dahej mukt mithila

(एकमात्र संकल्‍प ध्‍यान मे-मिथिला राज्‍य हो संविधान मे) अप्पन गाम घरक ढंग ,अप्पन रहन - सहन के संग,अप्पन गाम-अप्पन बात में अपनेक सब के स्वागत अछि!अपन गाम -अपन घरअप्पन ज्ञान आ अप्पन संस्कारक सँग किछु कहबाक एकटा छोटछिन प्रयास अछि! हरेक मिथिला वाशी ईहा कहैत अछि... छी मैथिल मिथिला करे शंतान, जत्य रही ओ छी मिथिले धाम, याद रखु बस अप्पन गाम - अप्पन बात ,अप्पन मान " जय मैथिल जय मिथिला धाम" "स्वर्ग सं सुन्दर अपन गाम" E-mail: apangaamghar@gmail.com,madankumarthakur@gmail.com mo-9312460150

AAP SABHI DESH WASHIYO KO SWATANTRAT DIWAS KI HARDIK SHUBH KAMNAE

शुक्रवार, 24 सितंबर 2010

खट्टर काका से वार्तालाप मिथिला के सन्दर्भ में -------

 
 (हम खट्टर काका के दलान पर जखन पहुचलो खट्टर काका भोजनोपरांत कुर्सी पर बैसल छालैथ)
हम कहाल्यैन खट्टर काका गोर लगैत छी !
खट्टर काका - जिवैत रहू हम आहा के पह्चैन नै पेलो आहा के थिको !
हम - हम   अपन गाम अपन बात  लअके   आयल छी , हमर नाम मदन कुमार ठाकुर भेल, हमर घर कोठिया - पट्टीटोल  अछि
खट्टर काका - तखन आहा हमरा सं की पुछेय चाहैत छी !
हम - आई सं किछ साल पहिने अपनेक ओहिठंम हरिमोहन भईया आयल छालैथ ओ आहा सं चुरा दही चीनी के मूल तत्व के वर्णन जाने आयल छलाह ! तीनो लोक से मिल के बनल अछि जे इ चुरा दही चीनी से आहा सं जानकारी हुनका भेटलैन ! ओही उद्देश सं हम आय अपनेक समक्ष मिथिला विकाश के संदर्भ मं किछ बात करै लेल आयल छी यदि अपनेक के आज्ञा होय त हम किछ अर्ज करी !
खट्टर काका - बाजल जाऊ आहा की पूछे चाहेत छी !

हम - खट्टर काका हम मिथिला के संस्कृति पर पहिने ध्यान देब चाहैत छी जे हमर संस्कृति कहेंन अछि, एकर मान - सम्मान, आचार - वैवहार एक दोसर के प्रति आदर - सत्कार, प्रेम - भावना कहेंन अछि ! आगा जेके एकर मिथिला के उत्पवित संतान पर कतेक प्रभाव परते और नारी जाती के कतेक सम्मान रहते ! मिथिला महान बनत की नै से हम अपने सं जाने चाहे छी !
खट्टर काका - मदन बाबु यदि मिथिला के संस्कृति के बात करी त पहिने बीतल इतिहास के देखि ! आय से कई साल पहिने विद्यापति जी छला मंडनमिश्र, अयाची मिश्र शंकराचार्य जी इत्यादि अनेक महाविद्वान सब भेलैथ ओ सब अपन - अपन कर्तव्य पुरा के क मिथिला के मान - सम्मान दैत चल बैसला ! एतबे नै हम राजा जनके लग सं सुनैत छी मिथिला वर्णन, मिथिला दर्शन, मिथिला के आचार - बिचार दोसर के प्रति सदभावना मधुरबचन इ सब त अपन मिथिला के देन अछि ! दोसर थम कथापी इ कतो नै भेटत क्येक त इ मिथिला मेखूबी छै जे एक - दोसर सं प्रेम मधुर बोली केना बाजल जायत अछि, आय यदि मिथिला बासी चाहैथ जे हमरा संस्कृति पर कुनू आंच नै आबय त पहिने अपन घर के संस्कृति पर ध्यान देब परतेय ! क्येक त हम आय घर - घर मे देखैत छी जे अपन संस्कृति के छोड़ी विदेशी कल्चर लोग अपनाबैत अछि ! माँ - बाबूजी कहब त दूर आब मोम - डैड कहल जायत अछि ! एक दोसर के प्रणाम केनाय त दूर आब हेल्लो - हाई बाजल जायत अछि ! मानलो आई - कैल मे लोग सब किछ अंग्रेजी ज्यादा पैढ़ - लिख लेलक अमेरिका लन्दन सब जाय लागल तकर माने की हम अपन संस्कृति के छोरी दिए इ हमर कर्तव्य अछि इ हमर अधिकार अछि जे विदेशो मे जाय के अपन संस्कृति के उपयोग करी ताहि मे हमर सब मिथिला वासी के कल्याण होयत , और हर मिथिला राज्य आगा - आगा मार्ग पर चलैत रहत !हमर इ कामना आर दुवा अछि !
हम - खट्टर काका हम देखैत छी जे हमरा मिथिला मे महान - महान कविगन, लेखक, डॉक्टर, इंजिनियर,प्रेस रिपोर्टर सब छैथ ताहि उपरांत हमर मिथिला राज्य आगा विकाश क्येक नै के रहल अछि ! एकर की कारन अछि ?
खट्टर काका - देखु मदन बाबु आय कैल के जूग मे सब अपन - अपन रोजी - रोटी के मार्ग बनबैत छैथ ! दोसर से दोसर के ककरो - ककरो त मेलो - मिलाप नै होइत छैन ताहि हेतु ओ मिथिला विकाश की ओ त अपन घरो के विकाश नै कs सकैत छैथ !
हम - खट्टर काका हम देखैत और सुनैत छी जे आय कैल मे सरकार शिक्षा पर पूर्णरुपे खर्चा कs रहल अछि ! ताहि उपरांत कुनू परिवर्तन नै देखैत छी , सब कियो दिल्ली - मुम्बई भागैत फिरैत अछि !
खट्टर काका - सुनु सब के मन के सोच अपन अलग - अलग होइत छै यदि कुनू आदमी के पैसा ज्यादा भ जायत छै त ओकरा पैसा कूट-कूट काटे लगे छै त ओ अपन पाई के जोगार करतै न ! हुनके सब के देख के आस - पास के जे रहनिहार सब छैथ सब सोचैत छैथ जे फलना के बेटा दिल्ली गेले त हमर बेटा क्येक नै मुम्बई जेता इ जे गाम-घर के रित रिवाज बनल अछि दे बड ख़राब अछि ! अहि मे शिक्षक गन की करता ओ अपन हाजरी लगबैत छैथ और तनखा पबैत छैथ ! अहि मे मारल जायछी हम गाम - घर के गरीब लोकसब (नै घर के नै घाट के) और विषेस की कहब !
हम - खट्टर काका हम हर सहर मे सुनैत छी जे उत्तरी बिहार के सब जिला के सड़क यातायात पर केन्द्र सरकार के सेहो नज़र गेलैन हं ओ नितिस जी के माध्यम सं दिल्ली आसाम रोड सेहो बनी रहल अछि और साथ मे ग्रामीण सरक व्यवस्था के सेहो सूधार भ रहल अछि !
कट्टर काका - हाँ हाँ से तs हमहू सुनैत और देखैत छी सब इ चैल नेता सब के जे N H और ग्रामीण सरक व्यवस्था भ रहल अछि ! की कहू आहा के आय सs साठ साल पहिने हमरा गाम से पूरब पुल टूटल से त एखन तक कियो सोंगर दै बाला नही आयल ! बाढ़ी मे गामक गाम दैह गेल से तs देखेय लेल कियो नही आयल और आहा कहैत छी जे रोड बनबैत अछि ! पिछिला साल न्यूज़ मे सुनलो जे केवल मधुबनी बिकाश के लेल चारी हजार करोड़ रुपैया केन्द्र सरकार देल्कैय से तs नेता और मुखिया सब कुनू पैर - पैखी नही लगेय देल्कैय आ आहाँ कहैत छी जे यातायात व्यवस्था बरहल अछि यो मदन बाबु सब कियो अपन कुर्सी के फ़ायदा उठा रहल अछि !
हम - खट्टर काका तखन किसान भाई के लेल सेहो काफी मुवाब्जा भेट रहल अछि जेनाकी दहार के सुखार के और जगह जगह पर बिजली पम्प के व्यवस्था हर गाव हर पंचैत मे चालू होई बाला अछि कई जगह सब मे नहर के सेहो व्यवस्था भगेल और भो रहल अछि ! अहि विषय पर अपने'क की विचार अछि !
खट्टर काका - सुनू मदन बाबु हमरा सं जे पूछी तs हम सचे कहब की गामक - गाम दहा जायत छै आ मुवाब्जा भेटैय छै एक दु गाम मं जिनकर गाम मे कुछ नाम गाम छै ओ अपन पुरा पुरा प्रोपटी के नाम लिखा दैत छै इये हाल सब जिला के हरेक ब्लोक मे अछि ! और बिजली व्यवस्था के की कहू जिला मे दु तीन थम के नाम सुन्लीय हम आ नहर व्यवस्था व्यवस्था सब चौपट कs गेल जेता किसान भाई के खेती करैय बाला जमीन छल से तs नहर मे चल गेल ओ खेती की करता ! खेत गेला के बात हम १० वर्ष से देखैत छी जे नहर मे पैन नै, आब कतेक नहर पैन के आशा ओ तs धन्यवाद दियोंन इन्द्र देवता के जे हुन्कर कखनो कखनो दया दृष्टि हमरो सब पर भो जैट छैन !
हम - खट्टर काका हम मिथिला बासी के मुह सं सुनैत छी जे हमरा मिथिला राज्य चाही ताहि मे अपने'क की राय अछि ?
खट्टर काका - यदि हमर मिथिला राज्य अलग भो जायैत अछि तs बहुत गर्व के बात छी फेर पुनः मिथिला विदेहक नगरी कहाओत और मिथिला के मान - सम्मान पान मखान सं होयत
जय मैथिली, जय मिथिला
~: लेखक :~
मदन कुमार ठाकुर
कोठिया पट्टीटोल
झंझारपुर (मधुबनी)
बिहार - ८४७४०४
मो 9312460150


गुरुवार, 23 सितंबर 2010

कनिक हंसिय लिय

१.

पति - डाक्टर साहिब हमर घर वाली के पेट में एक दू महिना से लगातार दर्द भ रहल छैक से
कन्नी निक जेका देखियो की कारन छैक ?
डाक्टर - देखो मै अछे से देख लिया हूँ और दबाई भी दे दिया हूँ , रोज सुबह - शाम
एक - एक मुन्ना खा लेना और फिर १५ दिन के बाद आके दिखा बा लेना ,
पत्नी - यो फल्लं के बाबु हमरा पेट में और जोर से दर्द बारहल जैया , रोज साँझ आ भोर के एगो - एगो मुन्ना खैत छीय तयो ,
पति - निक बात छि , निक बात छि , दर्द होयत अछि त हुअ दियो , देखियो १४ दिन में कतेक टा पेट भगेल अछि , लागैत अछि जे जल्दीय एक दू महिना में डेल्बरी भ जायत ,
२ .
पत्त्नी - सुनै छिय हम आब खेनाय - पिनाया नै बंबायब और चुल्हा चेकी के काज नही करब ,
पति - से किया ?
पत्नी - आब केंद्र सरकार आ बिहार सरकार सेहो महिला के लेल ५० प्रतिसत आरक्षण क देलकै हन , अपन भविष्य सुधारे के लेल ,
पति - ठीक अछि , आहा बहार के काज देखू आ दुनिया घुमु , हम घर में भोजन बनायब आ संग- संग अहाँ के बचो के जनम देब ,
३.
पत्त्नी - यो फला बाबु के रेडियो में कहैत छल जे , परिवार की गती विर्धी को रोको या फिर कंडोम इस्तमाल करो ,
पति - ठीक अछि , हम जाई छी दबाई दुकान पर ,
( दुकान दर से ) यो हमरा एगो कंडोम दिय , हमरा अपन कनिया कहलें हन ,
दुकानदार - कुन कंपनी के आ लेडिज या जैन्स के ?
पति - हम पूछी के आबैत छी ,
यई सुनैत छिय , कहलक जे कुन कंपनी के आ लेडिज या जैन्स के ,
पत्त्नी - कहबैन अपना दुकान से बच्चा बाला ,

४.
पति - (फोन से फोन पर ) चालू डार्लिंग सिनेमा देखेय लेल ,
पत्त्नी - आई नै सन्डे दिन ,
पति - (फोन से अगिला सन्डे के ) आई टिकट ल लिय ?
पत्त्नी - (चुपे - चाप ) कहलो ने अगिला सन्डे दिन के ,
पति - एखन कतय छी ? ऐना कियक बजय छि ,
पत्त्नी - कहलो ने बॉय फ्रेंड संग पि बी आर में ,
५.
( पति - पत्नी के एक दोसर से झगरा होयत छल , खूब गारा - गारी , ओकरा माय के ओ ,त
ओकर बाप के ओ , खाई त छलखिन , )
पति - हम जहिया से बियाह केलो हमरा कपार में आगि लागी गेल ,
पत्नी - हमरा जहिया से एकरा संग हमर माय बाप लगा देलक हमर नशीब में आगि लगी गेल
( ताबे में एगो छोरा जे दिल्ली से आयल छल , आ संग में मोबाईल फोन सेहो रखने छल ओ हबर - हबर -१०१ नंबर डाइल क देलकै आ कहलकै , हेल्लो अग्नि शमन पुलिस कंट्रोल (यस स्पीकिंग ) सर हमरे परोस में एक ही परिवार के पति और पत्नी को कापार में आग लग चुके है कृप्या बुताने
का प्रबंध करे --)
पुलिस आयल आ दुनु बय्क्ति के हाथ में हाथकरी लगा के जेल में बन्द क देलकैन , तखने दुनु प्राणी के कपार में लागल आगी सांत भगेल ,
6।

पति - यई काल्ही हमर मैरेड एनिभार्शारी छि , से हमर दोस्त महिम सब आयत से
अपन मुहक सरोसती के कनी बंद क के रखाब ,
पत्नी - ठीक अछि , बुझालो अहाँ के बात ,
दोस्त सब - यो मित्र बहुत निक पार्टी रहल , बहुत आनन्द आयल , बहुत खेलो - पिलो ,
मुदा अह्ना के लाइफ़ पाटनर के नहीं देखैत छि , हुनके लेल ने एतेक केलो हन ,
कनी बजाऊ हुनको से बात करब आ मैरेड एनिभार्शारी के सेहो सल्ब्रेट क देबैन ,
पति - यई सुनाई छीय हमर दोस्त सब कनी बात करता से घर से बहार आउ कनी
चेहरा देखा दियोन हिनको सब के ,
दोस्त सब - आ -- हा हा , बहुत सुन्दर , -२ दोस्त अहाँ त खूब नशीब बाला छि यो ?
पत्नी - हँ हँ कियक ने आई जे हिनकर मैरेड एनिभार्शारी जे छियन ,
दोस्त सब - से की अहाँ के मैरेड एनिभार्शारी नहीं छि ?
पत्नी - नै , हमर बियाह के प्रथम शालगिरः छि ,
7.
जगदम्बा ठाकुर के प्रस्तुती –

पत्नी - यो फल्ला के बाबु गाम में सब कहैत छैक जे कमला कात में बड़ जोरगर
बाड़ी आयल छैक से सबटा सामान लके कतय जायब , घर त बढिक पैन से
खैस परत ?
पति - यई अहाँ सब दिनक बुधु के बुधु रहिये गेलो ,
पत्नी - से की ठीके त कहैत छि ,
पति - बाढ़ी एलय त आब दियो ने , कमला के कात में में एलय ना हमर घर त
कमला के दुनू छहर के बिच यानि कमला के पेट में अछि , हमरा कुन डर ,
8.
पत्नी - यो सुनैत छिऐ आब शोभाग्य मिथिला टी वि पर गप्पी नंबर वन आबैत छैक ,
से अहँ कियक नै अहि में भाग लैत छि , ओही में भाग लेला से बहुत रास
पाई, बहुत रास समान आ बहुत रास इज्जत, आ मान सम्मान सेहो भेटत ,लोक सब
सेहो चिनहत जे ई फलां बाबु छिया ,
पति - हाँ हाँ से त ठीके कहैत छि , मुद्दा अहाँ के झारू ,अहाँ के बारैहन , आ अहाँ के खापैर
आ बेलां से फुर्सत भेटत तखन न ,

पत्नी - सब के घर में देखैत छि , गिप्ट पर गिप्ट भरी घर गिप्टे टा मुद्दा अहाँ के घर
में की आयल , एको पाओ मिठाई के डिबो टा नही , खाली नाम के लेल पंडित जी ,
सबटा फुसिये के जे हमरा एतेक रास जजमान अछि ,
पति - अहाँ चिंता कियक करैत , सब दुखक इलाज त हमरे लग अछि ,
पत्नी - से कोना ?
पति - जाबे हम १००१ रूपैया नही लेबई ताबे की हम कतौ के पूजा करेबनी , हमरा बिना
किनको की उधार छैन , जाबे लबैन नै ताबे पूजा करबैन नही, हम टस से मस नही हेबैन ,
ओकर बात अहाँ लैत रहब गिप्ट ,लिप्ट, सिपट जतेक लेबक रहत ,

लेखक -
मदन कुमार ठाकुर
जगदम्बा ठाकुर
पट्टीटोल , कोठिया , झंझारपुर ,
मधुबनी , बिहार
मो -- ९३१२४६०१५०

मंगलवार, 21 सितंबर 2010

ई सबटा मैथिल कहैया

ई सबटा मैथिल कहैया

दुनिया कहैया बिहार बर पाछू ,
नेता कहैया आब कतेक जागू,
केंद्र कहैया की- की सब देखू ,
बिहारी कहैया कतय के भागु ,
हम नै ,  ------
ई सबटा मैथिल कहैया----
साइंस कहैया आब कतेक खोजू ,
शिक्षा कहैया आब कतेक जागू ,
विद्दायर्थी कहैया आब कते पढू ,
शोभाग्य मिथिला कहैया कते देखाबू ,
बिहारी कहैया कतेक आब सुतू ,
हम नै ,  ----------
 ई सबटा मैथिल कहैया------

दिल्ली कहैया कतेक क राखू ,
बम्बई कहैया कतेक क भगाबू ,
अमेरिका कहैया कतेक विजा बनाबू ,
लन्दन कहैया कते और अप्नाबू ,
बिहारी कहैया कतय घर बसाबू
हम नै , ----------
 ई सबटा मैथिल कहैया----

कमला कहैया आब कतेक रूकु ,
कोशी कहैया आब कतेक देखू ,
गंडक कहैया किम्हर के बहु ,
नहर कहैया कते आब पटाबू ,
बिहारी कहैया की सबहक़ जल पिबू ,
हम नै ,--------
 ई सबटा मैथिल कहैया----

कर्म कहैया कतेक बचाबू ,
धर्म कहैया कतेक निभाबू ,
सरम कहैया कतेक छिपा बू ,
मृत्यु कहैया कते बेर जिबू ,
बिहारी कहैया कते दुःख सहू
हम नै ,---------
 ई सबटा मैथिल कहैया----

शरावी कहैया कते आब पिबू ,
किसान कहैया कते बेशाहा लगाबू ,
पंडित कहैया कते दान कराबू ,
मोन कहैया कते आब कानू ?
बिहारी कहैया कते दुःख सहू ,
हम नै ,--------
 ई सबटा मैथिल कहैया----

रेलगाड़ी कहैया कते आब चलू ,
रिजर्व वेशन कहैया कतेक आब करू
प्लेन कहैया कतेक आब ऊरू ,
संसाधन कहैया कते नियम लगाबू
बिहारी कहैया कथि से चलू
हम नै ,-----------
 ई सबटा मैथिल कहैया----
 
madan kumar thakur
kothia pattitol jhanjharpur
madhubani , bihar 847404

शनिवार, 11 सितंबर 2010

कनिक हंसिय लिय

                      मक्षर चालीस

   

                            दोहा

अति आबस्यक जानी के होके अति लचार ,
बरनो मच्छर सक्‍ल गुणों दुख दायक ब्यबहार ।


बिना मसहरि दिन हूँ सुनहू सकल नर्रनार ,
मक्ष्छर चलिसा लिखक पढ़उ सोइच बिचैर ।।

                चोपाई
जय मच्छर भगवान उजागर ।
जय अनगिनित हे रोग के सागर ।।
नदियाँ पोखैर गंगा सागर ।
बठाम रहते छी अही उजा गर ।।
नीम हकिम के अही रखबारे ।
डाक्टर के भेलो अतिश्य प्यारे ।।
मलेरिया के छी अहा दाता ।
डेंगू के ची  भाग्यबिधता  ,
छी खटमल के प्यारे भ्राता ।।

जरी बुट्टी से काज नऽ बनल ।
अंग्रेजी दबाइ जलदी फीट करल ।।
आउल आउट गुडनाइर्ट अपनेलो ।
फेर अपन अहा जान बचेलो ।।
दिन दुखि सब धुप में जरैत छैथ ।
रैतो में बेचैन रहैत छैथ ।।
संझ – भोर अहा राग सुनाबी ।
गूं गूं के नाम कमाबी ।।
राजा छैथ या रंक फकिरा ।
सब के केलो अपनेही मत धिरा ।।
रूप कुरूप न अहा मानलो ।
छोटका - बऱका नै अहा जनलो ।।
नर छैथ या स्वर्गाक नारी ।
सब के समक्ष बनलो अहा भारी।।
भिन्न भिन्न जे रोग सुनेला ।
डाकटर कुमार फेर शर्मेला ।।
सब दफ्‍तर में आदर पेलो ।
बिना इजाजत के अहा घुस गेलो ।।
चाट परल जिन्गी से गेलो ।
कनैत खिजैत परिवार गमलो ।।
जय - जय हे मक्ष्छर भगवाना ।
माफ करू सबटा जुर्माना ।।
छी अहा नाथ साथ हम चेरा ।
जल्दी उजारारू अहा अपनेही डेरा ।।

                    दोहा
निश बंसर शंकर करण मालिन महा अति कुर |
अपन दल बल सहित बशु कहि जा दुर ||
लेखक ----
मदन कुमार ठाकुर
पट्टीटोल (कोठिया), भैरव स्थान ,
झंझारपुर , मधुबनी , बिहार ,८४७४०४


  तरुवाक पंच तिलकोर


भिन्डी - भिनभिनायत भिन्डी के तरुवा,
आगू आ ने रौ मुह जरूवा ,
हमरा बिनु उदाश अछि थारी ,
करगर तरुवा रसगर तरकारी !
कदीमा - गै भिन्डी तू चुप्पहि रह ,
अहि स आगू किछु नही कह!
लस - लस तरुवा फचफच झोर ,
नामे सुनते खसतौ नोर !
खेत जे से खोदत दात,
 देखितही तोरा सिकुर्ल नाक
हम कदीमा नम्हर मोट ,
भगले नही तऽ कटबौ झोट!!
   फर -देखिते तोरा मोन ओकायल,
बाहर निस्सन तड फोकायल!
हम्मर तरुवा भाग्य सऽ भेटतौ ,
मारि लिखल छौ से के मेटतौ !
पकरू खंती बरी जाऊ ,
झटपट कोरी कऽ हमरा लाऊ !

समधी एला चाहे बर ,
माटी तर सऽ बाजल फर !!
आलू - जमा देबौ हम थप्पड़ तरतर ,
केलहिन के सब हमर परतर!
छ जऽ मर्दक बेटा तऽ,
आबी कऽ बनी लंगोटा तऽ !
की बजैत छऽ माटी तर सऽ ,
बजैय जेना जनाना घर सऽ !
हमरे पर यऽ दुनिया राजी ,
आब जऽ बजले बनबौ जाबि!
हमर तरुवा लाजबाब ,
नाम हमर य लाल गुलाब !!
परबल - बहुत दूर सऽ आबी रहल छि ,
ताहि हेत भ गेलौ लेट !
हमर तरुवा सेठ खायत य ,
ताहि हेत नमरल छनी पेट !
 दू फाक क भैर मशाला,
दियौ तेल नही गर्बर झाला !
दाली भात पर चटपट खाऊ ,
भेल देर ऑफ़ीस चली जाऊ !!
फुलकोबी - फुलकोबी के खुजल कान,
हमरे पर छह एतेक शान !
हमर तरुवा हौय छै अजीब,
ककरो -ककरो भेल नसीब !!
तिलकोर - सुनी हल्ला तिलकोर पंच,
हाथ जोरी कऽ बैसला मंच !
सुंदर नाम हमर तिलकोर ,
हमरा लतिक ओर नै छोर !
भेटी बिना मूल्य आ दाम,
मिथिला भरी पसरल अछि नाम !
हमरा चाही मिथिला राज्य ,
तय दिन राती करैत छि काज !!

धन्यबाद
गीतकार - मुकेश मिश्रा ,९९९०३७९४४९
        

    आमक  झगरा

कलकत्ता स आयल छि, अछि नाम कलकतिया,

आम बिच में नाम केने छि, फरलहू पथिया के पथिया!
हमरा आगा कुन आम छै कनिये बरी क आ आगा ,
मारबौ फोरसा घिचबौ चरसा गाम स देबौ भगा !!
सुनी बरबरीया घिचलक सरिया रौ कलकतिया भाग ,
जान नै बचतौ मारल जेमा ,गेलौ सौसे गाछी जाइग !
रति बीराइत क तारी पीबक नही कर एतेक शोर ,
जतेक कहलियो ततबे सुन नही त डेंगेबौ तारमतोर !
कृष्णभोग के खुजल नींद ,के करैत अछि एतेक हल्ला
नही बुझैत अछि रति आ दिन,भ जेतव आब ढोरही ढिल्ला
केरबा-फैजली दुनु आब कैस क बनलक फार
आब कियो ज बजला बैआ,तोरी देबी हम डार!
बाप रै बाप के हल्ला सुनी क दौरल आब सपेता ,
हाथ में लाठी माथ मुरेठा ,कसने अपन लंगोटा!
बमबैयो क नै रहल गेलै,ओहो धेलक तान
हमरा जे एक बेर खाय य बढ़ाई छाई ओकर शान !
सब आम मिल के बजल जय जय बमबई की
अहू सब कहियो जय बमबई की
लेखक ---
गीतकार - मुकेश मिश्रा
9990379449

गुरुवार, 9 सितंबर 2010

Bihar Shining : Pragati ke Path Par Agrasit Bihar



22 मार्च 1912, बिहार स्थापना दिवस. बिहारी होने की गौरवबोध की प्रस्थान यात्रा. इसी दिन अँगरेज़ सरकार ने बिहार को बंगाल से अलग कर उड़ीसा के साथ एक अलग राज्य के रूप में मान्यता देकर हमें 'बिहारी' होने का गौरव प्रदान किया.

हाल में ही बिहार सरकार ने २२ मार्च को 'बिहार दिवस' पुरे प्रदेश सहित सम्पूर्ण विश्व में खूब धूम-धाम से मनाया. राज्य भर में आयोजित समारोहों , झाकियों के अवाले पटना के ऐतिहासिक गाँधी मैदान में आयोजित विशाल प्रदर्शनी में बिहार के गौरवशाली अतीत एवं वर्तमान विकास को दिखाया गया. केंद्रीय सांख्यिकी संगठन (CSO) के अनुसार बिहार 11 .05 फीसदी विकास दर के साथ दूसरा सबसे तेज़ विकसित होने वाला प्रदेश बन गया है. यह सचमुच में नीतीश कुमार के नेतृत्व वाली सरकार का अभूतपूर्ण कारनामा है.

इतिहास साक्षी है की अतीत से ही बिहार चक्रवर्ती सम्राटो, शिक्षा एवं विकास का केंद्र रहा है. बिहार के विकास पर सूर्यग्रहण लगने की शुरुआत मुगलकालीन शासन द्रारा इन्हें कमज़ोर करने से हुई. फिर अंग्रेजो ने इन्हें मख्खी की तरह चूसा. 70 के दशक में जाति व वर्ग विशेष के बीजो ने लगभग इन्हें गृहयुद्ध की स्थिति में धकेलकर रही सही कसर पूरी कर दी. सवर्ण भूस्वामियो की सेनाओ और दलितों के लिए संघर्ष करने वाले दलित सेनाओं के बीच खूनी संघर्ष शरु हो गया. जातिवाद की राजनीति के चलते लगातार अक्षम एवं भ्रष्ट सरकारे राज्य की सत्ता पर काबिज होती गयी फलतः नक्सलवाद को शह मिलता रहा और आये दिन नरसंहार, डकैती, लुट-पाट,चोरी और अपहरण की घटनाए आम हो गयी. 90 के दशक में राज्यमार्गो पर होने वाले लुट-पाट ने लोगो का जीना दूभर करने लगा. लोगो ने रात में यात्रा करना बंद कर दिया. व्यवसायी वर्ग अपना व्यवसाय के लिए दुसरे राज्यों में पलायन करने लगे. अपहरण सूबे का एकमात्र फलता-फूलता उद्योग बन गया. कानून - व्यवस्था का कोई नामोनिशान नहीं था. चारो तरफ अराजकता का माहौल था. इन्ही वजहों से बिहार की छवि बाहर के राज्यों में खराब होने लगी. यहाँ तक की बिहार के लोग अपने आप को 'बिहारी' कहने और कहलाने में अपमानित महसूस करने लगे. लालू सरकार द्वारा किये गए अनेक घोटालो जैसे चारा घोटाला आदि ने स्थिति को और बदतर कर दिया. और यह सिलसिला 2005 तक राबरी देवी सरकार के विघटन तक चलता रहा.

2005 में जब नीतीश कुमार ने राज्य की बागडोर संभाली तो राज्य में सब जगह अराजकता और अव्यवस्था का आलम था. उनके सत्ता में आने के बाद लोगो की उम्मीदे जगी. पिछले चार साल में मौजूदा सरकार ने 'जंगल राज्य' को खत्म कर 'कानून राज्य' स्थापित करने की भरसक कोशिश की है. जिन्हें मै विभिन्नं समाचार पत्रों में प्रकाशित अब तक के दिए गए तथ्यों के आधार पर नीचे बता रहा हूँ.

अब जरा इन आंकड़ो पर गौर करे. 2004 में जहाँ फिरौती और अपहरण के 400 से अधिक मामले दर्ज किये गए थे, वही 2008 में यह संख्या घटकर 66 रह गयी तथा डकैती की संख्या 1287 से घटकर 640 हो गयी. अब आर्म्स एक्ट को सख्ती से लागू किया गया है. स्पीडी ट्रायल के जरिये 42 हज़ार अपराधियों को अब तक सजा मिल चुकी है. राज्य सरकार ने सीबीआई के रिटायर्ड अफसरों को रखकर "स्पेशल विजिलेंस यूनिट " बनायीं है जिनका काम राज्य में फैले भ्रस्टाचार तथा उनमें लिप्त रिश्वतखोरों को कानून के दायरे में लाना है. अब तक 300 से अधिक भ्रष्ट लोकसेवको के खिलाफ चार्जशीट दाखिल की गयी है और इनमे डीजी, डीएम और सेक्रेट्री स्तर अधिकारी तक को नहीं बक्शा गया है. अब बिहार देश का पहला राज्य हो गया है, जहाँ भ्रष्ट तरीको से अर्जित संपत्ति की जब्ती होगी और इन संपत्ति का उपयोग सार्वजनिक कार्यो में होगा.

आप लोगो को यह सब बताकर मै भ्रस्टाचार ख़त्म और अपराध ख़त्म होने का ढिंढोरा नहीं पीट रहा हूँ बल्कि इतना बताना चाह रहा हूँ कि स्थिति काफी सुधरी है. लेकिन अभी और सुधार की आवश्यकता है जिनपर मै नीचे प्रकाश डालूँगा.


अब जरा इन पर गौर करे. अभी तक राज्य में 6800 किलोमीटर नयी सड़के बनायी गयी है. 1600 नए पुलों का निर्माण किया गया है. जिससे यात्रा करना सुलभ हुआ है. इनके अलावे अन्य बुनियादी सुविधाओं जैसे शिक्षा, कृषी और अन्य कल्याणकारी योजनाओ पर भी ध्यान दिया जा रहा है. सयुंक्त रास्त्र संघ की संस्था ' यूनिसेफ ' ने भी माना है की पिछले चार वर्षो में प्राथमिक शिक्षा में बिहार ने काफी तरक्की की है. विशेषतः लडकियों को स्कूल जाने के लिए प्रोत्साहित किया जा रहा है तथा इनके लिए उन्हें काफी तरह की सुविधाए दी जा रही है. एयरटेल बिहार-झारखण्ड के सीइओ (CEO) के अनुसार बिहार के विकास ने दूरसंचार कंपनियों को खूब उत्साहित किया है. आज बिहार में 10 से ज्यादा मोबाइल कम्पनिया काम कर रही है और यह राज्य देश की दूरसंचार कंपनियों के लिए हॉट-स्पाट बन गया है. बिहार के बदलते कानून और विधि व्यवस्था की स्तिथि को देख कर बहुरास्ट्रीय कंपनिया भी निवेश का मन बना रही है.


कई लोगो को यह पढ़ कर संदेह हो रहा होगा लेकिन ये हकीकत है. प्रसिद्ध अर्थशास्त्री स्वामीनाथन अस अय्यर भी अपनी बिहार यात्रा के बाद यह मानने लगे है की बिहार में बदलाव चमत्कारिक है. साथ ही उन्होंने चेतावनी दी है की 11 प्रतिशत की विकास दर क्षणिक है और इनका बने रहना इस बात पर निर्भर करता है की आगामी विधान सभा चुनाव के बाद चयनित सरकार इसे कायम रख पाती है या नहीं.

अब मै कुछ विन्दुओ की और सबका ध्यान आकर्षित करना चाहूँगा. पहला ये की भरसक प्रयास के बाबजूद भ्रस्टाचार जारी है. पहले यह खुले आम लिया जाता था, लेकिन अभी ये टेबल के नीचे से चुरा- छुपा कर लिया जा रहा है. दूसरी बात यह की प्राथमिक विद्यालयों में पर्याप्त शिक्षक होने के बाबजूद पढाई नहीं हो रही है. राज्य के अन्य सरकारी संस्थानों में भी कमोवेश यही हाल है. हालाँकि इसके लिए मै सरकार की नीतियों से ज्यादा लोगो की ढुलमुल रवेये और मनोदशा को जिम्मेदार मानता हूँ. लोगो को अभी तक जैसे-तैसे काम करने की आदत थी, लेकिन अब उन्हें काम करने के लिए मजबूर किया जा रहा है, जो उन्हे हज़म नहीं हो रहा है. इसके लिए हमें अपने समाज और राज्य के प्रति अपना सोच बदलना होगा. तभी हम अपनी क्षवी बेहतर बना पायंगे.

अतः जरुरत है दुनिया को बिहार और बिहार के लोगो के प्रति अपना नजरिया बदलने का. जरुरत इस बात की भी है की हमलोग अपनी शक्ति को पहचाने तथा एकजुट होकर बिहार को भ्रस्टाचारो, अशिक्षा, जातिवाद, रूढ़ीवाद को जड़ से मिटाकर और हीन भावना से मुक्त होकर एक " खुशहाल और विकसित बिहार " का सृजन करे. गर्व से कहे की " हम बिहारी है. " तथा ऐसा कहलाने पर गौरान्वित महसूस करे क्योकि हम उस मिटटी में पैदा हुए है जहाँ गौतम बुद्ध, राजेंद्र प्रसाद, राममनोहर लोहिया आदि जैसे महापुरुष पैदा हुए थे.


अंत में मै रविन्द्र राजहंस द्वारा रचित कुछ पंक्ति दुहराना चाहूँगा.


      भविष्य के सुनहरे फ्रेम में
      नए बिहार का मुस्कराता चेहरा मढना है.
      दीवारों पर लिखे विकास के इबारत को
      आँखे खोल पढना है
      और बिहार को प्रगति के पथ पर आगे बढ़ाना है.


नोट:- सभी पाठको से आग्रह है की आप अपनी राय जरुर दे और निवंध में लिखे त्रुटियों पर ध्यान ना दे. मैंने यह निवंध जान-बुझकर हिंदी में प्रकाशित करने का फैसला किया ताकि ज्यादा से ज्यादा लोग इन्हें पढ़ सके और अपनी राय दे सके लेकिन इस वेबसाइट पर निवंध लिखने के दौरान काफी मुश्किल का सामना करना पड़ा और मुझे सही अक्षर खोजने में काफी दिक्कत हुई. अतः कृपया इनपर ध्यान ना दीजियेगा और ज्यादा से ज्यादा लोगो को यह पोस्ट फोरवार्ड कीजिए.


ई पोस्ट हम अपन ब्लॉग पर किछु दिन पहिने प्रकाशित केलो रहे. हमर इच्छा छल कि ज्यादा से ज्यादा लोग एकरा पढ़े ताहि से फेर स ई मंच पर एकरा प्रकाशित का रहल छि. 
हमर ब्लॉग के एड्रेस छि http://ckjha.blogspot.com/
































































Nokia Dual SIM Mobile phone C1 & C2 launched, A reality now...!!



The trusted cell phone maker Nokia has finally launched most awaited Dual SIM phone in India this month and enter the market of Dual SIM phone. Both of these phones support Long battery life, Multiple Phonebook, Large Screen and local language interface.

Features of Nokia dual SIM phone C1:-


  • Long Stand by battery life of 6 weeks
  • Call divert facility ((For diverting call from SIM 1 to SIM2 as it supports only one SIM at a time)
  • Flash Light
  • FM Radio
  • Colour Screen
  • Headphone Jack

Cons: Though 2 SIM can be inserted at the same time, but only one SIM can be activated at a time. But using Call divert facility, call can be diverted from SIM1 to SIM2.

 Expected Price: Rs 1900

 Features of Nokia dual SIM phone C2:-   
  • Better than Nokia C1 as 2 SIM card can be activated at the same time
  • VGA Camera
  • Music Player
  • FM Radio
  • Expandable memory up to 32 GB with micro SD card
  • Bluetooth
  • 3.5 mm Audio jack
  • GPRS
  • Nokia Life Tools
 Expected Price : Rs 2600



 These phones will be available in market very soon....! It's really a good news that Nokia has started producing Dual SIM phone. But still a lots of thing is to be done to compete the Dual SIM phone market as these days Mobile phone company like Micromax, Carbonn, Max, Lava offers Dual SIM phone with 3G capability at very cheap price.

   I am really expecting a Nokia Dual SIM 3G Phone (1 GSM + 1 CDMA) with at least 3 mega pixel camera soon in the market. It is well known that by the end of this year most of Mobile Operators will start offering 3G services to Costumers. Let's see when Nokia will understand the heartbeat of Young Indians.... :)



























शनिवार, 4 सितंबर 2010

फुट - पाथ पर जन्मल दुगो बच्चा


सुपौल। ----लोग ठीके कहैत अछि कुन्नु भी प्राणी के मरण व जन्म कुन्नु ठिकाना नहीं होयत छैक कखन आ कत कुन्नु ने कउनु प्रकारे कुन तरह ककरो जन्म भ जायत छैक त कुनू तरहे मौत भ जाय छैक और कुन तरहे ओकर निमेरा होयत छैक अहि बात के प्रत्यक्ष प्रमाण शुक्रवार के दिन सुपौल शहर में देखैय के मिलल जखन एगो जनानी के एकै साथ दुगो बचचा के जनम सड़क पर में ही देलक , घटना लगभग ई साँझ के चारी बजे के अच्छी । प्रत्यक्षदर्शि सब के अनुसा रे दुगो जनानी टेम्पू से गांधी मैदान के लोहियानगर चौक के दिस जायात रहल छल । ओही समय में दुनु जनानी पेट्रोल पम्प के सामने जताई अधूरे प्रतिमा स्थल के सामने उतैयर के ओ पैदल चलालागली । कनिक दूर आगा गेला के पश्चात ओहिमेसे से एगो जनानी प्रसव पीड़ा शुरु भागेलें और ओ जनानी एगो बच्चा के जन्म देलखिन । तकराबाद ओही थम अनेको महिला जनानी सब जमा भगेली सब कियो अपन - अपन घर से तिरपाल आ साडी आनी क देलखिन । जहिसे प्रसूति के रक्षा आ सयोग भेटलन , जनानी लोकिन सब दोसर बच्चा के जन्म सेहो कर् बेलयां ।ओही के उपरांत जनानी सब प्रसूति के परिजन के बजुलैथी और हुनका इलाज के लेल चिकित्सक के नजदीक लगेलैन । जन्म दुनु बच्चा लड़के छल । बतायल गेल जे प्रसूति के नाम ममीना खातून छियान जे स्थानीय भेलाही मोहल्ला के मदरसा के समीप के रही वाली छैथि ।
प्रेषक -- सोनू कुमार झा