dahej mukt mithila

(एकमात्र संकल्‍प ध्‍यान मे-मिथिला राज्‍य हो संविधान मे) अप्पन गाम घरक ढंग ,अप्पन रहन - सहन के संग,अप्पन गाम-अप्पन बात में अपनेक सब के स्वागत अछि!अपन गाम -अपन घरअप्पन ज्ञान आ अप्पन संस्कारक सँग किछु कहबाक एकटा छोटछिन प्रयास अछि! हरेक मिथिला वाशी ईहा कहैत अछि... छी मैथिल मिथिला करे शंतान, जत्य रही ओ छी मिथिले धाम, याद रखु बस अप्पन गाम - अप्पन बात ,अप्पन मान " जय मैथिल जय मिथिला धाम" "स्वर्ग सं सुन्दर अपन गाम" E-mail: apangaamghar@gmail.com,madankumarthakur@gmail.com mo-9312460150

apani bhasha me dekhe / Translate

सोमवार, 4 मार्च 2024

मनोजवं मारुत तुल्य वेगम जितेंद्रियम् बूद्धिमतां वरिष्ठम् वातात्मजं वानरयूथ मुख्यम् श्रीराम दूतं शरणं प्रपद्धे"

     


अतुलितबलधामं हेमशैलाभदेहं दनुजवनकृशानुं ज्ञानिनामग्रगण्यम्।सकलगुणनिधानं वानराणामधीशं रघुपतिप्रियभक्तं वातजातं नमामि ।। अर्थात अतुल बल के धाम, सोना के पहाड़ (सुमेरु) के जकाँ कान्तियुक्त शरीर बला, दैत्य रूपी वन के ध्वंस करवाक लेल अग्नि रूप, ज्ञानी सभक महाज्ञानी, समस्त गुण केर निधान, वानर केर स्वामी, श्री रघुनाथजी के प्रिय भक्त पवनपुत्र हनुमान जी के हम प्रणाम करै छी। हनुमान जी एकमात्र एहन देवता छैथि जे शक्तिशाली, विनम्र आ तुरंत प्रसन्न होमय बला छैथि। एतवे नहि ओ चारू युग मे उपस्थित छैथि। हिनक भक्ति करयबला के कखनो कोनो संकट नहि अबैत छैक। भक्त के कोनो भय नहि सता सकैत छैक। ब्रम्हांडपुराण के अनुसार हनुमानजी के पाँच टा भाई छलखिन जे विवाहित छलाह। नाम रहैन - मतिमान, श्रुतिमान, केतुमान, गतिमान आ घृतिमान। सभ हनुमान जी सँ छोट छलखिन आ सभ भाई के धिया पुता छलैन्ह ।ब्रह्मपुराण केर अनुसार हनुमानजी के पिता केसरी कुंजर के बेटी अंजना के पत्नी के रूप में स्वीकार कयने छलाह। अंजना बहुत सुंदर छलीह। हिनके गर्भ सँ प्राणस्वरूप वायु के अंश सँ हनुमान केर जन्म भेल छलन्हि। "मनोजवं मारुत तुल्य वेगम जितेंद्रियम् बूद्धिमतां वरिष्ठम् वातात्मजं वानरयूथ मुख्यम् श्रीराम दूतं शरणं प्रपद्धे" 

कोई टिप्पणी नहीं: