dahej mukt mithila

(एकमात्र संकल्‍प ध्‍यान मे-मिथिला राज्‍य हो संविधान मे) अप्पन गाम घरक ढंग ,अप्पन रहन - सहन के संग,अप्पन गाम-अप्पन बात में अपनेक सब के स्वागत अछि!अपन गाम -अपन घरअप्पन ज्ञान आ अप्पन संस्कारक सँग किछु कहबाक एकटा छोटछिन प्रयास अछि! हरेक मिथिला वाशी ईहा कहैत अछि... छी मैथिल मिथिला करे शंतान, जत्य रही ओ छी मिथिले धाम, याद रखु बस अप्पन गाम - अप्पन बात ,अप्पन मान " जय मैथिल जय मिथिला धाम" "स्वर्ग सं सुन्दर अपन गाम" E-mail: apangaamghar@gmail.com,madankumarthakur@gmail.com mo-9312460150

AAP SABHI DESH WASHIYO KO SWATANTRAT DIWAS KI HARDIK SHUBH KAMNAE

शुक्रवार, 19 जून 2015

दरभंगा में इंटरनेशनल एअरपोर्ट के लिए

आप सभी दोस्तों से आग्रह है की... नेचे दिए लिंक पे जा के दरभंगा में इंटरनेशनल एअरपोर्ट के लिए... ये पत्र ज्यादा से जयादा कॉपी पेस्ट करे...
http://pmindia.gov.in/en/ 
interact-with-honble-pm/
आदरनीय
प्रधानमंत्री महोदय
भारत सरकार
मैं आपका ध्यान बिहार के दरभंगा जिले से इंटरनेशनल हवाई सेवा शुरू करने की ओर दिलाना चाहुँगा। दरभंगा ना सिर्फ मिथिला की हृदयस्थली है, बल्कि पर्यटन के लिए भी जानी जाती हैं, बलिराजगड जो की 2500 साल से भी ज्यादा पुरानी सभ्यता है, अहल्या स्थान जो की रामायण काल से सम्बंधित है, से ले कर महलों, शक्ति स्थल और दिल्ली के लाल किले जैसे खुबसूरत किले से सुसज्जित हैं ये शहर।
दरभंगा ना सिर्फ मिथिला की हृदयस्थली है, साथ ही यह नेपाल के लिए भी महत्वपूर्ण केन्द्र है। मेडिकल सुविधा के लिए नेपाल के कुछ जिले दरभंगा पर ही निर्भर है। आज जब राजेंद्र पुल और गांधी सेतु की जर्जर स्थिति से कभी भी राजधानी पटना का उत्तर बिहार से संपर्क टूट सकता है। आज जब आम लोगों के लिए पटना में हवाई जहाज से उतर कर उत्तर बिहार जाना सिरदर्द बन चुका है। ऐसे में बिहार में एयरपोर्ट की आवश्यकता को समझा जा सकता है, लेकिन सवाल है कि पटना एयरपोर्ट पर उतरनेवाले 60 फीसदी लोगों के दर्द को कौन समझेगा। दरभंगा से हवाई सेवा शुरू होने से ना इस शहर का विकास होगा,बल्कि पर्यटन और रोजगार के नए अवसर पैदा होगे।दरभंगा में उत्तर बिहार का सबसे बड़ा मेडिकल कॉलेज है, साथ ही जल्द यहाँ से विदेश जाने वाले लोगों की संख्या को देखते हुए केन्द्र सरकार पासपोर्ट मिनी सेवा केन्द्र भी खोलने वाली है।
                 दरभंगा शिक्षा का भी बहुत बड़ा केन्द्र है, यहां इग्नू का रिजनल सेंटर के साथ यहा बिहार की एक मात्र संस्कृत यूनिवर्सिटी और मिथिला यूनिवर्सिटी है। साथ ही बालिकाओं के लिए एक विशेष वूमेन इंजिनियरिंग कालेज भी है।
दरभंगा का एविएशन इतिहास बहुत पुराना है, भारत का पहला निजी कार्गो विमान दरभंगा एविएशन ने ही खरीदा था और वो देश का पहला एयर कार्गो सर्विस प्रोवाइडर था। 1962 की लडाई में दरभंगा एविएशन के कार्गो विमान ने वायुसेना की बहुत मदद की थी। पूर्णिया एयरपोर्ट भी उसी कंपनी की संपत्ति रही है।
दरभंगा एविएशन दरभंगा का विमानन इतिहास दरअसल बिहार का विमानन इतिहास है। कुछ अर्थों में यह भारत का विमानन इतिहास है। भारत में कांग्रो सेवा प्रदान करने की बात हो या फिर देश का पहला लग्जरी विमान का इतिहास हो, यहां तक की आजाद भारत के प्रथम प्रधानमंत्री के सरकारी विमान की बात हो, दरभंगा और उसके विमान के योगदान का उल्लेख के बिना इनका इतिहास लिखना संभव नहीं है।


            दरभंगा के विमानन इतिहास की शुरुआत महाराजा रामेश्वर सिंह के कालखंड में ही होती है। दरभंगा का पहला विमान एफ-4440 था। जो 1917 में प्रथम विश्वयुद्ध के दौरान भारतीय सैनिकों के लिए खरीदा गया था। यह एक संयोग ही है कि दरभंगा का पहला विमान जहां भारतीय फौज के लिए खरदा गया था, वही दरभंगा आखिरी विमान भी भारतीय वायुसेना को ही उपहार स्वरूप दिया गया। एक इंजनवाले इस विमान में दो लोगों के बैठने की सुविधा थी। वैसे दरभंगा में उतरनेवाला पहला विमान दरभंगा के महाराजा का नहीं, बल्कि दरभंगा के कारोबारी अग्रवाल परिवार का हेलिकॉटर था। अग्रवाल परिवार ने यह विमान 1930 में खरीदा था। 1932 में वासराय के दरभंगा आगमन से पहले दरभंगा महाराज ने भी अपने लिए एक विमान खरीदा।
आशा है आप मिथिला के लोगो का दर्द समझेंगे और जल्द से जल्द दरभंगा इंटरनेशनल एअरपोर्ट के लिए कार्य प्रारंभ करेंगे।

https://www.youtube.com/watch?v=FP_hOcQqlGc 

शनिवार, 6 जून 2015

सभा गाछी (सौराठ सभा )


सभा गाछी (सौराठ सभा )
मधुबनी सअ मात्र 6 किलोमीटर दूर "सौराठ" गाँव् में प्रत्येक वर्ष ज्येष्ठ-आषाढ़ के महीना में मैथिल ब्राम्हण विवाह योग्य युवक के चयन के लेल वैवाहिक सभा के आयोजन होइत अछि जे "सभा गाछी " के नाम सअ विश्व प्रसिद्ध अछि ! 

आई काइल के युवक के लेल इ हँसी के गप्प भअ सकैत अछि ,लेकिन अहि बात के प्रबल संभावना छैक जे हुनकर पिता और बाबा के विवाह "सौराठ सभा " सअ भेल होइक ! अहि सभा में कन्या पक्ष के लोक उचित वर के तलाश में सभा में आयल वर और हुनकर परिवार सअ पूरा जानकारी लैत छैथ और विवाह के निर्णय लैत छैथ !
     


     1310 ईस्वी में मिथिला नरेश हरि सिंह द्वारा दान  के 22 बीघा जमीन जाहि पर आम , बरगद , पीपर के गाछ छल,  'सभा गाछी' शुरू भेल ! किछ वर्ष पहिने तक अहि महान सभा के बहुत सम्मान प्राप्त छल ! अहि सभा के लोकप्रियता के अनुमान अहि बात सअ लगायल जा सकय छै की 1971 में लगभग डेढ़ लाख लोग अहि सभा में आयल छलाह जे 1991 में पचास हज़ार और आब मात्र किछ सौ या हज़ार में रहि गेल अछि !कहल जाइत छैक कि जाहि साल सवा लाख लोक आबि जाइत छलैथ, अतिप्राचीन पीपर के गाछ के पात सूखि जाइत छल ! अहि ठाम के अन्य महत्वपूर्ण व्यवस्था "पंजीकरण" के अछि ! विवाह के लेल योग्य वर के चयन के बाद पञ्जीकार वर और वधु कुल के पांच और वर कुल के सात पुश्त के आपस में सम्बन्ध के जांच परताल करैत छैथ और वंशगत लेखाजोखा के बाद "सिद्धांत" लिख कअ दैत छैथ जे क़ानूनी रूप सअ विवाह के स्वीकृति मानल जाइत छैक और अहि व्यवस्था के अदालत में मान्यता प्राप्त छैक ! 
    
         तेजी सअ विलुप्त होइत अहि सभा गाछी के लोकप्रियता में कमी के लेल कोनो एक कारण नहीं भअ सकैत अछि लेकिन 'दहेज़ के अत्यधिक मांग', संपन्न और अत्यधिक पढ़ल वर्ग के परिवार के गाछी के प्रति उदासीनता , प्रशासन द्वारा सुविधा में कमी , जमीन के अतिक्रमण और आजुक युवा वर्ग के अहि सभा के प्रति नकारात्मक सोच मुख्या कारण में सअ एक अछि ! मिथिला के अहि महान संस्कृति और सम्मानित व्यवस्था के आब इ स्थिति भअ गेल अछि कि आब इ मानल जा रहल अछि कि जेकरा कतहु विवाह तय नहि होइत छैक ओ सभा गाछी आबैत छैथ !

यदि  अहा  फेस बुक यूजर छी  त जौनि करू -
https://www.facebook.com/groups/dahejmuktmithila/ 


मंगलवार, 2 जून 2015

मिथिला स्टूडेंट यूनियनक - पांच दिवसीय स्मार्ट मिथिला सिटी आन्दोलन : पोआरक धधरा या जंगलक आगि ?

       मिथिला स्टूडेंट यूनियन  10 मईक, दिल्लीमे आ 28 मईसं एक मई 2015 तक मिथिलामे अपन अभियान चलाक, ई साबित कएलक अछि जे एकर कार्यकर्ता असुविधा आ बाधासं नहि डेराइत छथि आ संगठन अपन उद्देश्यक लेल समर्पित अछि। स्थानीय लोक,क संग अभियानक हेतु कतेक भेट,त नहि भेट,त तकर चिंता नहि क, क, अपन तय कार्यक्रमक अनुसार अपन सीमित साधनसं मिसू जनजागरूकताक एक व्यापक लक्ष्य हासिल कएलक अछि।
     ई सफलता छोट नहि आंकल जेबाक चाही। मुदा एकरा संग संग आगामी बिहार विधानसभा चुनावके ध्यानमे रखैत वस्तुस्थितिक एकटा तटस्थ आकलन हमरा आवश्यक लगैए आ किछु विचार मैथिल समाजक प्रबुद्ध लोकक विचारक लेल प्रस्तुत अछि।
    मिसूक एहि स्मार्ट सिटी अभियानमे सहरजमीन पर मिथिलामे कतेक लोक संग देलनि ? कते लोक तक मिसू कार्यकर्ता पहुंच बना सकलाह ? कतेक नव लोक मिसूक संग जुड़लाह एकर विवरण संगठनसं जुड़ल लोके द, सकैत छथि।
     संगहि जतेक धन एहि पर खर्च भेल , युवा शक्तिक जतेक ऊर्जा एहिमे लागल ओहि अनुपातमे परिणाम कतेक प्राप्त भेल ताहू पर विचार आवश्यक अछि। मिसू कार्यकर्ता द्वारा फेसबुक पर देल समाचार आ फोटोसं बुझल जा सकैत अछि जे कतेक विपरीत परिस्थितिमे ई अभियान संपन्न भेल अछि।
     मिथिलामे पैर रोपबाक लेल नगर दरभंगामे एकटा ठीया तय क, लेबाक बात त, दूर अछि प्रशासन द्वारा एहि दलक विरुद्ध जारी अघोषित फरमानक बाद ने त, कोनो होटल आ ने कोनो लॉज वा ने केओ दरभंगिया मैथिल अपन दलान, खरिहान वा आंगन तक मिसू कार्यकर्ता दलक लेल राति बितयबाक लेल उपलब्ध करा सकल। जे नवका तूरक लोक मिसू संग कार्यकर्ता रूपमे जुड़ल देखा रहल छथि ओ कहिया तक एहिना निःस्वार्थ लोक कल्याणक भावनासं जुड़ल रहताह सेहो एकटा विराट प्रश्न अछि।
       मूल समस्या मिथिलाक माटि पानि आ बसातमे छैक। मिथिलाक लोक जं अपन अस्मितक लेल सचेष्ट नहि छथि त, दोख ककर से ताकाहेरी आवश्यक अछि।
      एहि पोस्टक माध्यमसं कतेक लोक हमरासं सहमत होयब आ कतेक असहमत सवाल ई नहि अछि सवाल ई अछि जे सीमित साधनमे पैघ लक्ष्य कोना हासिल कएल जा सकैत अछि ताहि पर हमरा लग या अहां लग या कोनो मैथिल संगठन लग की योजना अछि ? के अहि योजना पर आगां चलबाक लेल तैयार अछि ? एहि योजनाक सफलता दर आ भविष्य की छैक ?
मिथिला राज्य आजुक तिथिमे बहुत दूरक बस एकटा भावुक परिकल्पना अछि जकरा उपलब्ध परिस्थितिमे जमीन पर उतारनाइ हम संभव नहि मानैत छी। एकर मतलब ई नहि जे हम मिथिला राज्यक विरोधी छी। मिथिला राज्यक समर्थक होइतो उपलब्ध परिस्थिति आ संसाधनके देखैत मिथिला राज्यक सपना एकटा विलासवादी सपनासं बेसी आर किछु हमरा नहि देखाइत अछि।
आ हमरा सन मजूर जे दिन राति खटिक, जे थोड़ बहुत कमाइत अछि ओ एकटा विलासितापूर्ण सपना पर अपन साधन आ समय नहि लगा सकैत अछि। मिथिला राज्य आन्दोलनक सत्तरि बर्खसं बेसीक इतिहास एखनि धरि एहि लक्ष्यके एकटा विलासपूर्ण सपनासं बेसी आर किछु नहि साबित क, सकल अछि।
अलग अलग समय पर अलग अलग पात्र एहि मांगके सामने राखि आगां बढ़लाह अछि। एहिमेसं किछु खायल पीयल अघायल अगुआ छलाह जे अपन आजीविका सुनिश्चित कएलाक बाद पार्ट टाइम मिथिला राज्यक मांगमे वा मिथिलक उत्थान मे लागल छलाह वा छथि।
किछु लोक एहि मांगके चतुराइसं आगां बढ़ाक, अपन आ अपन हितमितक आजीविकाक साधन बना संतुष्ट भ, गेलाह
...... किछु एहनो जे एहि सपनाक लेल बिना व्यावाहारिक रास्ता अपनोअने अपन जथा जमीन आ डीह डाबर बेचिक अपन परिजनक नजरिमे असफल आ अयोग्य साबित भेलाह।
एखनो जे मिथिला राज्यक मांगमे लागल छथि या स्मार्ट सिटीक अभियानमे लागल छथि हुनक सफलताक उम्मीद पछिला इतिहासके देखैत हमरा नहि देखाइयै।
जे अतीतमे नहि भेल ओ भविष्यमे नहि होयत हम ताहि सोचक लोक नहि। हम आशावादी छी आ मानैत छी जे सुनियोजित रूपसं छोट-छोट लक्ष्य तय क, क, पैघ लक्ष्य हासिल कएल जा सकैत अछि। छोट- छोट लक्ष्य पूरा भेलासं जखन अतिरिक्त संसाधन विकसित होयत तखन ऐहि विशाल संसाधन सं पैघ लक्ष्य सेहो प्राप्त कैल जा सकैत अछि।
हमरा सबमेसं केओ भगीरथ नहि जे सोझे गंगा धरती पर उतारि लेथि आ अपन पितरके जल पहुंचा इतिहासमे अपन नाम छोड़ि जाथि। ने किनको पितामह एतेक संपत्ति छोड़ि गेल छथि जे अपन समाजक लेल एकटा पोखरिए खुनवा देथि। अखबार निकालनाई आ पत्रिका निकालनाई तक आइयो लाभप्रद नहि बनि सकल अछि।
एकर मतलब ई नहि जे मैथिल उद्योगपति आजुक तारीखमे नहि छथि। लखपति मैथिलक क संख्या देशभरिमे नहि करोड़ तं लाख मे निश्चित रूपसं अछि। करोड़पति मैथिल हजारक संख्यामे हमर जानकारीमे छथि । किछु अरबपति मैथिल सेहो छथि। मुदा एहिमेसं कतेक मैथिल, मिथिला आ मैथिलीक नाम पर कारोबार या व्यवसायमे अपन संपत्ति लगयताह आ साधन अभिरूचि देखओलाक बाद अपन लागत वापस निकालि सकताह तकर गारंटी ककरो लग नहि अछि।
एकर मूल कारण अछि जे मिथिलामे वा मिथिलासं बाहर कोनो मैथिल द्वारा एक समग्र रचनात्मक सोचक संग नव निर्माणक संभावना पर काज नहि भेल अछि। एहन रचनात्मक सोच जाहिसं जुड़ैवला हर पक्षके लाभ होइक।
मिथिलाक एहन आन्दोलनी जे अपन धीयापुताके अंग्रेजी पढ़ौलनि हुनक आह्वान पर जे केओ अतीतमे मैथिली पढ़लाह से अपन फैसला पर पछताइत आई आसानीसं भेटताह। एहन पार्ट टाइमर आन्दोलनी जे अपन रोजगारके सुरक्षित रखैत अपन नेतृत्व रिटायरमेंट के बादो ओही रूपमे जारी रखबाक लेल सन्नध छथि या रहताह हुनका संग बस ओतेक लोक भविष्यमे रहतनि जेकर पालन पोषण करबाक सामर्थ्य आन्दोलनीके रहतनि। या एहन आन्दोलनि जे रिटायर भेलाक बाद मिथिलामे घूमि-घूमिक अलख जगा रहल छथि हुनका लग की योजना छनि जाहिसं जुड़ैवलाके सीधा लाभ देखाइक से स्पष्ट नहि अछि।
मिसूक संग नव कार्यकर्ता जे शुद्ध रूपसं एखन छात्र देखा रहल छथि ओ आगां कहिया तक अपन अभियाक लेल धन जुटा सकताह से समैये कहि सकत। एहि पांच दिनका अभियान उपलब्धि बस एतेक रहल जे समाचार जगत मे किछु खबरि चलल । मुदा जे खबरक कारोबारी छथि आ जिनका एहि खबरिसं नफा नोकसान भ, सकैत छनि ओ आकलन क, लेने हेताह जे कुल कते कार्यकर्ता एहिमे गतिविधिमे संल्गन छलाह एहिसं कतेक लाभ कोना उठाओल जा सकैत अछि। वा कतेक नोकसान होयत तकर क्षतिपूर्ति केना कएल जाय।
मिसूक पूरा अभियान पोआर धधरा साबित होयत जं ई अपन वर्तमान स्वरूपमे एहिना बनल रहत आ अपन जनाधार विकसित करबाक लेल तेज गतिसं एकटा ठोस योजनाक संग नहि बढ़त।
ठोस योजना की भ, सकैत अछि ?
हमरा चाही स्मार्ट मैथिल दलान -2
मिथिलामे मिसू द्वारा पांच दिनुका स्मार्ट सिटी अभियानक बाद आइ एक बेर फेरसं स्मार्ट मैथिल दलान पर चर्चा कनेक आर आगां बढ़ा रहल छी।
दर असल हमरा दृष्टिमे स्मार्ट मैथिल दलान मिथाला राज्यक दिशामे एकटा नीक विकल्प भ, सकैत अछि। तंए एहि पर दस मई २०१५ क, चर्च कएने रही आ आइ फेर दू जून २०१५ क, कए रहल छी।
जतेक समय , जतेक धन पांच दिनुका आन्दोलनमे लागल अछि , विरोध प्रदर्शन मे ओकरा संग हर टोल मे जं एक स्मार्ट मिथिला दलान पर फोकस भेल रहैत वा भविष्यमें फोकस कएल जाए तं ई मिथिलाक दलान कोनो संगंठनक लेल रिचार्जिंग सेंटर बनि सकैत अछि। मात्र मिथिलाक चौहद्हदीए टा,मे नहि ई सेंटर देशक सब मैथिल बहुल इलाकामे धनसंग्रहो करत आ समर्पित लोक सेहो जुटाओत।
कोना हेत ई संभव ?
एक स्मार्ट मिथिला दलानक लेल कोनो चौक वा टोलक कोनो चाहक दोकान वा पानक गुमटी वा एहूसं छोट स्थानसं चलाओल जा सकैत अछि जं कार्यकर्ता समर्पित भावसं अपन उद्देश्यक लेल सचेष्ट रहथि। जं एकटा रूम भेटि जाय त, बहुत बेसी भ, गेल। एहन जगह जत सरकारी वा गैर सरकारी सामुदायिक केन्द्र चलि रहल अछि ओत, तालमेल सेहो बनाओल जा सकैत अछि आ मिथिला मैथिलीक लेल डेडीकेटेड कोना बनाओल जा सकैत अछि।
एहि केन्द्र पर पहिल चरणमे मैथिलक पोथी पत्र पत्रिका अखबारक संग युवा लोकनिक लेल उपयोगी प्रतियोगी पत्र -पत्रिका अनिवार्य रूपसं उपलब्ध कराओल जाय तथा कत, कोन रोजगारक संभावना बनि रहल अछि तकर सूचना राखल जाय तं बहुत कम समयमे ई दलान युवे नहि हर आयुवर्गक मैथिलक लेल लोकप्रिय स्थल बनि जायत।
हर केन्द्र पर जं केवल एकटा स्मार्ट मोबाइल फोन उपलब्ध हो त, देशक कोनो कोनमे रोजगारक स्थितिक सूचना मात्र एक क्लिकसं प्रतिबद्ध कार्यकर्ताक माध्यमसं उपलब्ध कराओल जा सकैत अछि।
जं एहि केन्द्रके समाजसं आर जोड़ल जाय आ कार्यकर्ता रक्तदान या अंगदान सन महत्वपूर्ण आवश्यकता दिस लोकके अपना संग जोड़ि सकथि तं ई केन्द्र बहुत कम समयमे बहुत बेसी उपयोगी इकाई के रूप मे राष्ट्रीय स्तर पर लोकप्रिय भ, सकैत अछि।
जं एहि केन्द्रसं योग्य वर वधूके ताकाहेरी दिशामे इमानदारीसं प्रयास हो त, स्मार्ट दलान कुटमैती केन्द्रमे बदलि सकैत अछि।
एहेन शिक्षक जे अपन योगदान निःशुल्क छात्र हितमे देबा लेल तैयार छथि ओ नवका पीढीक लेल उपयोगी रिसोर्स पर्सन बनि सकैत छथि।
ई सबटा बात कतेक व्यावहारिक आ कतेक समयमे लागू होइवला अछि अहि पर सजग लोक चर्च क, सकैत छथि।
एहि दलानक जतेक लोकके आवश्यकता हेतनि ओतेक लोक एकर संपर्कमे ऐताह। लोकक संख्या जतेक बढ़ल जायत ओतेक बेसी दलानक उपयोगिता बढ़त आ जतेक उपयोगिता बढ़तैक ताहि अनुपातमे एकर बल बढ़ल जयतैक।
स्मार्ट मैथिल दलान मिथिला राज्यक शुरुआती कड़ीक रूप में विकसित कएल जा सकैयै जं एहि कॉन्सेप्ट पर गंभीरतासं काज हो । सामाजिक संगठन अपन ऊर्जा एहि दिशामे लगा सकथि तं ई दलान अगिला पांच सालमे पूरा देशमे अपन प्रभावी भूमिका निभा सकैयै।
एकर शुरुआती चरण बिहार विधानसभा चुनाव सं लागू कएल जा सकैत अछि। आ परिणाम मात्र अगिला पांच महीना मे आंकल जा सकैये।
आउ आब देखी जे एहि योजना पर कतेक लागत आयत ? योजनासं ककरा लाभ प्रत्यक्ष रूपसं हेतैक ? कतेक लोक अप्रत्यक्ष रूपसं लाभान्वित हेताह ? की लाभ होयतैक ?
शुरुआती लागत एकटा स्मार्ट फोन अछि, एकटा छोट सन स्थान अछि आ कमसंकम एक टा डेडीकेटेड व्यक्ति छथि।
हर केन्द्रक लेल पोथी अपन क्षेत्रक जनप्रतिनिधि पर दबाव बनओलासं जुटायल जा सकैत अछि, दानमे मांगल जा सकैत अछि आ एकर पुनरवितरण अपन सुविधानुसार समयमे सूचना द, क, कएल जा सकैत अछि।
जं मैथिली पोथी पर हमरा लोकनि ध्यान केन्द्रित क, सकी तं मात्र दू सं तीन महिनाक प्रयास मे मैथिलीक जतेक पोथी बजारमे बिकएबाक लेल उपलब्ध अछि ओ सबटा कीनिक, पढ़बाक लेल पाठक हेतु दलान पर राखल जा सकैत अछि।
जं एक केन्द्र पर मात्र एक हजार रुपैयाक पोथी कीनबाक योजना बनाबी आ प्रत्येक २५ चुनावी बूथ पर एकटा स्मार्ट दलानक योजना राखी तं जोड़िक, देखू जे कतेक दलान बनि सकत। एक दलानसं जं दसोटा पाठक नियमित रूपसं जुड़ि सकथि तं आंकड़ा कत, पहुंचत इहो आकलन भ, सकैये।
बिहारमे चुनाव छैक मुदा मिथिला आ बिहारक लोक देश भरिमे छथि जते दस टा मैथिल छथि ओ अपन इलाकामे स्मार्ट मैथिल दलानक लेल आगां बढ़थि तं अपन जनप्रतिनिधिसं अपन दलानक लेल आवश्यक निधि आसानीसं जुटा सकैत छथि। आ दलान अस्तित्वमे आबि सकैत अछि।
मुदा लखटकिया सवाल इएह जे के एहि योजनाक लेल आगां बढ़त। मिसू अपनाके एम एस वाई कहैये । आ एम एस वाई के सेनानी एखन धरि जे मिथिलामे अजमाओल बाट अछि ओही पर चलैत देखा रहल छथि।
वएह पोस्टर बाजी वैह धरना नारा प्रदर्शन । अंतर बस एतबे जे खबरि कोना बनि सकी से जनतब छनि आ एकर लाभ उठेबामे समर्थ रहलाह अछि।
पचीस तीस लोक सब मैथिल संस्था लग छैक। एम एस वाइ सेहो एतबे पूंजीसं चलि रहल अछि। जे एखनुका फंडिंग ओ कते दिन चलत। दरिभंगा मे जे पोस्टर साटल गेल ओ रौद पानि बसातक संग बिला जायत, खबरिया चैनल आ अखबारमे जे धूम मचल से कतरन अपन याद आ यू ट्‌यूबक शोभा बनि जायत। फेसबुक आ सोशल साइट पर जे घमासान देखाइए से एहिना चलैत रहत कारण काव्य शास्‌त्र विनोदेन, वला मानसिकता मनोविलाससं आगां नहि बढ़ैत छैक।
हमरा सन मजूर ने मनोविलासक लेल आ ने विनोदक लेल प्रतिदिन समय निकालि सकैये। जतेक देर सब पोस्ट पढ़ू लाइक करू आ चर्चामे लारनि दिय, ततेक कालमे एकटा नया पोस्ट रोटी जुटयबाक लेल लिखल जा सकैये। एहना मे हमरा सन मजूर कते दिन संग रहत कतेक दूर आगां बढ़त........
हम अपन तन अपन मन आ अपन धन सेहो मिथिला उत्थान लेल लगा सकैत छी मुदा रिटर्नक कोनो भरोस पुरना अनुभव आ नवका लोकक डेग देखिक, कहां भ, रहल अछि।
हं शुभकामना जरूर द, सकैत छी लागल रहू अपन उद्देश्यमे जं देखि भालि, क, सोचि विचारि क, चलब त, किछु ने किछु प्राप्त करब अवश्य।
मिसू पोआर धधरा नहि जंगलक आगि बनत जं रचनात्मक ऊर्जा संग चलत आ लोकक लेल उपकारी बनत । जं डेग एहिना धरना प्रदर्शन आ शवयात्राक श्मशानी बाट पर रहत तं भविष्य .......
इति शुभम