन के संग,अप्पन गाम-अप्पन बात में अपनेक सब के स्वागत अछि!अपन गाम -अपन घरअप्पन ज्ञान आ अप्पन संस्कारक सँग किछु कहबाक एकटा छोटछिन प्रयास अछि! हरेक मिथिला वाशी ईहा कहैत अछि... छी मैथिल मिथिला करे शंतान, जत्य रही ओ छी मिथिले धाम, याद रखु बस अप्पन गाम - अप्पन बात ,अप्पन मान " जय मैथिल जय मिथिला धाम" "स्वर्ग सं सुन्दर अपन गाम" E-mail: apangaamghar@gmail.com,madankumarthakur@gmail.com mo-9312460150

AAP SABHI DESH WASHIYO KO SWATANTRAT DIWAS KI HARDIK SHUBH KAMNAE

सोमवार, 30 जुलाई 2012

मिथिला राज्य लेल अहिंसात्मक स्वरूप एक झलक

नया संघीय नेपालमें मिथिला राज्य लेल अहिंसात्मक सत्याग्रहरूपी माँग संग धरना पर बैसल मिथिला राज्य संघर्ष समिति - जनकपुर के रामानन्द चौक पर बम द्वारा हमला कैल गेल। एहिमें घटनास्थल पर चारि गोटा निर्दोष सत्याग्रही के मृत्यु भऽ गेल जखन कि लगभग २४ आदमी घायल भऽ गेलाह। नेपाल में कोनो आन्दोलनमें भाग लेनिहार पर एतेक शक्तिशाली बम के प्रयोग आ सेहो सुनियोजित ढंग सऽ होयब अनबुझ रहस्य के तरफ तऽ इशारा करिते अछि संगे मिथिला के पहचान पर एहेन जबरदस्त चोट करब उग्रवादी तत्त्वके अपराधिक मनोवृत्तिके सेहो उजागर करैत अछि। मिथिलाके इतिहासमें शायद ई पहिल दुर्भाग्यपूर्ण बमकाण्ड केर घटना थीक। विगत किछु दिन सँ मिथिला राज्य संघर्ष समिति अपन माँग मिथिला राज्य के निर्माण प्रति नेपाल सरकार के ध्यानाकर्षण हेतु चरणबद्ध रूपमें करैत आबि रहल छल। ठीक जानकी नवमी एहेन पुनीत अवसर पर जनकपुरके पावन धाम के एहेन निन्दनीय घटना सऽ अपवित्रता केर कलंक लगायल गेल। समूचा मिथिलांचल के लोक नेपाल, भारत के संग विश्वके अनेको कोणमें रहनिहार के स्तब्ध कय देलक।

विगत किछु वर्षमें नेपाल सऽ राजतंत्रके खात्मा भेला उपरान्त नया संविधान बनबाक क्रम जारी अछि आ आब मुश्किल सऽ किछु दिन मात्र बाकी अछि जखन नेपाल के संविधान के घोषणा करब अनिवार्य अछि। नेपाल के सर्वोच्च अदालत एक अन्तिम तारीख जेठ १४ गते तक बनाबय लेल संविधान सभाके निर्देशन देने अछि। एहि अन्तिम तारीखके घोषणा भेला उपरान्त वर्तमानमें एहिठाम समस्त जनमानस अपन-अपन जातीय, क्षेत्रीय, सांस्कृतिक, भाषिक व अन्य पहचान के संविधानमें स्थान दियेबाक लेल व्यग्र अछि। एहेन कोनो दिन नहि जे कतहु बन्दी नहि होइ, हड़ताल नहि होइ वा कोनो प्रकार के माँग जनता अपन तरीका सँ सरकार के समक्ष प्रस्तुत नहि करैत हो। राजनीतिक दल सभ सेहो आपसी सहमति लेल जी-तोड़ प्रयास कय रहल अछि। जखन कि मिथिला प्रति सभके हृदयमें सम्मान छैक, लेकिन मधेस के राजनीति आ समग्र मधेस एक प्रदेश के माँग जाहिपर पहिले बेर एतेक रास सभासद चुनाव जीतिके संविधान सभा पहुँचल अछि, एहि सभ सँ मिथिला प्रति उदासीनता स्पष्ट रूपमें देखल जा रहल अछि। जे माओवादी पार्टी अपन चुनावी घोषणापत्र में संघीय नेपालमें मिथिला राज्य के सम्मानपूर्वक गठन करब कहने छलैक तेकर किछुवे दिन पूर्व एक नया प्रस्तावना राज्य-पुनर्गठन आयोग समक्ष रखलक जाहिमे मिथिला के नामोनिशान तक नहि देखेलक आ एक नया नाम मधेस विराट प्रदेश के चर्चा कयलक जाहि सँ मिथिलाके लोकमें उद्वेलन भेलैक आ तदोपरान्त मिथिला राज्य संघर्ष समिति अपन शान्तिपूर्ण आन्दोलन विभिन्न चरणमें करैत आबि रहल छल आ वर्तमानमें सेहो निरंतरता पौने छैक। मिथिला लेल मधेसवादी दल के द्वैत चरित्र सेहो देखयमें अबैत छैक। नेपाल के गणतंत्र घोषित होइते उत्पीड़ित पक्ष सभ के दबल आवाज उखड़लैक आ एहि में मधेस के आन्दोलन द्वारा मधेसीके सम्मान उपलब्धिमूलक भेलैक। चारू कात सऽ बस एक आवाज एलैक जे पहिले समग्र मधेस एक प्रदेश के मान्यता भेटैक तदोपरान्त मधेस भीतर जतेक संस्कृति, भाषा-भाषी, जात-जाति आदि छैक तेकरा लेल विकास क्षेत्र के रूपमें अलग-अलग प्रदेश बनायल जेतैक। लेकिन राजनीतिक धार के दिशा संक्रमण काल के एहि किछुवे वर्ष में एहेन बनि गेल छैक जे मधेस एक प्रदेश निर्माण व्यवहारिक नहि छैक, एतय तक जे स्वयं मधेसवादी दल जे सत्तामें पर्यन्त साझेदार छैक सेहो सभ अलग-अलग फोरम सऽ आवाज निकालय लागल छैक जे एक मधेस प्रदेश के माँग व्यवहारिक नहि छैक। एतबा नहि... मधेस एक प्रदेश के सभ सऽ पैघ बाधक एहिठाम के आदिवासी, जनजाति, मुसलिम आदि सेहो अपन पहचान मधेसी के रूपमें करय सऽ इनकार कयलाके बाद एहेन झगड़ा आ अन्तर्कलह के स्थिति उत्पन्न भेलैक जे नेपालमें एक मधेस प्रदेश के माँग लगभग अनिश्चित बनि गेलैक।

नेपालमें सभ दिन राजनीतिक निर्णयमें भारतके मुख्य भूमिका देखल गेलैक अछि। हालहि भारत के सेना प्रमुख अपन नेपाल यात्रा पर आयल समयमें प्रेसके सम्बोधित करैत कहलखिन जे नेपालमें एक मधेस प्रदेश के प्रारूप व्यवहारिक नहि छैक। नेपाल के प्रमुख राजनीतिक दल नेपाली काँग्रेस, एमाले व एमाओवादी सभ एहि बात पर अपन प्रतिबद्धता जाहिर कयलक जे नेपालमें एक मधेस प्रदेश संभव नहि होयत। तखन आब मिथिलाके पहचान लेल राजनीतिक दलमें कि सोच अछि व हुनका सभके द्वारा राखल गेल प्रारूपमें मिथिला के चर्चा किऐक नहि कैल गेल अछि इत्यादि महत्त्वपूर्ण विन्दुपर मैथिल सभ सोचय लगलाह आ लगभग तीन दशक सऽ मिथिला राज्यके माँग करनिहार मिथिला राज्य संघर्ष समिति के नेतृत्वमें ई माँग राखल गेल जे मिथिला राज्य कायम कैल जाय।

एहि तरहक अनेको आन्दोलन नेपालमें सर्वत्र चलि रहल अछि। मधेसमें अन्य समूह द्वारा सेहो अपन पहचान आ क्षेत्र के अलग राज्यके रूपमें कायम करबाक लेल आन्दोलन चलि रहल अछि। लेकिन किछु धार एहनो अछि जे मधेस स्वतंत्र देश निर्माण करय लेल अपन प्रतिबद्धता जाहिर करैत आबि रहल अछि। वर्तमान हमला के जिम्मेवारी एहने एक गूट लेलक अछि जेकर माँग मधेस स्वतंत्र देश के छैक। लेकिन विडंबना एहेन छैक जे अन्य समूह द्वारा मधेसमें कैल जा रहल कोनो माँग के प्रतिकार स्वरूप आइ धैर एहेन कोनो कार्रबाई एहि भूमिगत समूह सभ द्वारा नहि कैल गेल अछि। लेकिन मिथिलाके लोक स्वभाव सऽ कोमल हृदयके आ व्यक्तिवादी सोचमें बेसी अग्रसर रहैछ तखन एहेन माँग लऽ के सड़क पर आन्दोलन करैत देखि प्रतिद्वंद्विताके भावना सऽ या अन्जान कोनो भय व आक्रोश के कारण एहेन जघन्य हमला कैल गेल संभव बुझैछ।

नेपालमें हर तरफ सऽ एहि हमलाके निन्दा भेल अछि। भूमिगत संगठन सभ सेहो एहि तरहक कार्रबाई के अपराधिक कहलक अछि। राष्ट्रसंघीय मिशन द्वारा घटनाके संज्ञान लैत नेपाल सरकार सऽ निष्पक्ष जाँच करैत आवश्यक कार्रबाई के सिफारिश कैल गेल। तहिना भारत के दूतावास द्वारा सेहो एहि घटना के भर्त्सना कैल गेल। समूचा राष्ट्रमें एक अजीब शोक-लहर पसैर गेल अछि। मिथिला क्षेत्र सँ बाहर सेहो मैथिल सभ एकर भर्त्सना आ शोक सभा कय रहल छथि। भारतमें सेहो एहि घटना पर मैथिल सभ अपन आक्रोश प्रकट कयलनि अछि। राजनीतिकर्मी सभ मिथिला राज कायम करय लेल अपन शुभकामना संदेश पठौलनि अछि। आगामी १२ मई, २०१२ के एक वृहत रैली के द्वारा श्रद्धाञ्जलि सभा जानकी मन्दिर प्राँगणमें आयोजित कैल जायत से मिथिला राज्य संघर्ष समिति के सह-संयोजक सुनील मल्लिक बतौलनि अछि। संयोजक परमेश्वर कापड़ि सेहो बम-हमलामें घायल भऽ गेल छलाह। हुनक इलाज काठमाण्डुमें चलि रहल छन्हि आ ओ खतरा सऽ बाहर छथि। एहि घटनामें मारल गेल पाँचो जनकेँ नेपाल सरकार शहीद घोषणा कयलक आ सभक परिवार के दस-दस लाख के क्षतिपूर्ति उपलब्ध कराबय के घोषणा कयलक अछि। संगहि घायल सभक बेहतरीन इलाज लेल स्वयं प्रधानमंत्री एक विशेष मिटींग करैत डाक्टर सभके निर्देशन देलनि। घटना के फोटो सभ निम्न अछि।



- प्रवीण चौधरी



मिथिला राज्य संघर्ष समिति - जनकपुर द्वारा सभा-गोष्ठीके दृश्य

जानकी नवमी दिन धरना पर बैसकी के घटना सऽ किछु काल पहिलेक दृश्य

घटनामें प्रयुक्त मोटरसाइकिल - एहि में बम लगायल गेल छल

घटना उपरान्त के दृश्य

घटनामें शहीद प्रसिद्ध रंगकर्मी रंजू झा के मृत शरीर

बम लागल मोटरसाइकिल के क्षतिग्रस्त भेलापर के दृश्य

घटना उपरान्तक दृश्य

मिथिला राज्य संघर्ष समिति - संयोजक परमेश्वर कापड़ि गंभीर घायल अबस्थामें

घटनामें घायल दीपेन्द्र दास के उद्धारकर्ता एम्बुलेन्स तरफ लऽ जाइत कालक दृश्य - ४ दिन तक भेन्टीलेटर पर रहला के बाद अन्तिम साँस लेनिहार दीपेन्द्र दास

घटना उपरान्त शहीदके अन्तिम यात्राकालके दृश्य

Prasiddh Rangkarmi Ranju Jha - Shahid bain geli Mithila Rajya ke lel - Janaki Navami ke din Janakpur me!

Ghatna me shahid 5 jan ke photo sang shraddhanjali rally lel aamantran patra

Ghatna ke virodh me Rajbiraj me aandolankaari sabh virodh sabha aa putla dahan me..

Rajbiraj ke virodh juloos

Itahari ke shok sabha

Itahari ke shok sabha

Biratnagar ke shok sabha

Biratnagar ke shok sabha

Biratnagar ke shok sabha
अपन घर के खोज नहि अन्ना के पुछारि
अपने भ्रष्ट से सोच नहि सभ्यताके बिसारि!

मिथिला राज बनाबय लेल तेलंगाना के वेट
बारीक पटुआ तीत अछि दूरक लगबी रेट!

कौआ कुचरय सांझ के खायब नहि आब गुँह
भिन्सर फेरो बिसरैत अछि दौड़ि मारय मुँह!

मोरक पाँखि पहिरि के नाचि सकय नहि जोर
पाउडर मुँह रगड़ि कतबो बनय केओ कि गोर!

नित्य नया टन्टा झाड़य मारय झटहा तीर
महाबूड़ि कोढिया मनुख बनय हमेशा वीर!

साहित्यक समुद्रमें सुन्दर सनके सम्हारि
हाइकू शेर्न्यू रूबाइ ओ गजलक देखू मारि!

चोर-चोर हल्ला मचबय गाम के भेल जगारि
भेल पुछारि जे चोर कतय चोरहि हल्ला पारि!

देख रे मूढ टेटर अपनहु माथ भरल छौ आगि
प्रवीण भनें गैरखोर बनें चोतमल काजक लागि!
रचना :- प्रवीन नारायण चौधरी

हरिः हरः!

रविवार, 29 जुलाई 2012

बाल गजल


प्रस्तुत कऽ रहल छी हम अपन पहिल बाल गजल। ई गजल एकटा बाल मजदूरक पीडा पर आधारित अछि। अहाँ सभक प्रतिक्रियाक आकांक्षी छी।
बाल गजल
करबा नै मजूरी माँ पढबै हमहूँ
नै रहबै कतौ पाछू बढबै हमहूँ

हम छी छोट सपना पैघ हमर छै गे
कीनब कार जकरा पर चढबै हमहूँ

टूटल छै मडैया आस मुदा ई छै
सोना अपन छत कहियो मढबै हमहूँ

चारू कात पसरल दुखक अन्हरिया छै
कटतै ई अन्हरिया आ बढबै हमहूँ

पढि-लिख खूब सब तरि नाम अपन करबै
जिनगी "ओम" सुन्नर ई गढबै हमहूँ
दीर्घ-दीर्घ-दीर्घ-ह्रस्व दीर्घ-दीर्घ-दीर्घ-ह्रस्व ह्रस्व-दीर्घ-दीर्घ-दीर्घ
(मफऊलातु-मफाऊलातु-मफाईलुन)- एक बेर प्रत्येक पाँति मे

मंगलवार, 24 जुलाई 2012

मिथिलाक जिला आ ओकर आबादी ।


Krishnanand Choudharyposted to मिथिलाक जिला आ ओकर आबादी ।




बिहार आ झारखण्डक निम्नोक्त जिला संभावित मिथिला राज्यक अंतर्गत अबैत अछि । जिला सभक संग ओकर जनसंख्या सेहो देल गेल अछि , जे जनगणना 2011क अंतरिम आँकड़ा पर आधारित अछि ।
* w. champaaran-3922780
* e.champaaran-5082868
* sitamadhi-3419622
* shivhar-656916
* madhubani-4476044
* muzaffarpur-4778610
* darbhanga-3921971
* vaishali-3495249
* samastipur-4254782
* supaul-2228397
* araria-2806200
* kishanganj-1690948
* madhepura-1994618
* saharsa-1897102
* purania-3273127
* khagaria-1657599
* katihaar-3068149
* begusarai-2954367
* munger-1359054
* bhagalpur-3032226
* lakhisharaai-1000717
* jamui-1756078
* baka-2029339
* godda-1311382
* saahebganj-1150038
* deoghar-1491879
* dumka-1321096
* paakur-899200
* jamtaara-790207

उपरोक्त जिला सभक जनसंख्या जोड़लाक उपरान्त मिथिलाक कुल
जनसंख्या 7,17,20,565 होइत अछि ।

शुक्रवार, 20 जुलाई 2012

फ़ेसबुकिया पति (कविता)


केहन मनुखसं पड़िगेल पल्ला
सगरो भए गेल छुच्छे हल्ला !

फ़ेसबुक पर दिन भरि बैसल
धड़ खसौने वो असगर बैसल
घरमें भेल मुंह फ़ुल्ली-फ़ुल्ला
केहन मनुखसं पड़िगेल पल्ला
सगरो भए गेल छुच्छे हल्ला !

मुंह मोड़ि, सब काज छोड़ि,
दिनचरजा के देलखिन तोड़ि
आब प्रियतम भेल निठल्ला
केहन मनुखसं पड़िगेल पल्ला
सगरो भए गेल छुच्छे हल्ला !

कनफ़ुकबामें मुंह-कान सटौने
मूस-पीठके सदिखन मूठियेने
सीन देखिकए फ़ूटे हंसगुल्ला
केहन मनुखसं पड़िगेल पल्ला
सगरो भए गेल छुच्छे हल्ला !

धिया पुता के भेल आजादी
सच पुछू त भविष्यक बरबादी
ककरो अलगे ने कोनो कल्ला
केहन मनुखसं पड़िगेल पल्ला
सगरो भए गेल छुच्छे हल्ला !

घरक कनिया तनिया मुनिया
नून, हरदि, दालि मूंग ,धनिया
भंसा घरक खाली भेल गल्ला
गृह-कलह जानल सब मोहल्ला
केहन मनुखसं पड़िगेल पल्ला
सगरो भए गेल छुच्छे हल्ला ।

- भास्कर झा 20 जुलाई 2012

भाई, हमहुं कवि छी (हास्य)


हमहुं किछु लिखलै छी
मनमें फ़ुटैत बात कहुना
किछु बिम्ब,किछु छंद संग
तुकबंदी, शब्दक अंग भंग
सुखद अभाव केर छवि छी ।
भाई, आब हमहुं कवि छी ।

हमहुं कहिं ऊड़ि जायत छी
कल्पनाक पांखि लगा कए
कखनो बहैत बसातक संग
मनमें चहकैत चिड़ै के संग
विचारक की आब कमी छी ?
भाई, आब हमहुं कवि छी ।

हमहुं घुसि जायत छी कहुना
पकड़ने आयोजकक ठाड़ टीकी
नित चलैत सब काव्य-गोष्ठी में
मिथिला– मैथिलीक संगोष्ठी में
किछु विशेष प्रतिभाक धनी छी
……..भाई, आब हमहुं कवि छी ।

हमहुं जोगाड़ कय लैत छी
आलेख-प्रलेख, काव्यक पेटी
किछु काटी -किछु छांटि कए
रचना -सर्जना सब बांटि कए
-----साहित्यक जे पुजारी छी
भाई, आब हमहुं कवि छी !!!!

-भास्कर झा 19 जुलाई 2012

हम भन्ने नहिं छी (हास्य)


हम भन्ने नहिं छी 
--------तथाकथित कवि
नईं त आई हमहुं रहितहुं
साहित्यक अन्हार कोना में
छल-बल लोकक कोनो खेमा में !

हम भन्ने नहिं छी 
-------कोनो साहित्यकार
नईं त आई हमहुं लड़ितहुं
पुरस्कार तुरस्कार के लेल
अहि संग देय टाका के लेल।

हम भन्ने नहिं छी
---------- कोनो कथाकार
नईं त आई हमहुं लिखतहुं
पुरस्कार लोलुपक खिस्सा
खएतहुं गायरक अप्पन हिस्सा !

हम भन्ने नहीं छी
प्रगतिशीलताक कोनो पुरोधा
नहिं त हमहुं पतीत होयतहुं
सब सर्वहारा वर्गक नाम पर
लोक पीठ थपथपी ईनाम पर ।

हम भन्ने नहीं छी
कोनो पत्रिकाक पाठक
नहिं त हमरो मन में रहैत
रचना छपबावक सेहन्ता
फ़ुसफ़ुसिया आ व्यर्थक चिन्ता !
---- भास्कर झा 17 जुलाई 2012

रविवार, 15 जुलाई 2012

७६म सगर राति दीप जरय चेन्नै मे १४ जुलाइ २०१२क साँझसँ १५ जुलाइ २०१२क भोर धरि सम्पन्न (चित्र साभार विभा रानी आ अभिजीत चन्द्र) -रिपोर्ट पूनम मण्डल)

विदेह भाषा सम्मान २०१२-१३ (वैकल्पिक साहित्य अकादेमी पुरस्कारक रूपमे प्रसिद्ध) बाल साहित्य पुरस्कार २०१२- श्री जगदीश प्रसाद मण्डल केँ “तरेगन” बाल प्रेरक विहनि कथा संग्रह लेल देबाक घोषणा भेल अछि।

विदेह भाषा सम्मान २०१२-१३ (वैकल्पिक साहित्य अकादेमी पुरस्कार रूपेँ प्रसिद्ध) - बाल साहित्य लेल विदेह सम्मान २०१२- श्री जगदीश प्रसाद मण्डल जी केँ हुनकर बाल-प्रेरक विहनि कथा संग्रह "तरेगन" लेल ई पुरस्कार देल जा रहल अछि। ई पुरस्कार विदेह नाट्य उत्सव २०१३ क समारोहमे देल जाएत। “तरेगन” केँ सभसँ बेशी वोट भेटलै। तीनटा पोथी १.जगदीश प्रसाद मण्डलक तरेगन, २. जीवकान्तक “खिखिरक बीअरि” आ ३.मुरलीधर झा क “पिलपिलहा गाछ” केँ विदेह www.videha.co.in पर भऽ रहल ऑनलाइन वोटिंगमे राखल गेल छल। विशेषज्ञक मतानुसार “पिलपिलहा गाछ”मे बहुत रास कथा अछि जकरा बाल कथा नै कहल जा सकैए, तइ दुआरे ऐ पोथीकेँ लिस्टसँ हटा देल गेल कारण ई पुरस्कार बाल साहित्य लेल अछि, ओनाहितो ऐ पोथीकेँ सभसँ कम वोट भेटल रहै। ऐ पोथी सभक अतिरिक्त आन पोथी सभपर विचार नै कएल गेल कारण ओ सभ पोथीक आकारक नै वरन् बुकलेटक आकारक छल। श्री जगदीश प्रसाद मण्डल (जन्म १९४७- ) मात्र मैथिलीमे लिखै छथि आ ओ ढेर रास विहनि कथा, लघु कथा, दीर्घ कथा, उपन्यास, कविता आ नाटक लिखने छ्हथि। हुनका मैथिलीक सर्वश्रेष्ठ भूत आ वर्तमानक लेखकक रूपमे जानल जाइत अछि। हुनका “गामक जिनगी” (लघुकथा संग्रह) लेल विदेह समानान्तर साहित्य अकादेमी पुरस्कार २०११ आ टैगोर साहित्य पुरस्कार २०११ सेहो देल गेल अछि। तरेगन (२०१०) जगदीश प्रसाद मण्डल जी लिखित बाल-प्रेरक विहनि कथा संग्रह थिक। श्री जगदीश प्रसाद मण्डल जी केँ बाल सहित्य २०१२ लेल विदेह सम्मान प्राप्त करबा लेल बधाइ। समानान्तर साहित्य अकादेमी पुरस्कार २०१२-१३ विदेह सम्मान २०१२- बाल साहित्य लेल (वैकल्पिक साहित्य अकादेमी पुरस्कार रूपमे प्रसिद्ध) श्री जगदीश प्रसाद मण्डल केँ तरेगन (२०१०) - बाल-प्रेरक विहनि कथा संग्रह लेल विदेह मूल साहित्य पुरस्कार २०१२, विदेह युवा पुरस्कार २०१२ आ विदेह अनुवाद पुरस्कार २०१३(वैकल्पिक साहित्य अकादेमी पुरस्कार रूपमे प्रसिद्ध) केर घोषणा शीघ्र कएल जाएत। विदेह भाषा सम्मान २०१२-१३ (वैकल्पिक साहित्य अकादेमी पुरस्कारक रूपमे प्रसिद्ध) बाल साहित्य पुरस्कार २०१२- श्री जगदीश प्रसाद मण्डल केँ “तरेगन” बाल प्रेरक विहनि कथा संग्रह

VIDEHA BHASHA SAMMAN 2012 FOR CHILDREN LITERATURE
(POPULARLY KNOWN AS ALTERNATIVE SAHITYA AKADEMI AWARDS)
“TAREGAN” MAITHILI CHILDREN SEED STORIES WRITTEN BY SH. JAGDISH PRASAD MANDAL HAS BEEN SELECTED FOR VIDEHA SAMMAN 2012 FOR CHILDREN LITERATURE. The award will be presented during VIDEHA DRAMA FESTIVAL 2013.
Taregan got most number of votes. Three books 1. Taregan by Sh. Jagdish Prasad Mandal, Khikhirak biyari by Sh. Jeevkant and Pilpilha Gachh by Sh. Murlidhar Jha were put for online voting at www.videha.co.in  for this award. As per opinion of experts  Pilpilha Gachh by Sh. Murlidhar Jha was found to contain many normal stories which are not children stories, therefore, this book was removed from the list, as this award is for children literature, otherwise also it got least number of votes. Besides these books other books were not considered for voting as those were not books but booklets.
Sh. Jagdish Prasad Mandal (b. 1947 ) writes exclusively in Maithili and has written numerous seed stories, short stories, long stories, novels, poems and plays. He is being considered best Maithili author of past and present. He was awarded Videha Parallel Sahitya Akademi Award 2011 for his book Gamak Jingi (collection of short stories). He was awarded Tagore Literature Award 2011 also for his book Gamak Jingi (collection of short stories).
Taregan(2010) is a collection of Inspirational Children Seed Stories written by Sh. Jagdish Prasad Mandal.
Congratulations to Sh. Jagdish Prasad Mandal for winning VIDEHA SAMMAN 2012 FOR CHILDREN LITERATURE.
PARALLEL SAHITYA AKADEMI AWARDS 12-13
VIDEHA SAMMAN 2012 FOR CHILDREN LITERATURE (POPULARLY KNOWN AS ALTERNATIVE SAHITYA AKADEMI AWARDS)-  Sh. Jagdish Prasad Mandal for Taregan(2010) - a collection of Inspirational Children Seed Stories.
VIDEHA MOOL SAHITYA PURASKAR 2012,  VIDEHA YUVA PURASKAR 2012 and VIDEHA TRANSLATION AWARD 2013 (POPULARLY KNOWN AS ALTERNATIVE SAHITYA AKADEMI AWARDS) WOULD BE ANNOUNCED IN DUE COURSE.

विदेह भाषा सम्मान २०१२-१३ (वैकल्पिक साहित्य अकादेमी पुरस्कारक रूपमे प्रसिद्ध)
बाल साहित्य पुरस्कार २०१२- श्री जगदीश प्रसाद मण्डल केँ “तरेगन” बाल प्रेरक विहनि कथा संग्रह  
(sd-Gajendra Thakur, editor, videha www.videha.co.in)

विदेह सम्मान
-मैथिली नाटक/ संगीत/ कला/ मूर्तिकला/ फिल्मक समानान्तर दुनियाँक अभिलेखन आ सम्मान सेहो हएत विदेह सम्मानक घोषणा द्वारा

-ई घोषणा दिसम्बरक अन्त वा जनवरी २०१२ मे हएत
-मैथिली नाटक/ संगीत/ कला/ मूर्तिकला/ फिल्मक समानान्तर दुनियाँक अभिलेखन आ सम्मान कएल जाएत
-विदेह नाट्य उत्सव २०१२ क अवसरपर प्रदान कएल जाएत ई सम्मान।"

विदेह सम्मान

["पूनम मंडल आ प्रियंका झाक मैथिली न्यूज पोर्टल।

-अगस्त २०११ सँ सभ मास "ऐ मासक सभसँ नीक समदिया" सम्मानक घोषणा कएल जा रहल अछि

-समदिया- पूनम मंडल आ प्रियंका झाक मैथिली न्यूज पोर्टल। विदेह- प्रथम मैथिली पाक्षिक ई-पत्रिका ISSN 2229-547X VIDEHA सम्पादक-सूचना-सम्पर्क-समाद पूनम मंडल आ प्रियंका झा। - द्वारा "ऐ मासक सभसँ नीक समदिया"क घोषणा सभ मास भऽ रहल अछि

- सालक अन्तमे "सर्वश्रेष्ठ मैथिली पत्रकारिता" लेल ऐ १२ टा देल सम्मानमे सँ सर्वश्रेष्ठकेँ "विदेह पत्रकारिता सम्मान" देल जाएत।

-अगस्त २०१२ मे हएत "विदेह पत्रकारिता सम्मान"क घोषणा।

विदेह सम्मान
समदिया- पूनम मंडल आ प्रियंका झाक मैथिली न्यूज पोर्टल।विदेह- प्रथम मैथिली पाक्षिक ई-पत्रिका ISSN 2229-547X VIDEHA सम्पादक-सूचना-सम्पर्क-समाद पूनम मंडल आ प्रियंका झा।

अपन इलाकाक कोनो समाचार ऐ अन्तर्जाल (http://esamaad.blogspot.com/)पर देबा लेल , समाचार poonamberma@gmail.com वा priyanka.rachna.jha@gmail.com पर पठाउ वा एतए http://www.facebook.com/groups/samadiya/ फेसबुकपर राखू।"]

नेपाल प्रज्ञा प्रतिष्ठानक सदस्यता (नेपाल देशक भाषा-साहित्य,  दर्शन, संस्कृति आ सामाजिक विज्ञानक क्षेत्रमे  सर्वोच्च सम्मान)

नेपाल प्रज्ञा प्रतिष्ठानक सदस्यता
श्री राम भरोस कापड़ि 'भ्रमर' (2010)
श्री राम दयाल राकेश (1999)
श्री योगेन्द्र प्रसाद यादव (1994)

नेपाल प्रज्ञा प्रतिष्ठान मानद सदस्यता
स्व. सुन्दर झा शास्त्री

नेपाल प्रज्ञा प्रतिष्ठान आजीवन सदस्यता
श्री योगेन्द्र प्रसाद यादव



फूलकुमारी महतो मेमोरियल ट्रष्ट काठमाण्डू, नेपालक सम्मान
फूलकुमारी महतो मैथिली साधना सम्मान २०६७ - मिथिला नाट्यकला परिषदकेँ
फूलकुमारी महतो मैथिली प्रतिभा पुरस्कार २०६७ - सप्तरी राजविराजनिवासी श्रीमती मीना ठाकुरकेँ
फूलकुमारी महतो मैथिली प्रतिभा पुरस्कार २०६७ -बुधनगर मोरङनिवासी दयानन्द दिग्पाल यदुवंशीकेँ


विद्यापति पुरस्कार कोषक पुरस्कार- मैथिली भाषा, साहित्य, कला संस्कृतिक लेल नेपाल सरकार द्वारा स्थापित नेपालमे सभसँ बड़का राशिक पुरस्कार। 

विद्यापति पुरस्कार कोषक लेल विभिन्न पाँच विद्यामे २०१२ (

२०६८ कातिक १८ गते नेपाल सरकार एक करोड रुपैयाक विद्यापति पुरस्कार कोषक स्थापना कएने छल, तकरा बाद र्इ पुरस्कार पहिल वेर देल जा रहल अछि।)
दु लाखक नेपाल विद्यापति मैथिली भाषा साहित्य पुरस्कार मैथिलीक वरिष्ठ साहित्यकार डा. राजेन्द्र विमलकेँ।
एक लाखक नेपाल विद्यापति मैथिली कला संस्कृति पुरस्कार शहीद रंजु झाकेँ
एक लाखक नेपाल विद्यापति मैथिली अनुसन्धान पुरस्कार डा. रामावतार यादवकेँ
एक लाखक नेपाल विद्यापति मैथिली पाण्डुलिपी पुरस्कार साहित्यकार परमेश्वर कापडिकेँ
एक लाखक नेपाल विद्यापति मैथिली अनुबाद पुरस्कार डा. रामदयाल राकेशकेँ


साहित्य अकादेमी  फेलो- भारत देशक सर्वोच्च साहित्य सम्मान (मैथिली)


           १९९४-नागार्जुन (स्व. श्री वैद्यनाथ मिश्र “यात्री” १९११-१९९८ ) , हिन्दी आ मैथिली कवि।


           २०१०- चन्द्रनाथ मिश्र अमर (१९२५- ) - मैथिली साहित्य लेल।



साहित्य अकादेमी भाषा सम्मान ( क्लासिकल आ मध्यकालीन साहित्य आ गएर मान्यताप्राप्त भाषा लेल):-
           
           २०००- डॉ. जयकान्त मिश्र (क्लासिकल आ मध्यकालीन साहित्य लेल।)
           २००७- पं. डॉ. शशिनाथ झा (क्लासिकल आ मध्यकालीन साहित्य लेल।)
            पं. श्री उमारमण मिश्र


साहित्य अकादेमीक टैगोर साहित्य पुरस्कार

२०११- जगदीश प्रसाद मण्डल (गामक जिनगी, लघु कथा संग्रह)


साहित्य अकादेमी पुरस्कार- मैथिली


१९६६- यशोधर झा (मिथिला वैभव, दर्शन)

१९६८- यात्री (पत्रहीन नग्न गाछ, पद्य)

१९६९- उपेन्द्रनाथ झा “व्यास” (दू पत्र, उपन्यास)

१९७०- काशीकान्त मिश्र “मधुप” (राधा विरह, महाकाव्य)

१९७१- सुरेन्द्र झा “सुमन” (पयस्विनी, पद्य)

१९७३- ब्रजकिशोर वर्मा “मणिपद्म” (नैका बनिजारा, उपन्यास)

१९७५- गिरीन्द्र मोहन मिश्र (किछु देखल किछु सुनल, संस्मरण)

१९७६- वैद्यनाथ मल्लिक “विधु” (सीतायन, महाकाव्य)

१९७७- राजेश्वर झा (अवहट्ठ: उद्भव ओ विकास, समालोचना)

१९७८- उपेन्द्र ठाकुर “मोहन” (बाजि उठल मुरली, पद्य)

१९७९- तन्त्रनाथ झा (कृष्ण चरित, महाकाव्य)

१९८०- सुधांशु शेखर चौधरी (ई बतहा संसार, उपन्यास)

१९८१- मार्कण्डेय प्रवासी (अगस्त्यायिनी, महाकाव्य)

१९८२- लिली रे (मरीचिका, उपन्यास)

१९८३- चन्द्रनाथ मिश्र “अमर” (मैथिली पत्रकारिताक इतिहास)

१९८४- आरसी प्रसाद सिंह (सूर्यमुखी, पद्य)

१९८५- हरिमोहन झा (जीवन यात्रा, आत्मकथा)

१९८६- सुभद्र झा (नातिक पत्रक उत्तर, निबन्ध)

१९८७- उमानाथ झा (अतीत, कथा)

१९८८- मायानन्द मिश्र (मंत्रपुत्र, उपन्यास)

१९८९- काञ्चीनाथ झा “किरण” (पराशर, महाकाव्य)

१९९०- प्रभास कुमार चौधरी (प्रभासक कथा, कथा)

१९९१- रामदेव झा (पसिझैत पाथर, एकांकी)

१९९२- भीमनाथ झा (विविधा, निबन्ध)

१९९३- गोविन्द झा (सामाक पौती, कथा)

१९९४- गंगेश गुंजन (उचितवक्ता, कथा)

१९९५- जयमन्त मिश्र (कविता कुसुमांजलि, पद्य)

१९९६- राजमोहन झा (आइ काल्हि परसू, कथा संग्रह)

१९९७- कीर्ति नारायण मिश्र (ध्वस्त होइत शान्तिस्तूप, पद्य)

१९९८- जीवकान्त (तकै अछि चिड़ै, पद्य)

१९९९- साकेतानन्द (गणनायक, कथा)

२०००- रमानन्द रेणु (कतेक रास बात, पद्य)

२००१- बबुआजी झा “अज्ञात” (प्रतिज्ञा पाण्डव, महाकाव्य)

२००२- सोमदेव (सहस्रमुखी चौक पर, पद्य)

२००३- नीरजा रेणु (ऋतम्भरा, कथा)

२००४- चन्द्रभानु सिंह (शकुन्तला, महाकाव्य)

२००५- विवेकानन्द ठाकुर (चानन घन गछिया, पद्य)

२००६- विभूति आनन्द (काठ, कथा)

२००७- प्रदीप बिहारी (सरोकार, कथा)

२००८- मत्रेश्वर झा (कतेक डारि पर, आत्मकथा)

२००९- स्व.मनमोहन झा (गंगापुत्र, कथासंग्रह)

२०१०-श्रीमति उषाकिरण खान (भामती, उपन्यास)

२०११- श्री उदयचन्द्र झा "विनोद" (अपक्ष, कविता संग्रह)


साहित्य अकादेमी मैथिली अनुवाद पुरस्कार


१९९२- शैलेन्द्र मोहन झा (शरतचन्द्र व्यक्ति आ कलाकार-सुबोधचन्द्र सेन, अंग्रेजी)

१९९३- गोविन्द झा (नेपाली साहित्यक इतिहास- कुमार प्रधान, अंग्रेजी)

१९९४- रामदेव झा (सगाइ- राजिन्दर सिंह बेदी, उर्दू)

१९९५- सुरेन्द्र झा “सुमन” (रवीन्द्र नाटकावली- रवीन्द्रनाथ टैगोर, बांग्ला)

१९९६- फजलुर रहमान हासमी (अबुलकलाम आजाद- अब्दुलकवी देसनवी, उर्दू)

१९९७- नवीन चौधरी (माटि मंगल- शिवराम कारंत, कन्नड़)

१९९८- चन्द्रनाथ मिश्र “अमर” (परशुरामक बीछल बेरायल कथा- राजशेखर बसु, बांग्ला)

१९९९- मुरारी मधुसूदन ठाकुर (आरोग्य निकेतन- ताराशंकर बंदोपाध्याय, बांग्ला)

२०००- डॉ. अमरेश पाठक, (तमस- भीष्म साहनी, हिन्दी)

२००१- सुरेश्वर झा (अन्तरिक्षमे विस्फोट- जयन्त विष्णु नार्लीकर, मराठी)

२००२- डॉ. प्रबोध नारायण सिंह (पतझड़क स्वर- कुर्तुल ऐन हैदर, उर्दू)

२००३- उपेन्द दोषी (कथा कहिनी- मनोज दास, उड़िया)

२००४- डॉ. प्रफुल्ल कुमार सिंह “मौन” (प्रेमचन्द की कहानी-प्रेमचन्द, हिन्दी)

२००५- डॉ. योगानन्द झा (बिहारक लोककथा- पी.सी.राय चौधरी, अंग्रेजी)

२००६- राजनन्द झा (कालबेला- समरेश मजुमदार, बांग्ला)

२००७- अनन्त बिहारी लाल दास “इन्दु” (युद्ध आ योद्धा-अगम सिंह गिरि, नेपाली)

२००८- ताराकान्त झा (संरचनावाद उत्तर-संरचनावाद एवं प्राच्य काव्यशास्त्र-गोपीचन्द नारंग, उर्दू)

२००९- भालचन्द्र झा (बीछल बेरायल मराठी एकाँकी-  सम्पादक सुधा जोशी आ रत्नाकर मतकरी, मराठी)

२०१०- डॉ. नित्यानन्द लाल दास ( "इग्नाइटेड माइण्ड्स" - मैथिलीमे "प्रज्वलित प्रज्ञा"- डॉ.ए.पी.जे. कलाम, अंग्रेजी)
२०११- श्री खुशीलाल झा (उपरवास कथात्रयी, रघुवीर चौधरीक गुजराती उपन्यास)

साहित्य अकादेमी मैथिली बाल साहित्य पुरस्कार


२०१०-तारानन्द वियोगीकेँ पोथी "ई भेटल तँ की भेटल"  लेल
२०११- ले.क. मायानाथ झा "जकर नारी चतुर होइ" लेल

साहित्य अकादेमी युवा पुरस्कार

२०११- श्री आनन्द कुमार झा (हठात परिवर्तन, नाटक)

प्रबोध सम्मान


प्रबोध सम्मान 2004- श्रीमति लिली रे (1933- )

प्रबोध सम्मान 2005- श्री महेन्द्र मलंगिया (1946- )

प्रबोध सम्मान 2006- श्री गोविन्द झा (1923- )

प्रबोध सम्मान 2007- श्री मायानन्द मिश्र (1934- )

प्रबोध सम्मान 2008- श्री मोहन भारद्वाज (1943- )

प्रबोध सम्मान 2009- श्री राजमोहन झा (1934- )

प्रबोध सम्मान 2010- श्री जीवकान्त (1936- )

प्रबोध सम्मान 2011- श्री सोमदेव (1934- )

प्रबोध सम्मान 2012- श्री चन्द्रभानु सिंह (१९२२- )

                                  श्री रामलोचन ठाकुर (१९४९- )

यात्री-चेतना पुरस्कार



२००० ई.- पं.सुरेन्द्र झा “सुमन”, दरभंगा;

२००१ ई. - श्री सोमदेव, दरभंगा;

२००२ ई.- श्री महेन्द्र मलंगिया, मलंगिया;

२००३ ई.- श्री हंसराज, दरभंगा;

२००४ ई.- डॉ. श्रीमती शेफालिका वर्मा, पटना;

२००५ ई.-श्री उदय चन्द्र झा “विनोद”, रहिका, मधुबनी;

२००६ ई.-श्री गोपालजी झा गोपेश, मेंहथ, मधुबनी;

२००७ ई.-श्री आनन्द मोहन झा, भारद्वाज, नवानी, मधुबनी;

२००८ ई.-श्री मंत्रेश्वर झा, लालगंज,मधुबनी

२००९ ई.-श्री प्रेमशंकर सिंह, जोगियारा, दरभंगा

२०१० ई.- डॉ. तारानन्द वियोगी, महिषी, सहरसा

२०११ ई.-  डॉ. राम भरोस कापड़ि भ्रमर (जनकपुर)


भारतीय भाषा परिषद, कोलकाता

युवा पुरस्कार (२००९-१०) गौरीनाथ (अनलकांत) केँ मैथिली लेल।


भारतीय भाषा संस्थान (सी.आइ.आइ.एल.) , मैसूर रामलोचन ठाकुर:- अनुवाद लेल भाषा-भारती सम्मान २००३-०४ (सी.आइ.आइ.एल., मैसूर) जा सकै छी, किन्तु किए जाउ- शक्ति चट्टोपाध्यायक बांग्ला कविता-संग्रहक मैथिली अनुवाद लेल प्राप्त।  रमानन्द झा 'रमण':- अनुवाद लेल भाषा-भारती सम्मान २००४-०५ (सी.आइ.आइ.एल., मैसूर) छओ बिगहा आठ कट्ठा- फकीर मोहन सेनापतिक ओड़िया उपन्यासक मैथिली अनुवाद लेल प्राप्त।

विदेह सम्मान






विदेह समानान्तर साहित्य अकादेमी सम्मान

१.विदेह समानान्तर साहित्य अकादेमी फेलो पुरस्कार २०१०-११ 
२०१० श्री गोविन्द झा (समग्र योगदान लेल)
२०११ श्री रमानन्द रेणु (समग्र योगदान लेल)
२.विदेह समानान्तर साहित्य अकादेमी पुरस्कार २०११-१२ 

२०११ मूल पुरस्कार- श्री जगदीश प्रसाद मण्डल (गामक जिनगी, कथा संग्रह)
२०११ बाल साहित्य पुरस्कार- ले.क. मायानाथ झा (जकर नारी चतुर होइ, कथा संग्रह)
२०११ युवा पुरस्कार- आनन्द कुमार झा (कलह, नाटक)
२०१२ अनुवाद पुरस्कार- श्री रामलोचन ठाकुर- (पद्मानदीक माझी, बांग्ला- मानिक बंद्योपाध्याय, उपन्यास बांग्लासँ मैथिली अनुवाद)

विदेह भाषा सम्मान २०१२-१३ (वैकल्पिक साहित्य अकादेमी पुरस्कारक रूपमे प्रसिद्ध)

बाल साहित्य पुरस्कार २०१२- श्री जगदीश प्रसाद मण्डल केँ “तरेगन” बाल प्रेरक विहनि कथा संग्रह


नाटक, गीत, संगीत, नृत्य, मूर्तिकला, शिल्प आ चित्रकला क्षेत्रमे विदेह सम्मान २०१२ क घोषणा


अभि‍नय- मुख्य अभिनय ,

सुश्री शि‍ल्‍पी कुमारी, उम्र- 17 पि‍ता श्री लक्ष्‍मण झा

श्री शोभा कान्‍त महतो, उम्र- 15 पि‍ता- श्री रामअवतार महतो,

हास्‍य-अभिनय

सुश्री प्रि‍यंका कुमारी, उम्र- 16, पि‍ता- श्री वैद्यनाथ साह

श्री दुर्गानंद ठाकुर, उम्र- 23, पि‍ता- स्‍व. भरत ठाकुर

नृत्‍य

सुश्री सुलेखा कुमारी, उम्र- 16, पि‍ता- श्री हरेराम यादव

श्री अमीत रंजन, उम्र- 18, पि‍ता- नागेश्वर कामत

चि‍त्रकला
श्री पनकलाल मण्डल, उमेर- ३५, पिता- स्व. सुन्दर मण्डल, गाम छजना
श्री रमेश कुमार भारती, उम्र- 23, पि‍ता- श्री मोती मण्‍डल

संगीत (हारमोनियम)

श्री परमानन्‍द ठाकुर, उम्र- 30, पि‍ता- श्री नथुनी ठाकुर

संगीत (ढोलक)

श्री बुलन राउत, उम्र- 45, पि‍ता- स्‍व. चि‍ल्‍टू राउत

संगीत (रसनचौकी)

   श्री बहादुर राम, उम्र- 55, पि‍ता- स्‍व. सरजुग राम

शिल्पी-वस्तुकला

    श्री जगदीश मल्लिक,५० गाम- चनौरागंज

मूर्ति-मृत्तिका कला

श्री यदुनंदन पंडि‍त, उम्र- 45, पि‍ता- अशर्फी पंडि‍त


काष्ठ-कला

श्री झमेली मुखिया,पिता स्व. मूंगालाल मुखिया, ५५, गाम- छजना


किसानी-आत्मनिर्भर संस्कृति

श्री लछमी दास, उमेर- ५०, पिता स्व. श्री फणी दास, गाम वेरमा

अनचिन्हार आखर ( http://anchinharakharkolkata.blogspot.com ) द्वारा प्रायोजित "गजल कमला-कोसी-बगमती-महानंदा सम्मान" बर्ख 2011 लेल ओस्ताद सदरे आलम गौहर जीकेँ प्रदान कएल गेलैन्ह। एहि बेरुक मुख्यचयनकर्ता ओस्ताद सियाराम झा"सरस" छलखिन्ह।..

रूबाइ


जागल आँखि केर सपना बनल जिनगी
कुहरल आश केर झपना बनल जिनगी
फाटल छल करेज हम सीबैत रहलौँ
रूसल सुखक आब नपना बनल जिनगी

गजल


चमकल मुख अहाँक इजोर भऽ गेलै
अधरतिए मे लागै जेना भोर भऽ गेलै

काजर बूझि हमरा नैन मे बसा लिअ
अहाँक नैना मारूक चितचोर भऽ गेलै

कुचरै कौआ रहि रहि मोर आंगन मे
जानि अबैया अहाँक मोन मोर भऽ गेलै

नैनक इशारा दैए प्रेमक निमन्त्रण
आब लाजे कठुआ कऽ बन्न ठोर भऽ गेलै

बनल नाम अहींक "ओम"क प्राण-डोरी
अहाँक आस मे करेज चकोर भऽ गेलै
सरल वार्णिक- १५ वर्ण

गजल


जन-गणक सेवक भेल देशक भार छै
जनताक मारि टका बनल बुधियार छै

चुप छी तँ बूझथि ओ, अहाँ कमजोर छी
मुँह ताकला सँ कहाँ मिलल अधिकार छै

बिन दाम नै वर केर बाप हिलैत अछि
घर मे गरीबक सदिखने अतिचार छै

हक नै गरीबक मारियौ सुनि लियऽ अहाँ
जरि रहल पेटक आगि बनि हथियार छै

झरकल सिनेहक बात "ओम"क की कहू
सगरो पसरल जरल हँसी भरमार छै
(बहरे-कामिल)
मुतफाइलुन(ह्रस्व-ह्रस्व-दीर्घ-ह्रस्व-दीर्घ)- ३ बेर प्रत्येक पाँति मे

गजल
जन-गणक सेवक भेल देशक भार छै
जनताक मारि टका बनल बुधियार छै

चुप छी तँ बूझथि ओ, अहाँ कमजोर छी
मुँह ताकला सँ कहाँ मिलल अधिकार छै

बिन दाम नै वर केर बाप हिलैत अछि
घर मे गरीबक सदिखने अतिचार छै

हक नै गरीबक मारियौ सुनि लियऽ अहाँ
जरि रहल पेटक आगि बनि हथियार छै

झरकल सिनेहक बात "ओम"क की कहू
सगरो पसरल जरल हँसी भरमार छै
(बहरे-कामिल)
मुतफाइलुन(ह्रस्व-ह्रस्व-दीर्घ-ह्रस्व-दीर्घ)- ३ बेर प्रत्येक पाँति मे
ओम प्रकाश, गजल

शनिवार, 14 जुलाई 2012

फिल्म बनेबा स समृद्घ होयत मैथिली : विधायक

फिल्म बनेबा स समृद्घ होयत मैथिली : विधायक

दरभंगा, निज संवाददाता : नगर विधायक संजय सरावगी कहलैन जे कि मैथिली में फिल्म बनेबा स मिथिलावासि केर भाषा मैथिली बेशि समृद्ध होयत। ओ शुक्र दिन राज किला स्थित भगवती कंकाली मंदिर केर समक्ष मैथिली फिल्म 'प्रेमक कहानी' के मुहूर्त म बाजि रहल छ्ल। नारियर फोरि क ओ मुहूर्त केर विधि विधान केर साथ शुरुआत केलैन आ अहि गप्प पर खुशी जाहिर केलैन जे कि स्थानीय रूपा म्यूजिक कंपनी मैथिलि फिल्म निर्माण केर दिशा म कदम उठा क्षेत्र केर लेल महत्वपूर्ण कार्य क रहल अछि। नगर विधायक फिल्म केर निर्माता टुन्ना कुमार, निर्देशक पी. कृष्णा केर साथ कैमरामैन चंद्रभूषण यादव आ अन्य कलाकार सब केर हौसला अफ़जाइ करैत कहलैन जे कि ओ मिथिला केर संस्कृति केर आ्गु करबा आ लोकप्रिय बनेबाक केर दिशा में निक उत्साह स काम करैथ हुनका सफलता जरूर भेटतैन। युवा सब केर फिल्म निर्माण म आगु एबा स मैथिली सिनेमा केर बेहतर भविष्य केर संकेत देलैन। ाहि मौका पर कलाकार साक्षी, नेहा, खुशबू आदि पर कतेको दृश्य सब सेहो फिल्माओल गेल।

समदिया - रोशन कुमर झा

गुरुवार, 12 जुलाई 2012

गजल-६१@प्रभात राय भट्ट



गजल-६१
आजुक दुनियाँ में मोल नै रहिगेलै इन्सान के
देखू जग में रावनराज आबिगेलै सैतान के

जीवन कष्टकर भगेल छै जग में इन्सान के
सता शाशन कुर्सी हाथ चलीगेलै सैतान के

बाहुबली सभ निर्बल के सोनितपान करै छै
गाम शहर सगरो दम्भ मचीगेलै सैतान के

रक्तरंजीत भेल छै माए बहिन केर आँचर
इन्सान केर खून सं हाथ रंगीगेलै सैतान के

चौक चौराहा गली गली में जुवा भठ्ठी केर अड़ा
चौक चौक बार रेस्टुरेंट फूजीगेलै सैतान के

चरस गाँजा हफिमक बाजार सेहो गरम छै
बाल किशोर सभ शिकार बनिगेलै सैतान के

वर्ण-१८
रचनाकार-प्रभात राय भट्ट
गजल-६२
अहाँ सं कतेक प्रेम अछि हमरा हम बताऊ कोना
करेज अप्पन चिर सजनी प्रेम हम देखाऊ कोना

अहाँ विनु गोरी करेज हमर कराहि रहल अछि
कोना कोना हम रहैत छि ब्यथा सभटा सुनाऊ कोना

नीन नै अबैय गोरी स्वप्न में हम अहिं के देखैत छि
अहाँ केर सुन्दर छवी नयन सं हम हटाऊ कोना

अहाँक स्नेह मोन पडैय जागी जागी राईत बितैय
अहाँक प्रेम में भेल बताह दिल केर मनाऊ कोना

बड मुश्किल सं बितैय सजनी हमर राईत दिन
साँस साँस में अहिं छि अहाँक विनु दिल लगाऊ कोना

वर्ण-२०
रचनाकार-प्रभात राय भट्ट

शनिवार, 7 जुलाई 2012

मिथिलाक गुणगान



सुनु मिथिला केँ गुणगान अहाँ, हम की कहु अपन मोनें सँ
सभ  किछु तँ   अहाँ जैनते छी मुदा, हम कहैत छी ओरे सँ

उदितमान ई अछि अती  प्राचीन, ज्ञानक  भंडार अछि
ऋषि-मुनि केँ पावन धरती,  महिमा एकर अपार अछि

ड्यौढ़ी-ड्यौढ़ी फूलबारी, आँगन में तुलसी सोभति
कोसी-कमला मध्य वसल ई, भारतकेँ  सुंदर मोती

भक्ती-रस सँ कण-कण डुबल, अछि महिमा एकर अपार
शिव जतए एला चाकर बनि कए, सुनी भक्तकेँ  करुण पुकार

काली विष्णु पूजल जाई छथि, मिथिलाक एके आँगन में
छैक कतौ आन ई सामर्थ कहु, होई जे आँखिक देखने में

एहि धरती सँ जानकी जनमली, श्रीष्टिक करै लेल कल्याण
श्रीराम संग व्याहल गेलि, पतिवर्ताक देलैन उदाहरण महान

आजुक-कईल्हुक बात जुनि पुछू, भ्रस्त बनल अछि दुनियाँ
मुदा मिथिला में एखनो देखूँ, सुरक्षित घर में छथि कनियाँ

माय-बापकेँ  आदर दय छथि, एखनो तक मिथिले वासी
पूज्य मानी पूजा करैत छथि, घर आबए जे कियो सन्यासी

आजुक युग में धर्म बचल अछि, जे  किछु एखनों मिथिले में
आँखिक पैन बचल अछि देखू, जे किछु एखनों मिथिले में

कि कहु आब मिथिलाक महिमा,समावल जाएत नै लेखनी में
हमरा में ओ सामर्थ नहि अछि, बांध सकी जे पाँति में

जगदानन्द झा 'मनु'

मंगलवार, 3 जुलाई 2012

गजल-५९
कोना कहू हम आई एतेक मजबूर किएक
प्रीतमक विछोड आई हमरा मंजूर किएक

हम तकैत रहिगेलौं नयन सं नयन मिला
छोड़ी हमरा चलिगेल प्रीतम निठुर किएक

दोष हुनक नै कोनो दोष अछि सभटा हमरे
आई बुझलौं हमरा में एतेक गुरुर किएक

ओ जान प्राण सं प्रेम करैत छलि हमरा सं
हम सदिखन रहलौं हुनका सं दूर किएक

हम परैख नहि सकलौं हुनक निश्च्छल प्रेम
आई बिछोड पीड़ा सं दिल हमर चूर किएक

आई हुनक डगर के हर मोड़ अछि अलग
हुनक जीनगी में बनब हम बबुर किएक

"प्रभात क "दिन भेल दुर्दिन प्रीतम अहाँ विनु
अहाँक सपना हम केलौं चकनाचूर किएक

वर्ण-१८
रचनाकार-प्रभात राय भट्ट

रविवार, 1 जुलाई 2012

गजल-५८



गजल-५८

कथिले अहाँ हमरा सं घुंघटा में मुह नुकौने छि गोरी
हम तं अहाँक दीवाना अहिंक दिल में बसौने छि गोरी

कने घुंघटा उठा दिय आ चान सनक मुह देखा दिय
मधुर मिलन केर वेला में किएक तरसौने छि गोरी

वित् जाएत अनमोल राति मिझ जाएत दिया के वाती
फेर सुहागराति अहाँ नखरा किएक देखौने छि गोरी

"प्रभात" के सब्र बान्ह आब टुटल जारहल अछि गोरी
लाजक चादर ओढ़ी हमरा किएक तडपौने छि गोरी

वर्ण-21.
रचनाकार- प्रभात राय भट्ट