शुक्रवार, 31 दिसंबर 2021
मेरी उम्र क्या है ? Meri Age kya hia in hindi . Kaise Nikale ?
गुरुवार, 23 दिसंबर 2021
25 दिसम्बर 2021 को तुलसी पूजन दिवस है
सुबह अपने नैतिक कार्यों से निवृत होकर मां तुलसी की पूजा करनी चाहिए। पहले कुमकुम से उनका टीका करना चाहिए और उसके बाद उनकी आरती करके जल चढ़ाना चाहिए। जल चढ़ाते वक्त आपको निम्नलिखित मंत्र पढ़ने चाहिए।
महाप्रसादजननी सर्व सौभाग्यवर्धिनी।
आधि व्याधि हरा नित्यं तुलसी त्वं नमोस्तुते।।
इसके बाद आप तुलसी की परिक्रमा कीजिए, आप अपनी सुविधानुसार 7, 11, 21 या 111 परिक्रमा कर सकते हैं और उसके बाद मां तुलसी का ध्यान कीजिए। इसके बाद तुलसी के पत्ते डालकर प्रसाद वितरित करें। तुलसी पूजा सुबह ही नहीं आप आज कभी भी कर सकते हैं।
तुलसी के आठ नाम
वृंदा, वृंदावनी, विश्वपावनी, विश्वपूजिता, पुष्पसारा, नंदिनी, तुलसी और कृष्णजीवनी - ये तुलसी देवी के आठ नाम हैं। कहते हैं कि जो पुरुष तुलसी की पूजा करके इस नामाष्टक का पाठ करता है, उसे अश्वमेध यज्ञ का फल प्राप्त होता है।
🌿 *· तुलसी के निकट जिस मंत्र-स्तोत्र आदि का जप-पाठ किया जाता है, वह सब अनंत गुना फल देनेवाला होता है |*
🌿 *· प्रेत, पिशाच, ब्रह्मराक्षस, भूत, दैत्य आदि सब तुलसी के पौधे से दूर भागते है |*
🌿 *· ब्रह्महत्या आदि ताप तथा पाप और बुरे विचार से उत्पन्न होनेवाले रोग तुलसी के सामीप्य एवं सेवन से नष्ट हो जाते हैं |*
🌿 *तुलसी का पूजन, रोपण व धारण पाप को जलाता है और स्वर्ग एवं मोक्ष प्रदायक है |*
🌿 *· श्राद्ध और यज्ञ आदि कार्यों में तुलसी का एक पत्ता भी महान पुण्य देनेवाला है |*
🌿 *· जो चोटी में तुलसी स्थापित करके प्राणों का परित्याग करता है, वह पापराशि से मुक्त हो जाता है |*
🌿 *तुलसी के नाम-उच्चारण से मनुष्य के पाप नष्ट हो जाते हैं तथा अक्षय पुण्य की प्राप्ति होती है |*
🌿 *· तुलसी ग्रहण करके मनुष्य पातकों से मुक्त हो जाता है |*
🌿 *· तुलसी पत्ते से टपकता हुआ जल जो अपने सिर पर धारण करता है, उसे गंगास्नान और १० गोदान का फल प्राप्त होता hai ,
*घर में सुख-शांति के लिए*
🌿 *घर में सुख-शांति, कामधंधे में स्थिति चाहिये तो पर्वों के दिनों में तुलसी के १०८ परिक्रमा करें |
*तुलसी मंत्र*
🌿 *तुलसी माता पर जल चढ़ाते हुए इस मंत्र को बोलें*
*महाप्रसाद जननी सर्वसौभाग्यवर्धिनी*
*आधि व्याधि जरा मुक्तं तुलसी त्वाम् नमोस्तुते*
*इस मंत्र का अर्थ है*
🌿 *हे भक्ति का प्रसाद देने वाली माँ! सौभाग्य बढ़ाने वाली, मन के दुःख, और शरीर के रोग दूर करने वाली तुलसी माता को हम प्रणाम करते है
25 दिसम्बर 2021 को तुलसी पूजन दिवस है ।* तुलसी पूजन विधि 25th Decemberसुबह अपने नैतिक कार्यों से निवृत होकर मां तुलसी की पूजा करनी चाहिए। पहले कुमकुम से उनका टीका करना चाहिए और उसके बाद उनकी आरती करके जल चढ़ाना चाहिए। जल चढ़ाते वक्त आपको निम्नलिखित मंत्र पढ़ने चाहिए।
महाप्रसादजननी सर्व सौभाग्यवर्धिनी।
आधि व्याधि हरा नित्यं तुलसी त्वं नमोस्तुते।।
इसके बाद आप तुलसी की परिक्रमा कीजिए, आप अपनी सुविधानुसार 7, 11, 21 या 111 परिक्रमा कर सकते हैं और उसके बाद मां तुलसी का ध्यान कीजिए। इसके बाद तुलसी के पत्ते डालकर प्रसाद वितरित करें। तुलसी पूजा सुबह ही नहीं आप आज कभी भी कर सकते हैं।
तुलसी के आठ नाम
वृंदा, वृंदावनी, विश्वपावनी, विश्वपूजिता, पुष्पसारा, नंदिनी, तुलसी और कृष्णजीवनी - ये तुलसी देवी के आठ नाम हैं। कहते हैं कि जो पुरुष तुलसी की पूजा करके इस नामाष्टक का पाठ करता है, उसे अश्वमेध यज्ञ का फल प्राप्त होता है।
🌿 *· तुलसी के निकट जिस मंत्र-स्तोत्र आदि का जप-पाठ किया जाता है, वह सब अनंत गुना फल देनेवाला होता है |*
🌿 *· प्रेत, पिशाच, ब्रह्मराक्षस, भूत, दैत्य आदि सब तुलसी के पौधे से दूर भागते है |*
🌿 *· ब्रह्महत्या आदि ताप तथा पाप और बुरे विचार से उत्पन्न होनेवाले रोग तुलसी के सामीप्य एवं सेवन से नष्ट हो जाते हैं |*
🌿 *तुलसी का पूजन, रोपण व धारण पाप को जलाता है और स्वर्ग एवं मोक्ष प्रदायक है |*
🌿 *· श्राद्ध और यज्ञ आदि कार्यों में तुलसी का एक पत्ता भी महान पुण्य देनेवाला है |*
🌿 *· जो चोटी में तुलसी स्थापित करके प्राणों का परित्याग करता है, वह पापराशि से मुक्त हो जाता है |*
🌿 *तुलसी के नाम-उच्चारण से मनुष्य के पाप नष्ट हो जाते हैं तथा अक्षय पुण्य की प्राप्ति होती है |*
🌿 *· तुलसी ग्रहण करके मनुष्य पातकों से मुक्त हो जाता है |*
🌿 *· तुलसी पत्ते से टपकता हुआ जल जो अपने सिर पर धारण करता है, उसे गंगास्नान और १० गोदान का फल प्राप्त होता hai ,
*घर में सुख-शांति के लिए*
🌿 *घर में सुख-शांति, कामधंधे में स्थिति चाहिये तो पर्वों के दिनों में तुलसी के १०८ परिक्रमा करें |
*तुलसी मंत्र*
🌿 *तुलसी माता पर जल चढ़ाते हुए इस मंत्र को बोलें*
*महाप्रसाद जननी सर्वसौभाग्यवर्धिनी*
*आधि व्याधि जरा मुक्तं तुलसी त्वाम् नमोस्तुते*
*इस मंत्र का अर्थ है*
🌿 *हे भक्ति का प्रसाद देने वाली माँ! सौभाग्य बढ़ाने वाली, मन के दुःख, और शरीर के रोग दूर करने वाली तुलसी माता को हम प्रणाम करते है
सोमवार, 20 दिसंबर 2021
बथुआ साग नहीं एक औषधि है !
बथुआ के गुणकारी लाभ-
सागों का सरदार है बथुआ, सबसे अच्छा आहार है बथुआ !
बथुआको अंग्रेजी में Lamb's Quarters कहते हैं !
इसका वैज्ञानिक नाम Chenopodium album है !
साग और रायता बना कर बथुआ अनादि काल से खाया जाता रहा है ! लेकिन क्या आपको पता है कि विश्व की सबसे पुरानी महल बनाने की पुस्तक शिल्प शास्त्र में लिखा है कि हमारे बुजुर्ग अपने घरों को हरा रंग करने के लिए पलस्तर में बथुआ मिलाते थे !
हमारी बुजुर्ग महिलायें सिर से ढेरे व फाँस (डैंड्रफ) साफ करने के लिए बथुए के पानी से बाल धोया करती थीं !
बथुआ गुणों की खान है और भारत में ऐसी ऐसी जड़ी बूटियां हैं तभी तो हमारा भारत महान है !
बथुए में क्या-क्या है ? मतलब कौन-कौन से विटामिन और मिनरल्स हैं ?
तो सुनें, बथुए में क्या नहीं है !
बथुआ विटामिन B1, B2, B3, B5, B6, B9 और C से भरपूर है तथा बथुए में कैल्शियम, लोहा , मैग्नीशियम, मैगनीज, फास्फोरस , पोटाशियम, सोडियम व जिंक आदि मिनरल्स हैं !
100 ग्राम कच्चे बथुवे यानि पत्तों में 7.3 ग्राम कार्बोहाइड्रेट, 4.2 ग्राम प्रोटीन व 4 ग्राम पोषक रेशे होते हैं ! कुल मिलाकर 43 Kcal होती है !
जब बथुआ मट्ठा, लस्सी या दही में मिला दिया जाता है तो यह किसी भी मांसाहार से ज्यादा प्रोटीन वाला व किसी भी अन्य खाद्य पदार्थ से ज्यादा सुपाच्य व पौष्टिक आहार बन जाता है ! साथ में बाजरे या मक्का की रोटी, मक्खन व गुड़ की डली हो तो इसे खाने के लिए देवता भी तरसते हैं !
जब हम बीमार होते हैं तो आजकल डाक्टर सबसे पहले विटामिन की गोली खाने की सलाह देते हैं ! गर्भवती महिला को खासतौर पर विटामिन बी, सी व आयरन की गोली बताई जाती है ! बथुए में वो सब कुछ है ! कहने का मतलब है कि बथुआ पहलवानों से लेकर गर्भवती महिलाओं तक , बच्चों से लेकर बूढों तक, सबके लिए अमृत समान है !
यह साग प्रतिदिन खाने से गुर्दों में पथरी नहीं होती ! बथुआ आमाशय को बलवान बनाता है, गर्मी से बढ़े हुए यकृत को ठीक करता है ! बथुए के साग का सही मात्रा में सेवन किया जाए तो निरोग रहने के लिए सबसे उत्तम औषधि है !
बथुए का सेवन कम से कम मसाले डालकर करें ! नमक न मिलाएँ तो अच्छा है , यदि स्वाद के लिए मिलाना पड़े तो काला नमक मिलाएँ और देशी गाय के घी से छौंक लगाएँ ! बथुए का उबला हुआ पानी अच्छा लगता है ! तथा दही में बनाया हुआ रायता स्वादिष्ट होता है !
किसी भी तरह बथुआ नित्य सेवन करें !
बथुए में जिंक होता है जो कि शुक्राणु वर्धक होता है ! मतलब किसी को जिस्मानी कमजोरी हो तो उसको भी दूर कर देता है बथुआ ! बथुआ कब्ज दूर करता है और अगर पेट साफ रहेगा तो कोई भी बीमारी शरीर में लगेगी ही नहीं, ताकत और स्फूर्ति बनी रहेगी ! कहने का मतलब है कि जब तक इस मौसम में बथुये का साग मिलता रहे नित्य इसकी सब्जी खाएँ !
बथुये का रस, उबाला हुआ पानी पियें तो यह खराब लीवर को भी ठीक कर देता है ! पथरी हो तो एक गिलास कच्चे बथुए के रस में शक्कर मिलाकर नित्य पिएँ तो पथरी टूटकर बाहर निकल आएगी ! मासिक धर्म रुका हुआ हो तो दो चम्मच बथुए के बीज एक गिलास पानी में उबालें , आधा रहने पर छानकर पी जाएँ , मासिक धर्म खुलकर आएगा ! आँखों में सूजन, लाली हो तो प्रतिदिन बथुए की सब्जी खाएँ ! पेशाब के रोगी बथुआ आधा किलो, पानी तीन गिलास, दोनों को उबालें और फिर पानी छान लें ! बथुए को निचोड़कर पानी निकाल कर यह भी छाने हुए पानी में मिला लें ! स्वाद के लिए नींबू , जीरा, जरा सी काली मिर्च और काला नमक डाल लें और पी जाएँ !
आप ने अपने दादा-दादी से ये कहते जरूर सुना होगा कि हमने तो सारी उम्र अंग्रेजी दवा की एक गोली भी नहीं ली उनके स्वास्थ्य व ताकत का राज यही बथुआ ही है ! मकान को रंगने से लेकर खाने व दवाई तक बथुआ काम आता है ! हाँ अगर सिर के बाल धोते हैं, क्या करेंगे शेम्पू इसके आगे !
लेकिन अफसोस !
हम ये बातें भूलते जा रहे हैं और इस दिव्य पौधे को नष्ट करने के लिए अपने-अपने खेतों में रासायनिक जहर डालते हैं ! तथाकथित कृषि वैज्ञानिकों (अंग्रेज व काले अंग्रेज) ने बथुए को भी कोंधरा, चौलाई, सांठी, भाँखड़ी आदि सैकड़ों आयुर्वेदिक औषधियों को खरपतवार की श्रेणी में डाल दिया है और हम भारतीय चूँ भी न कर पाये !
गुरुवार, 16 दिसंबर 2021
विजय दिवस (प्रहार महायज्ञ)
विजय दिवस *16 दिसम्बर को 1971 के युद्ध में पाकिस्तान पर भारत की जीत के कारण मनाया जाता है।*
*इस युद्ध के अंत के बाद 93,000 सशस्त्र पाकिस्तानी सेना ने आत्मसमर्पण कर दिया था। साल 1971 के युद्ध में भारत ने पाकिस्तान को करारी परास्त किया, जिसके बाद पूर्वी पाकिस्तान स्वतंत्र हो गया, जो आज बांग्लादेश के नाम से जाना जाता है।* यह युद्ध भारत के लिए ऐतिहासिक और हर देशवासी के हृदय में उमंग पैदा करने वाला साबित हुआ।
देश भर में 16 दिसम्बर को विजय दिवस के रूप में मनाया जाता है।
वर्ष 1971 के युद्ध में करीब 3,900 भारतीय सैनिक वीरगति को प्राप्त हो गए थे, जबकि 9,851 घायल हो गए थे। पूर्वी पाकिस्तान में पाकिस्तानी बलों के कमांडर लेफ्टिनेंट जनरल एएके नियाजी ने भारत के पूर्वी सैन्य कमांडर लेफ्टिनेंट जनरल जगजीत सिंह अरोड़ा के समक्ष आत्मसमर्पण कर दिया था, जिसके बाद 17 दिसंबर को 93,000 पाकिस्तानी सशस्त्र सैनिकों को युद्धबंदी बनाया गया।
युद्ध की पृष्ठभूमि साल 1971 की शुरुआत से ही बनने लगी थी। पाकिस्तान के सैनिक तानाशाह याहिया ख़ां ने 25 मार्च 1971 को पूर्वी पाकिस्तान की जन भावनाओं को सैनिक ताकत से कुचलने का आदेश दे दिया। इसके बाद शेख़ मुजीब को गिरफ़्तार कर लिया गया। तब वहां से कई शरणार्थी लगातार भारत आने लगे।
जब भारत में पाकिस्तानी सेना के दुर्व्यवहार की खबरें आईं, तब भारत पर यह दबाव पड़ने लगा कि वह वहाँ पर सेना के जरिए हस्तक्षेप करे। तत्कालीन प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी चाहती थीं कि अप्रैल में आक्रमण किया जाए। इस बारे में इंदिरा गांधी ने थल सेनाध्यक्ष जनरल मानेकशॉ की राय ली।
तब भारत के पास सिर्फ़ एक पर्वतीय डिवीजन था। इस डिवीजन के पास पुल बनाने की क्षमता नहीं थी। तब मानसून भी दस्तक देने ही वाला था। ऐसे समय में पूर्वी पाकिस्तान में प्रवेश करना मुसीबत मोल लेने जैसा था। मानेकशॉ ने सियासी दबाव में झुके बिना प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी से स्पष्ट कह दिया कि वे पूरी तैयारी के साथ ही युद्ध के मैदान में उतरना चाहते हैं।
3 दिसंबर, 1971 को इंदिरा गांधी तत्कालीन कलकत्ता में एक जनसभा को संबोधित कर रही थीं। इसी दिन शाम के वक्त पाकिस्तानी वायुसेना के विमानों ने भारतीय वायुसीमा को पार करके पठानकोट, श्रीनगर, अमृतसर, जोधपुर, आगरा आदि सैनिक हवाई अड्डों पर बम गिराना शुरू कर दिया उसी वक्त दिल्ली लौटकर मंत्रिमंडल की आपात बैठक बुलाई गई ।
युद्ध शुरू होने के बाद पूर्व में तेज़ी से आगे बढ़ते हुए भारतीय सेना ने जेसोर और खुलना पर कब्ज़ा कर लिया। भारतीय सेना की रणनीति थी कि अहम ठिकानों को छोड़ते हुए पहले आगे बढ़ा जाए। युद्ध में मानेकशॉ खुलना और चटगांव पर ही कब्ज़ा करने पर ज़ोर देते रहे। ढाका पर कब्ज़ा करने का लक्ष्य भारतीय सेना के सामने रखा ही नहीं गया।
14 दिसंबर को भारतीय सेना ने एक गुप्त संदेश को पकड़ा कि दोपहर ग्यारह बजे ढाका के गवर्नमेंट हाउस में एक महत्वपूर्ण बैठक होने वाली है, जिसमें पाकिस्तानी प्रशासन बड़े अधिकारी भाग लेने वाले हैं। भारतीय सेना ने तय किया कि इसी समय उस भवन पर बम गिराए जाएं। बैठक के दौरान ही मिग 21 विमानों ने भवन पर बम गिरा कर मुख्य हॉल की छत उड़ा दी। गवर्नर मलिक ने लगभग कांपते हाथों से अपना इस्तीफ़ा लिखा।
16 दिसंबर की सुबह जनरल जैकब को मानेकशॉ का संदेश मिला कि आत्मसमर्पण की तैयारी के लिए तुरंत ढाका पहुंचें। जैकब की हालत बिगड़ रही थी। नियाज़ी के पास ढाका में 26,400 सैनिक थे, जबकि भारत के पास सिर्फ़ 3,000 सैनिक और वे भी ढाका से 30 किलोमीटर दूर।
भारतीय सेना ने युद्ध पर पूरी तरह से अपनी पकड़ बना ली। अरोड़ा अपने दलबल समेत एक दो घंटे में ढाका लैंड करने वाले थे और युद्ध विराम भी जल्द समाप्त होने वाला था। जैकब के हाथ में कुछ भी नहीं था। जैकब जब नियाज़ी के कमरे में घुसे तो वहां सन्नाटा छाया हुआ था। आत्म-समर्पण का दस्तावेज़ मेज़ पर रखा हुआ था।
शाम के साढ़े चार बजे जनरल अरोड़ा हेलिकॉप्टर से ढाका हवाई अड्डे पर उतरे। अरोडा़ और नियाज़ी एक मेज़ के सामने बैठे और दोनों ने आत्म-समर्पण के दस्तवेज़ पर हस्ताक्षर किए। नियाज़ी ने अपने बिल्ले उतारे और अपना रिवॉल्वर जनरल अरोड़ा के हवाले कर दिया। नियाज़ी की आंखों में एक बार फिर आंसू आ गए।
अंधेरा घिरने के बाद स्थानीय लोग नियाज़ी की हत्या पर उतारू नजर आ रहे थे। भारतीय सेना के वरिष्ठ अफसरों ने नियाज़ी के चारों तरफ़ एक सुरक्षित घेरा बना दिया। बाद में नियाजी को बाहर निकाला गया।
जनरल मानेक शॉ ने देश को बांग्लादेश में मिली शानदार जीत की ख़बर दी।
इस ऐतिहासिक जीत को खुशी आज भी हर देशवासी के मन को उमंग से भर देती है।
मंगलवार, 14 दिसंबर 2021
इस्लाम धर्म छोड़ने वाले अली अकबर कौन हैं ? अली अकबर क्यों बने रामसिम्हन
इस्लाम धर्म छोड़ने वाले अली अकबर कौन हैं ? अली अकबर क्यों बने रामसिम्हन ?
- अली अकबर केरल की मलयाली भाषा की फिल्मों के निर्देशक हैं
-अली अकबर ने अपने फेसबुक से एक वीडियो अपलोड किया था जिसमें सीडीएस जनरल बिपिन रावत को श्रद्धांजलि दी गई थी
-लेकिन अली अकबर के उसी फेसबुक पोस्ट पर बहुत सारे मुसलमानों ने आकर लाफिंग इमोजी (हंसने वाला चेहरा) का बटन दबाया... यानी इन मुसलमानों ने अली अकबर और जनरल रावत का मजाक उड़ाया
-इस वजह से अली अकबर काफी निराश हुए... उनकी भावनाएं आहत हुईं और उन्होंने इस्लाम धर्म छोड़ने का ऐलान कर दिया
-अली अकबर ने इसके बाद दोबारा फेसबुक पर लाइव किया और लाइव में आकर कहा कि वो इस्लाम का परित्याग कर रहे हैं
-फेसबुक लाइव में अली अकबर ने कहा कि इस बात को कभी स्वीकार नहीं किया जा सकता है जिस जनरल ने देश के लिए अपना खून बहाया हो उसकी मौत पर मुसलमान मजाक उड़ाएं इसलिए मैं इस्लाम धर्म छोड़ रहा हूं
- फिल्म निर्देशक अली अकबर (अब राम सिम्हन) ने कहा कि इस्लाम के सबसे ऊंचे धर्मगुरुओं और नेताओं ने भी जनरल रावत का अपमान करने वाले मुसलमानों का विरोध नहीं किया है इसलिए अब इस्लाम धर्म से उनका विश्वास उठ गया है ।
-आगे अली अकबर ने कहा कि आज मैं जन्म से मिले एक कपड़े (इस्लाम) को फेंक रहा हूं। आज से मैं मुसलमान नहीं हूं। मैं सिर्फ भारत का नागरिक हूं। मेरा ये फैसला उन लोगों को जवाब है, जिन्होंने भारत के महान जनरल के खिलाफ इमोजी पोस्ट किए थे ।
- अली अकबर का वो वीडियो जिसमें इस्लाम धर्म छोड़ने का ऐलान था... फेसबुक के द्वारा डिलीट कर दिया गया और अली अकबर का फेसबुक पेज भी सस्पेंड कर दिया गया है
- टाइम्स ऑफ इंडिया से बातचीत में अली अकबर ने कहा कि बिपिन रावत की मौत की खबर पर हंसने वाले अधिकतर लोग मुस्लिम थे। मुसलमान इसलिए हंस रहे थे क्योंकि रावत ने पाकिस्तान और साथ ही कश्मीर में आतंकियों के खिलाफ कड़े कदम उठाए थे। मैं ऐसे इस्लामी मजहब के साथ नहीं जुड़ा रह सकता हूं जो देश के खिलाफ हो ।
-अली अकबर की पत्नी लुसी अम्मा ने भी इस्लाम छोड़ दिया है
-गुजरात, कर्नाटक और यूपी की पुलिस ने सोशल मीडिया पर जनरल रावत का मजाक उड़ाने वालों को चिह्नित कर उन्हें कठोर दंड देने का फैसला किया है... अब हम सभी लोगों का ये कर्त्वय है कि हम जनरल रावत का मजाक उड़ाने वालों की शिकायत ट्विटर और दूसरे माध्यमों से... थानों पर भी जाकर करें । यही सीडीएस बिपिन रावत को सच्ची श्रद्धांजलि होगी
जनरल बिपिन रावत की वीरगति पर मुसलमान ठहाके क्यों लगा रहे हैं ?
- सच हमारे सामने ही होता है लेकिन हम बार बार उससे आंखें चुरा लेते हैं । ये बात किसी महान लेखक ने नहीं लिखी है लेकिन बात एकदम सत्य है ।
-हम हिंदू हैं और हमारी आंखों के सामने से भी एक सच गुजर रहा है... वो सच ये है कि जब पाकिस्तान की जीत होती है पूरे भारत में मुसलमान पटाखे जलाकर जश्न मनाते हैं । जब रोहित सरदाना की कोरोना से मृत्यु होती है तब मुसलमान ठहाके लगाते हैं और अब जब जनरल बिपिन रावत वीरगति को प्राप्त हुए हैं तब भी मुसलमान ठहाके लगा रहे हैं
-इन ठहाकों को आप ट्विटर और फेसबुक के कमेंट्स में और इमोजी में देख सकते हैं... दरअसल जब भी कोई व्यक्ति ट्विटर या फेसबुक पर कोई पोस्ट करता है तब उस पोस्ट पर रिएक्शन देने के लिए विकल्प आते हैं उसमें दुख वाला चेहरा भी होता है और हंसने वाला चेहरा भी होता है लेकिन मुसमलानों ने उस पर लाफिंग इमोजी यानी हंसने और ठहाके लगाने वाला चेहरा लगाया
-इस्लाम छोड़कर हिंदू धर्म अपना चुके स्वामी जितेंद्र नारायण त्यागी (वसीम रिजवी, पुराना नाम) बार बार यूट्यूब प्लेटफॉर्म्स के माध्यम से ये कह रहे हैं कि भारत का मुसलमान एक मौका तलाश रहा है कि एक ना एक दिन भारत पर कब्जा कर लेना है और फिर इस्लाम की हुकूमत लाना है इस शरिया हुकूमत में वो इस्लामिक स्टेट के आतंकियों की तरह हिंदू औरतों की नीलामी कर सकेंगे... काफिर औरतों से जबरिया हमबिस्तरी कर सकेंगे और बच्चों को गिलम (लौंडा) बनाकर उनका शोषण (नवाबी शौक) कर सकेंगे... कुरान में वर्णित अल्लाह के हुक्म के मुताबिक काफिरों से नफरत करना मुसलमान अपना फर्ज मानता है और यही बात एक बार फिर साबित हुई है जब जनरल रावत की मौत पर मुसलमानों ने लाफिंग इमोजी बनाई है
-आप अगर फेसबुक और ट्विटर को गौर से देखेंगे तो आपको ये पता चलेगा कि मुसलमान दुआएं मांग रहे हैं कि अब जल्द ही अल्लाह का अजाब अजित डोवाल पर भी टूटे.... ये भी हो सकता है कि ये पाकिस्तानी ट्विटर हैंडल हो लेकिन भारत में भी ट्विटर हैंडल्स से इस तरह के आपत्तिजनक ट्वीट किए जा रहे हैं
-मैं राजस्थान पुलिस को बधाई देना चाहता हूं कि उन्होंने जनरल रावत पर अपमान जनक टिप्पणी करने वाले टोंक के जव्वाद खान को गिरफ्तार कर लिया है । इसके साथ ही गुजरात की पुलिस ने भी अहमदाबाद के एक समाजवादी पार्टी के समर्थक को अरेस्ट कर लिया है
-मेरा सभी पुलिस थानों से और स्थानीय नागरिकों से ये निवेदन है कि जिन लोगों ने जनरल रावत की मृत्यु पर लाफिंग इमोजी बनाई है उनके खिलाफ भावनाएं आहत करने का केस दर्ज करवाएं और इन सबको गिरफ्तार करवाएं... पुलिस अधिकारी भी स्वत: संज्ञान लेकर कार्रवाई करें
-मुझे बार बार पाकिस्तान के आतंकवादी सरगना हाफिज सईद का वो भाषण याद आ जाता है जिसमें वो कहता है इंशाल्लाह दिल्ली दुल्हन बनेगी... हम दिल्ली में आएंगे... दरअसल ये मुसलमान जो इस तरह से जनरल रावत की मौत का जश्न मना रहे हैं इन्हीं लोगों की मदद से हाफिज सईद जैसे देश के दुश्मन भारत को अपनी तलवारों के नीचे लाना चाहते हैं
-आखिर में हिंदुओं से निवेदन है... फिर वही बात रिपीट करता हूं... सच हमारे सामने ही होता है लेकिन हम बार बार उससे आंखें चुरा लेते हैं । ये बात किसी महान लेखक ने नहीं लिखी है लेकिन बात एकदम सत्य है । और मैं आप सभी भाइयों से ये अपील करता हूं कि सच पर संज्ञान लें...
धन्यवाद
गुरुवार, 9 दिसंबर 2021
जिवन संगिनी - धर्म पत्नी की विदाई
*कृपया बिना रोए पढ़ें। यह मेसेज मेरे दिल को छू गया है*
जिवन संगिनी - धर्म पत्नी की विदाई
अगर पत्नी है तो दुनिया में सब कुछ है। राजा की तरह जीने और आज दुनिया में अपना सिर ऊंचा रखने के लिए अपनी पत्नी का शुक्रिया। आपकी सुविधा असुविधा आपके बिना कारण के क्रोध को संभालती है। तुम्हारे सुख से सुखी है और तुम्हारे दुःख से दुःखी है। आप रविवार को देर से बिस्तर पर रहते हैं लेकिन इसका कोई रविवार या त्योहार नहीं होता है। चाय लाओ, पानी लाओ, खाना लाओ। ये ऐसा है और वो ऐसा है। कब अक्कल आएगी तुम्हे? ऐसे ताने मारते हो। उसके पास बुद्धि है और केवल उसी के कारण तो आप जीवित है। वरना दुनिया में आपको कोई भी नहीं पूछेगा। अब जरा इस स्थिति की सिर्फ कल्पना करें:
एक दिन *पत्नी* अचानक रात को गुजर जाती है !
घर में रोने की आवाज आ रही है। पत्नी का *अंतिम दर्शन* चल रहा था।
उस वक्त पत्नी की आत्मा जाते जाते जो कह रही है उसका वर्णन:
में अभी जा रही हूँ अब फिर कभी नहीं मिलेंगे
तो मैं जा रही हूँ।
जिस दिन शादी के फेरे लिए थे उस वक्त साथ साथ जियेंगे ऐसा वचन दिया था पर इस अचानक अकेले जाना पड़ेगा ये मुज को पता नहीं था।
मुझे जाने दो।
अपने आंगन में अपना शरीर छोड़ कर जा रही हूँ।
बहुत दर्द हो रहा है मुझे।
लेकिन मैं मजबूर हूँ अब मैं जा रही हूँ। मेरा मन नही मान रहा पर अब में कुछ नहीं कर सकती।
मुझे जाने दो
बेटा और बहु रो रहे है देखो।
मैं ऐसा नहीं देख सकती और उनको दिलासा भी नही दे सकती हूँ। पोता बा बा बा कर रहा है उसे शांत करो, बिल्कुल ध्यान नही दे रहे है। हाँ और आप भी मन मजबूत रखना और बिल्कुल ढीले न हों।
मुझे जाने दो
अभी बेटी ससुराल से आएगी और मेरा मृत शरीर देखकर बहुत रोएगी तब उसे संभालना और शांत करना। और आपभी बिल्कुल नही रोना।
मुझे जाने दो
जिसका जन्म हुआ है उसकी मृत्यु निश्चित है। जो भी इस दुनिया में आया है वो यहाँ से ऊपर गया है। धीरे धीरे मुझे भूल जाना, मुझे बहुत याद नही करना। और इस जीवन में फिर से काम मे डूब जाना। अब मेरे बिना जीवन जीने की आदत जल्दी से डाल देना।
मुझे जाने दो
आप ने इस जीवन में मेरा कहा कभी नही माना है। अब जिद्द छोड़कर वयवहार में विनम्र रहना। आपको अकेला छोड़ कर जाते मुझे बहुत चिंता हो रही है। लेकिन मैं मजबूर हूं।
मुझे जाने दो
आपको BP और डायबिटीज है। गलती से भी मिठा नही कहना अन्यथा परेशानी होगी।
सुबह उठते ही तो दवा लेना न भूलना। चाय अगर आपको देर से मिलती है तो बहु पर गुस्सा न करना। अब में नहीं हूं यह समझ कर जीना सीख लेना।
मुझे जाने दो
बेटा और बहू कुछ बोले तो
चुपचाप सब सुन लेना। कभी गुस्सा नही करना। हमेशा मुस्कुराते रहना कभी उदास नही होना।
मुझे जाने दो
अपने बेटे के बेटे के साथ खेलना। अपने दोस्तों के साथ समय बिताना। अब थोड़ा धार्मिक जीवन जिएं ताकि जीवन को संयमित किया जा सके। अगर मेरी याद आये चुपचाप रो लेना लेकिन कभी कमजोर नही होना।
मुझे जाने दो
मेरा रूमाल कहां है, मेरी चाबी कहां है अब ऐसे चिल्लाना नही। सब कुछ दचयन से रखने और याद रखने की आदत करना। सुबह और शाम नियमित रूप से दवा ले लेना। अगर बहु भूल जाय तो सामने से याद कर लेना। जो भी खाने को मिले प्यार से खा लेना और गुस्सा नही करना।
मेरी अनुपस्थिति खलेगी पर कमजोर नहीं होना।
मुझे जाने दो
बुढ़ापे की छड़ी भूलना नही और धीरे धीरे से चलना।
यदि बीमार हो गए और बिस्तर में लेट गए तो किसी को भी सेवा करना पसंद नहीं आएगा।
मुझे जाने दो
शाम को बिस्तर पर जाने से पहले एक लोटा पानी माँग लेना। प्यास लगे तभी पानी पी लेना।
अगर आपको रात को उठना पड़े तो अंधेरे में कुछ लगे नही उसका ध्यान रखना।
मुझे जाने दो
शादी के बाद हम बहुत प्यार से साथ रहे। परिवार में फूल जैसे बच्चे दिए। अब उस फूलों की सुगंध मुजे नही मिलेगी।
मुझे जाने दो
उठो सुबह हो गई अब ऐसा कोई नहीं कहेगा। अब अपने आप उठने की आदत डाल देना किसी की प्रतीक्षा नही करना।
मुझे जाने दो
और हाँ .... एक बात तुमसे छिपाई है मुझे माफ कर देना।
आपको बिना बताए बाजू की पोस्ट ऑफिस में बचत खाता खुलवाकर 14 लाख रुपये जमा किये है। मेरी दादी ने सिखाया था। एक एक रुपया जमा कर के कोने में रख दिया। इसमें से पाँच पाँच लाख बहु और बेटी को देना और अपने खाते में चार लाख रखना आपके लिए।
मुझे जाने दो
भगवान की भक्ति और पूजा करना भूलना नही। अब फिर कभी नहीं मिलेंगे !!
मुझसे कोईभी गलती हुई हो तो मुजे माफ कर देना।
*मुझे जाने दो*
*मुझे जाने दो*
🌹🌹 *रचना* 🌹🌹
*संजीव कृष्ण श्याम सखा*
*संस्थापक*
*श्री बृज रस धारा धर्मार्थ सेवा संस्थान*श्री धाम वृंदावन*
*9997807846* *8218507043*
सोमवार, 29 नवंबर 2021
पढ़ा लिखा प्राइममिनिस्टर एवं अर्थशास्त्री मनमोहन जी vs अनपढ़, फेकू, जुमलेबाज नरेंद्र मोदी
आप अंधभक्त बने या न बनें, परन्तु अंध आलोचक न बनें ।
लेख लंबा है परंतु जैसा प्राप्त हुआ वैसा आगे प्रेषण करने से खुद को रोक नही सका
बी.एस.एन.एल. का पहला घाटा *2009 में*, और कितना
*10,000 करोड़ का।*
Air india के जहाज़ बेचे *2010 में।*
और कई बार Air India को बेचने की कोशिश की, पर ग्राहक नहीं मिले।
HMT कंपनी का घाटा *2014* में,
नतीजा कंपनी बंद।
SBI जैसे सबसे बड़े बैंक
के *शेयर बेच कर* देश का सबसे कम सरकारी शेयर होल्डिंग वाला बैंक बनाया,
57% शेयर की हिस्सेदारी।
बैंक में सिर्फ 1 लाख रुपए तक की सुरक्षा गारंटी थी ,
जिसे *अनपढ़ मोदी ने 5 लाख किया।*
बिना witness के बैंक अकाउंट नहीं खुलता था , मनमोहन के राज में
*पर अनपढ़ मोदी ने सेल्फ अटेस्टेशन को मान्यता दी,*
अब किसी witness की जरूरत नहीं।✔️
वरना आज भी एक आधार कार्ड पर,
खुदके हस्ताक्षर की बजाय,
नोटरी से अटेस्ट करते
और पैसा, टाइम दोनों बर्बाद होता।
ग्रुप C और ग्रुप D की नौकरी के लिए इंटरव्यू रखा था,पढे लिखे मनमोहन ने ..
यानी सफाई कर्मचारी भी इंटरव्यू देता था,
और इंटरव्यू यानि रिशवत का रास्ता।
*अनपढ़ मोदी ने इंटरव्यू बंद कर दिया*
नौकरी के लिए पहले ऑफलाइन परीक्षा होती थी, सेटिंग चलती थी,
रिजल्ट भी देर से आता था।
*अनपढ़ मोदी के राज में ऑनलाइन परीक्षा हुई*
मनमोहन के राज में किसी गरीब को प्राइवेट हॉस्पिटल में इलाज़ की सुविधा नहीं थी
*अनपढ़ मोदी ने 5 लाख प्रति साल तक इलाज़ की सुविधा दी*
गरीब को सस्ता बीमा उपलब्ध नहीं था।
*फेंकू मोदी ने 12 रुपये साल के लेकर 2 लाख का बीमा दिया।*
पढ़ा लिखा मनमोहन ये ना सोच सका कि प्राइवेट वर्कर को 60 साल के बाद पेंशन कैसे दें।
*अनपढ़ मोदी अटल पेंशन योजना ले आया,*
जिसमे 5000 महीना पेंशन और 8.5 लाख की सहायता का प्रावधान है।
*अनपढ़ मोदी 9 करोड़ फ्री गैस कनेक्शन दे चुका है,*
मनमोहन ने एक भी फ्री नहीं दिया।
पढ़ा लिखा मनमोहन होम लोन पे 1 रूपया का सब्सिडी नहीं दे पाया।
*पर बेचारा फेकू, होम लोन पे 2.7 लाख रुपये वापस देता है।*
*व्यापार करने के लिए गारंटी बिना लोन, 10 लाख तक देता है, ये चाय वाला।*
पढ़े लिखे ने अपने स्मार्ट mind से कितने घोटाले कराये,
ये अनपढ़ मोदी तो सोच भी नहीं सकता।
*महिलाओं को 6 महीने की मैटरनिटी leave दी, इस अनपढ़ ने।*
*किसानों को महीने का 500 रूपया पेंशन देता है ये अनपढ़,*
पर पढ़ा लिखा प्राइम मिन्स्टर ने दिया तो कुछ नहीं,
*ये जो सस्ता unlimited मोबाइल डाटा मिल रहा है ,*
*ये इसी अनपढ़ के राज में हुआ*
जिससे आज
ऑनलाइन पढ़ाई ,
ऑनलाइन बिज़नेस ,
ऑनलाइन मीटिंग संभव हो पायी।
*ये जो आज रेलगाड़ी के स्लीपर डब्वे में हर जगह मोबाइल चार्जिंग पॉइंट देखते है, यही फेंकू लगवा रहा है।*
ईमानदार मनमोहन तो इतना भी न सोच पाया की तत्काल का टिकट लेने में इतना परेशानी होती है।
इस अनपढ़ ने आते ही, *तत्काल टिकट का टाइम बदल कर इस परेशानी को काफी कम कर दिया।*
करंट रिजर्वेशन करके (चार्ट बनने के बाद भी), टिकट की wastage और यात्री की सुविधा को बढ़ाया।
देश में होने वाले बम व्लास्ट को तो आप भूल गए, "wednesday" movie देख लेना, शायद याद आये।
चीन बॉर्डर पर कितना सड़क, armypost बनाया इस मोदी ने खुद।
RTI कर लेना
*इन्कमटैक्स पर छूट की लिमिट भी 5 लाख तक इसी चायवाले ने की।*
मनमोहनजी के टाइम बिजली की कमी थी,
*पर इस अनपढ़ ने सोलर पावर से उस कमी को बहुत हद तक कम किया,*
UP, बिहार वालो को बिजली कितनी मिलती थी सब जानते हैं
ये जो लाल बत्ती देखते थे ना, हर किसी की गाडी पर, उसे भी मनमोहन ने नहीं मोदी बंद किया
कोरोना में कहा गया की देश में हॉस्पिटल व्यवस्था अच्छी नहीं, जो कि सच भी है।
पर सच ये भी है कि मनमोहनजी ने 6 AIIMS बनाये, वो भी अटल जी द्वारा sanction kiya plan था,
*2014 में 7 AIIMS थे, और आज 14 हैं ...*
*जो की फेकू मोदी ने ही फेकते फेकते बना दिए ..*
अभी और भी करने की आवश्यकता है, पर सुधार तो हुआ है
Nrega को मनमोहन ने शुरू किया और मोदी ने इसका बजट और बड़ा कर दिया।
*One रैंक one पेंशन जिसे इंदिरा ने बंद किया , पर मोदी ने वापस बहाल किया।*
किसी 20 साल पहले रिटायर्ड फौजी से इसका फायदा पूछना।
One नेशन One राशन दूसरे राज्यों में काम करने वाले मजदूरों से पूछो
पढ़ा लिखा मनमोहन इतना सा काम भी भी न कर सका।
*ये जो फ़ोन नंबर पोर्ट करते हो न, ये भी मोदी के टाइम हुआ,*
वरना पहले तो फ़ोन चोरी होते ही नया नंबर लेना पड़ता था।
राजघाट 44 एकड़,
शांतिवन 52 एकड़,
विजयघाट 44 एकड़ ये दिल्ली जैसी जगह पर जहां रहने को घर की जगह नहीं, वहां बनाये ..
आज भी करोड़ो खर्च होता है, उसके रख रखाव पर ..पर सब चुप
पर जैसी ही सरदार पटेल की 5 एकड़ की प्रतिमा 2,000 करोड़, जिसमे 500 करोड़ गुजरात, 250 करोड़ केंद्र का or बाकी दूसरे राज्यों या प्राइवेट फंडिंग से आया,
जिसमे हर साल लाखों लोग टिकट ले कर जाते हैं (3 साल में 50 लाख लोग ) उसकी आलोचना होती है।
15 करोड़ सालाना औसतन एक समाधि का खर्च है, चलो माना महान लोग थे,
*तो देश में फ़ौजिओं के लिए एक भी मेमोरियल क्यों नहीं बना,*
मनमोहन जी ही बना देते ..
नहीं भाई, वो भी इस चाय वाले को ही करना था.
*इसिलए दिल्ली में देश का पहला वॉर मेमोरियल बना अब.*
मनमोहन जी इतने महान थे की उन्हें देश के गरीबो के लिए सस्ती दवाई देने की बात नहीं सूझी,
भाई दवा सस्ता दोगे तो प्राइवेट कंपनी को घाटा होगा,
*पर 'प्राइवेट कम्पनिओं के हाथो की कठपुतली' मोदी ने तो जन औषधि केंद्र खुला दिए,*
*जहां 70 प्रतिशत तक मार्किट से सस्ती दवाई मिलती है,*✔️
तो प्राइवेट कंपनी की कठपुतली कौन था .
12 रुपये का बीमा देने वाली सरकार
या जिसने कभी कुछ गरीबों को दिया ही नहीं ..
बात Ram मंदिर की भी कर लें,
जब तक मंदिर नहीं बना तो कहते थे, ये तो बीजेपी का इलेक्शन का नारा है ..
और फिर जब इस फेकू ने राम मंदिर का मुद्दा सुलझा दिया तो सबको मिर्ची क्यों लगी?
कांग्रेस ने कोर्ट में मंदिर मुद्दे का निर्णय देर से करने की एप्लीकेशन लगाई थी, याद है कि भूल गए ..
भूल ही गए होंगे आप
1947 भूले,
सुभाष जी की हत्या भूले,
शास्त्री जी की रहस्यमय मौत भूले,
1962 की चीन हार भूले जिसमे हज़ारो एकड़ जमीन चीन ले गया,
आप 1984 भूले ,
1989 कश्मीर भूले,
1992 में राम भक्तों पर चली गोली भूले,
26/11 जैसे अनेक बम ब्लास्ट भूले,
अनेक घोटाले भूले।
डीजल और सिलिंडर की बात करें
तो मेरा स्पष्ट मानना है इसमें राजनीती होती है।
जो पार्टी विपक्ष में होती है वो जब सत्ता में होती है तो इन विषय पर कुछ नहीं कर पाती,
क्योकि इन वसतुओं पर देश आत्मनिर्भर नहीं है ..
तो मोदीजी भी इस विषय पर कुछ नहीं कर पाए
बाकी कुछ रेट कम करते तो वो कसर कोरोना ने निकाल दी,
तो एक्साइज ड्यूटी का अधिकतम पैसा वही लगने लगा ..
102 करोड़ लोगो को मुफ्त टिका, मुफ्त इलाज़, ऑक्सीजन मुफ्त, अनाज मुफ्त, सिलिंडर, वेंटीलेटर और तमाम अन्य सहायता, तो फिलहाल डीज़ल, पेट्रोल के दाम भी कम किये हैं ।
पर हमने डीजल-पेट्रोल के लिए मोदी को नहीं भेजा, ये तो मनमोहन जी कर ही लेते।
*जो कश्मीर से 370 धारा हटी, वो सिर्फ मोदी ही कर सकता था।*
*मोदी CAA लाये, जिससे गैर मुस्लिमो को देश की नागरिकता का हक़ मिला*
और जिसे मनमोहन जी ने सत्ता में रहते हुए खुद यही किया था।
देश में बहुत सी चुनातियाँ हैं, और मनमोहन और मोदी दोनों ने, अपनी क्षमता से काम करने की कोशिश की ..
बाकी आपको तय करना है।
इस तुलनात्मक विवरण का मकसद सिर्फ इतना ही है कि
*आप अंधभक्त बने न बनें,*
*पर अंध आलोचक बिलकुल न बनें ..*
*सुन लो रे पप्पूओ- पिंकीयो*
इन 7 सालों में मोदी जी ने क्या किया जो आज तक स्वतंत्र भारत के इतिहास में कोई नहीं कर पाया। अवश्य पढ़ें कहीं बीच में ही छोड़ दिया तो आपकी आँखे बंद ही रह जाएंगी इसलिए पूरा अवश्य पढ़ें ,,
*पहली उपलब्धि*
,200 साल तक हमारे देश को गुलाम बनाने वाले ब्रिटेन में 53 देशों की मीटिंग में मोदी जी महा अध्यक्ष बने,,,इसी बात से हर एक भारतीय का सीना गर्व से चौड़ा हो जाना चाहिए,,,
*दूसरी उपलब्धि*
UN मानवाधिकार परिषद में भारत की बड़ी जीत हुई है,,,सबसे ज्यादा वोटों के साथ बना सदस्य,, 97 वोटों की आवश्यकता थी मिले 188 वोट,,,, क्या अब भी भारत की जनता पूछेगी की मोदी विदेश क्यूँ जाते हैं,,,,
*तीसरी उपलब्धि*
दुनियाँ के 25 सबसे ताकतवर देशों की हुई लिस्ट जारी,,, भारत आया नम्बर चार पर हमसे आगे अमेरिका, रूस और चीन है,,,ये है मोदी युग,,,
*चौथी उपलब्धि*
,,,1 लाख करोड़ के पार पहुँचा GST का मासिक टैक्स कलेक्शन,,,,, ये है एक चाय वाले का अर्थशास्त्र,,,
*पाँचवी उपलब्धि*
,,,नए सौर ऊर्जा संयंत्र लगाने में अमेरिका और जापान को पीछे छोड़ भारत पहुँचा दूसरे स्थान पर,,,,
*छठी उपलब्धि*,,,,,2017-18 में दोगुना हुआ सौर ऊर्जा का उत्पादन,,,,
चीन और अमेरिका भी दंग है,,,
*सातवीं उपलब्धि*
भारत की आसमान छू रही GDP को देखकर,,,
भारत की GDP 8.2%, चीन की 6.7% और अमेरिका की 4.2%। अब भी कहेंगे भारतीय की मोदी विदेश क्यों जाते हैं,,,
*आठवीं उपलब्धि*
,,, जल थल ओर आकाश तीनों क्षेत्रों से सुपरसोनिक मिसाइल दागने वाला दुनियाँ का पहला देश बना भारत,,, ये है मोदी युग,,,अगर आपको गर्व हुआ हो तो जयहिन्द लिखना न भूलें,,,,
*नवीं उपलब्धि*,
,,,,70 सालों में पाकिस्तान को कभी गरीब नहीं देखा,, लेकिन मोदी जी के आते ही पाकिस्तान कंगाल हो गया,,, दरअसल पाकिस्तान की कमाई का जरिया भारतीय नकली नोटों का व्यापार था,,,, जिसे मोदी जी ने खत्म कर दिया,,,
*दसवीं उपलब्धि*
को भी पढ़ें,,,,,, एक बात समझ में नहीं आयी,,,
2014 में कांग्रेसी रक्षामंत्री ऐ.के. एंटोनी ने कहा था देश कंगाल है हम राफेल तो क्या छोटा जेट भी नहीं ले सकते,,,,पर मोदी जी ने ईरान का कर्ज भी चुका दिया,,
राफेल डील भी करली,, S-400 भी ले रहे हैं!
आखिर कांग्रेस के समय देश का पैसा कहाँ जाता था,,,?
*ग्याहरवीं उपलब्धि*
,, सेना को मिला बुलेटप्रूफ स्कार्पियो का सुरक्षा कवच,,,
जम्मू कश्मीर में मिली सेना को 2500 बुलेटप्रूफ स्कार्पियो,,,
*बाहरवीं उपलब्धि*
,,, अब आपको बताता हूँ भारत का इन 4 सालों में विकास क्या हुआ,,,
अर्थ व्यवस्था में फ्रांस को पीछे धकेल नम्बर 6 बना,,,
*तेहरवीं उपलब्धि*
,,, ऑटो मार्केट में जर्मनी को पीछे छोड़ नम्बर 4 बना,,,
*चौदहवीं उपलब्धि*
,,,, बिजली उत्पादन में रूस को पीछे छोड़ नम्बर 3 बना,,,
*पन्द्रहवीं उपलब्धि*,, टेक्सटाइल उत्पादन में इटली को पीछे छोड़ नम्बर 2 बना,,,
सोलहवीं उपलब्धि*,
मोबाइल उत्पादन में वियतनाम को पीछे छोड़ नम्बर 2 बना,,,
*सत्ररहवीं उपलब्धि* ,,, स्टील उत्पादन में जापान को पीछे छोड़ नम्बर 2 बना,,,
*अठारहवीं उपलब्धि* ,,, चीनी उत्पादन में ब्राजील को पीछे छोड़ नम्बर 1 बना,,,
*उन्नीसवीं उपलब्धि*
राम मंदिर, धारा 370, ट्रिपल तलाक,
*जिन पर काम जारी है सी.ए.ए .एनआरसी. समान नागरिक संहिता ,जनसंख्या नियंत्रण कानून इत्यादि।*
*बीसवीं उपलब्धि*
हमेशा सोए रहने वाले हिंदूओं
में *राष्ट्रवाद* जगा दिया, पूरी दुनिया के सवा सौ करोड़ हिंदुओं का एक भी राष्ट्र नहीं है।
मैं इस काम को सबसे महत्वपूर्ण मानता हूं।
*इसको कहते हैं मोदी युग*
मोदी सरकार में घाटी से हो रहा है आतंकियों का सफाया,,,
लश्कर-ए-तैयबा के आतंकी नवेद वट को मार गिराया,,,
हिज्बुल से जुड़े 2 आतंकी ढेर,,
8 महीनों में 230 आतंकियों को 72 हूरों के पास जहन्नुम में पहुंचाया......
कांग्रेस राज में आतंकी दहशत फैलाते थे
मोदी राज में सेना आतंकियों के लिए *दहशत* बनी हुई है,,,
ये है मोदी राज का फार्मूला,,,,
मोदी जी की बढ़ती हुई ख्याति से सारा विपक्ष बौखला गया है कि अब उनके भ्रष्टाचारी हथकंडे कामयाब नहीं हो सकते तब एक अभिमन्यु का वध करने के लिए सारे भ्रष्टाचारिता के महारथी एक होकर चक्रव्यूह की रचना कर रहे हैं 2024 में मोदी को हराने के लिए,,,लेकिन उन भ्रष्टाचारी महारथियों को यह नहीं मालूम कि द्वापर के अभिमन्यु की चक्रव्यूह भेदन की शिक्षा माँ के गर्भ में ली गयी थी और वो भी केवल घुसने की बाहर निकलने की नहीं, लेकिन इस मोदी रूपी अभिमन्यु ने चक्रव्यूह के भेदन व उसे चकनाचूर करने की शिक्षा माँ के गर्भ से बाहर आकर इस माँ भारती से ली है जो अजेय है पराजेय नहीं है,,,,
आइए आज हम सब मिलकर एक संकल्प ले कि इस सेवक को 2024 में इतने भारी बहुमत से विजयी बनावें की वह आंकड़ा गिनीज बुक में दर्ज होकर रह जाय जिस आंकड़े को कोई छू भी न सके,,,,,
*2024 में मोदी जी को वापस भारत का प्रधानमंत्री बनाए।*
जय हिंद जय भारत
*मेरे इस पोस्ट को आप गर्व से पांच ग्रुप मैं* *भेजे ताकि जन जन तक मेरा ये* *संदेश पहुंचे और पोस्ट की सार्थकता* *सिद्ध हो*
रविवार, 28 नवंबर 2021
गलती ढूंढ के दिखाइए
1- कुरान सिर्फ मारने का नहीं बल्कि तड़पा-तड़पाकर मारने का आदेश देती है !!
2- स्क्वाड्रन लीडर अजय आहूजा को 12 घंटे से ज्यादा समय तक टॉर्चर करके मारा गया !
3- कैप्टन सौरभ कालिया के साथ हुई नृशंसता को लिखने के लिए मेरे पास शब्द नहीं हैं !
4- पृथ्वीराज चौहान को अंधा करके मारा गया !
5- पृथ्वीराज चौहान की पत्नी संयोगिता को नग्न कर बलात्कार करने के लिये वहशी दरिंदों के बीच फेंक दिया गया और मरने तक दरिंदे उसका रेप करते रहे
6- गुरु अर्जुनदेवजी को गर्म तवे पर बैठाने के बाद उन पर खौलती हुई रेत डालकर मारा गया !
7- गुरु तेगबहादुर जी की नृशंस हत्या कैसे की गई बताने की जरूरत नहीं !
8- भाई मतिदास जी को लकड़ी के दो पाटों में बांधकर ऊपर से नीचे आरी से चीरा गया !
9- भाई सतीदास को बड़े कड़ाह में खौलते तेल में डुबाकर मारा !
10- भाई दयाला जी को रुई में लपेटकर जिन्दा जलाया !
11- गुरु गोविंद जी के दो मासूम साहिबजादों को जिंदा ही दीवार में चुनवा दिया गया !
12- बाबा बंदा बहादुर को उनकी खाल नोंचते हुए पंजाब से दिल्ली लाने के बाद मारा गया, उनके मुँह में उनके ही बच्चे का दिल ठूँस दिया गया !
13- छत्रपती संभाजी महाराज को, 65 दिन हाल-हाल करके उनकी चमडी छिलकर, उनका वध किया गया !
14- जिस सोच ने सैंकड़ों साल तक ऐसी नृशंसताएँ कीं, उसी सोच ने 1990 में कश्मीर के सैंकड़ों हिन्दुओं के सिर में रॉड ठोककर मारा !
15- अभी अभी हाल ही में, फरवरी 2020 में, #अंकित_शर्मा को 2 घंटे से ज्यादा समय तक चाकू के 400 वार करके मारा गया !
लेकिन... फिर भी अगर आपको ऐसा लगता है कि मेरे जैसे लोग नफरत फैला रहे हैं और मोदी जी के आने के बाद हिन्दू-मुस्लिम भाईचारा खत्म हो गया है तो...
आपको भगवान भी नहीं बचा सकते !
हम व्यक्तिगत तौर पर किसी भी पार्टी के खिलाफ नही है लेकिन यदि कुछ bjp में अच्छा लगता है है वो तो वो सिर्फ उसकी धर्म को बचाने के लिए नीतियों जो आज तक कोई भी सरकार नही कर सकी
ये मैसेज है जिन्हें आप सही दृष्टिकोण से समझोगे तो जानोगे महंगाई और तेल के दाम से इतना फ़र्क़ नही पड़ता जो जब पड़ेगा जब हम ऐसे राजा को शासन करने का मौका गवां देंगे जिसने धर्म की रक्षा के लिए महत्वपूर्ण कदम उठाये है
*1 - मोदी राम मंदिर बनवाता है...*
_तो मोदी IIT, IIM or AIIMS भी बनवाता है !_
2 -मोदी लाकडाउन लगाता है...*
_तो मोदी फ्री राशन ओर 20 लाख करोड़ का राहत पैकेज भी देता है !_
*3 - मोदी ताली, थाली बजवाता है...*
_तो मोदी वैक्सीन भी बनवाता है !
*4 - मोदी दिये मोमबत्ती जलवाता है...*
_तो मोदी 18000 गांव में बिजली पहुंचाता है !_
*5 - मोदी स्टैचू आफ युनिटी बनवाता है...*
_तो मोदी वार मैमोरियल भी बनवाता है !_
*6 - मोदी भाजपा कार्यालय बनवाता है...*
_तो मोदी नया संसद भवन भी बनवाता है !_
*7 - मोदी रोहिंग्याओ को भगाता है...*
_तो मोदी कश्मीरी पण्डितो को बसाता है !_
*8 - मोदी 10 लाख का सूट बूट पहनता है...*
_तो उनकी निलामी करके सारा पैसा चैरीटी भी करता है !_
*9 - मोदी राफेल खरिदता है...*
_तो मोदी ब्रहम्मोस बेचता भी है !
*10 - मोदी तेजस को PPP माडल पे चलाता है...*
_तो मोदी गतिमान ओर बुलेट ट्रेन भी चलाने को बोलता है !_
*11 - मोदी कुछ स्टेशन PPP माडल पर करता है...*
_तो डेडीकेटेड़ फ्रेट कारिड़ोर (DDFC) भी बनवाता है !_
*12 - मोदी अगर टोल टैक्स वसूल करता है....*
_तो मोदी 14 लेन हाईवे, ईस्टर्न पेरिफेरल एक्सप्रेस वे,अटल टनल, बोगीबिल ब्रिज भी बनवाता है !_
*13 - मोदी पैट्रोल-डिजल महंगा करता है...*
_तो मोदी ईरान का 43000 करोड़ भी चुकाता है ओर आपात स्थिति के लिए फ्यूल रिजर्व सैन्टर भी बनाता है !_
*14 - मोदी सिलेंड़र महंगा करता है....*
_तो मोदी 7 करोड़ गरीबो को फ्री सिलेंडर भी देता है !_
*15 - मोदी स्वच्छ भारत मिशन चलाता है....*
_तो मोदी 12 करोड़ शोचालय भी बनवाता है !_
*16 - मोदी CAA, NRC, CAB लेके आता है....*
_तो मोदी पाकिस्तान विस्थापितो को भारत में बसाता है !_
*17 - मोदी चाईना की कम्पनीयो को भगाता है....*
_तो मोदी आत्मनिर्भर भारत , मेक इन इंडिया भी लेके आता है !_
*18 - मोदी नोटबंदी करता है...*
_तो मोदी डिजिटल पेमेंट, नयी करंसी लेके आता है !_
*19 - मोदी चाईना की ऐप्स बंद करता है...*
_तो मोदी स्वदेसी नाविक सैटेलाईट लेकर आता है !_
*20 - चाईना पाकिस्तान आंख दिखाता है...*
_तो मोदी डोकलाम, ओर सर्जिकल स्ट्राईक कराता है !_
*21 - मोदी अगर खुद को हिंदू कहता है....*
_तो कांग्रेसियो,TMC को भी घाट-घाट,मंदिर-मंदिर घुमाता है !_
*उपरोक्त तथ्यों में से कोई एक भी गलत है अथवा अतिशयोक्ति से भरा हुआ है तो आप को चैलेंज है कि साबित करें और गलती ढूंढ कर दिखाएं*
वरना मान लें कि
👉 *शताब्दियों बाद भारत को* *कोई सनातनी राजा मिला है*...
*पैट्रोल -डीजल में बिक जायेंगे* *इतनी छोटी नही हस्ती हमारी*....
*बाकी जिसे विरोध करना है करने दीजिए:*
*ॐ - जरा बारिश तेज़ हुई तो* *लोग आसमान को दोष देते हैं* ।
*ॐ - लोगों को दुख दर्द मिलता है* *तो भगवान को दोष देते हैं*।
*ॐ - नाकामयाब होते हैं तो किस्मत को दोष देते हैं।
ॐ - जमीन जायदाद कम मिलती है तो माँ बाप को दोष देते हैं
फिर मोदी जी तो इंसान ही है* 🙏
9हमारा राष्ट्र हमारी जिम्मेदारी
🤝जन-जन की हो भागीदारी
🐚मेरा धर्म मेरा गर्व मेरा अभिमान
🚩सनातन बचाऔ, सनातन बढ़ाओ
🙏🙏 अगर सहमत तो आप इस सन्देश को अपनो को भेजिए और हिंदुत्व के सच्चे सारथी बनिये - 🙏🙏
उत्तर प्रदेश में योगी जी को मुख्यमंत्री बनाना बहुत जरूरी है और भारत में प्रधानमंत्री जी श्री नरेंद्र मोदी जी की बहुत आवश्यकता है🌹👆
🙏🌹* नर सेवा। नारायण सेवा।।
मंगलवार, 9 नवंबर 2021
विश्व का सबसे बड़ा और वैज्ञानिक समय गणना तन्त्र (ऋषि मुनियों द्वारा किया गया अनुसंधान)
■ काष्ठा = सैकन्ड का 34000 वाँ भाग
■ 1 त्रुटि = सैकन्ड का 300 वाँ भाग
■ 2 त्रुटि = 1 लव ,
■ 1 लव = 1 क्षण
■ 30 क्षण = 1 विपल ,
■ 60 विपल = 1 पल
■ 60 पल = 1 घड़ी (24 मिनट ) ,
■ 2.5 घड़ी = 1 होरा (घन्टा )
■3 होरा=1प्रहर व 8 प्रहर 1 दिवस (वार)
■ 24 होरा = 1 दिवस (दिन या वार) ,
■ 7 दिवस = 1 सप्ताह
■ 4 सप्ताह = 1 माह ,
■ 2 माह = 1 ऋतू
■ 6 ऋतू = 1 वर्ष ,
■ 100 वर्ष = 1 शताब्दी
■ 10 शताब्दी = 1 सहस्राब्दी ,
■ 432 सहस्राब्दी = 1 युग
■ 2 युग = 1 द्वापर युग ,
■ 3 युग = 1 त्रैता युग ,
■ 4 युग = सतयुग
■ सतयुग + त्रेतायुग + द्वापरयुग + कलियुग = 1 महायुग
■ 72 महायुग = मनवन्तर ,
■ 1000 महायुग = 1 कल्प
■ 1 नित्य प्रलय = 1 महायुग (धरती पर जीवन अन्त और फिर आरम्भ )
■ 1 नैमितिका प्रलय = 1 कल्प ।(देवों का अन्त और जन्म )
■ महालय = 730 कल्प ।(ब्राह्मा का अन्त और जन्म )
सम्पूर्ण विश्व का सबसे बड़ा और वैज्ञानिक समय गणना तन्त्र यहीं है जो हमारे देश भारत में बना हुआ है । ये हमारा भारत जिस पर हमे गर्व होना चाहिये l
दो लिंग : नर और नारी ।
दो पक्ष : शुक्ल पक्ष और कृष्ण पक्ष।
दो पूजा : वैदिकी और तांत्रिकी (पुराणोक्त)।
दो अयन : उत्तरायन और दक्षिणायन।
तीन देव : ब्रह्मा, विष्णु, शंकर।
तीन देवियाँ : महा सरस्वती, महा लक्ष्मी, महा गौरी।
तीन लोक : पृथ्वी, आकाश, पाताल।
तीन गुण : सत्वगुण, रजोगुण, तमोगुण।
तीन स्थिति : ठोस, द्रव, वायु।
तीन स्तर : प्रारंभ, मध्य, अंत।
तीन पड़ाव : बचपन, जवानी, बुढ़ापा।
तीन रचनाएँ : देव, दानव, मानव।
तीन अवस्था : जागृत, मृत, बेहोशी।
तीन काल : भूत, भविष्य, वर्तमान।
तीन नाड़ी : इडा, पिंगला, सुषुम्ना।
तीन संध्या : प्रात:, मध्याह्न, सायं।
तीन शक्ति : इच्छाशक्ति, ज्ञानशक्ति, क्रियाशक्ति।
चार धाम : बद्रीनाथ, जगन्नाथ पुरी, रामेश्वरम्, द्वारका।
चार मुनि : सनत, सनातन, सनंद, सनत कुमार।
चार वर्ण : ब्राह्मण, क्षत्रिय, वैश्य, शूद्र।
चार निति : साम, दाम, दंड, भेद।
चार वेद : सामवेद, ॠग्वेद, यजुर्वेद, अथर्ववेद।
चार स्त्री : माता, पत्नी, बहन, पुत्री।
चार युग : सतयुग, त्रेतायुग, द्वापर युग, कलयुग।
चार समय : सुबह, शाम, दिन, रात।
चार अप्सरा : उर्वशी, रंभा, मेनका, तिलोत्तमा।
चार गुरु : माता, पिता, शिक्षक, आध्यात्मिक गुरु।
चार प्राणी : जलचर, थलचर, नभचर, उभयचर।
चार जीव : अण्डज, पिंडज, स्वेदज, उद्भिज।
चार वाणी : ओम्कार्, अकार्, उकार, मकार्।
चार आश्रम : ब्रह्मचर्य, ग्राहस्थ, वानप्रस्थ, सन्यास।
चार भोज्य : खाद्य, पेय, लेह्य, चोष्य।
चार पुरुषार्थ : धर्म, अर्थ, काम, मोक्ष।
चार वाद्य : तत्, सुषिर, अवनद्व, घन।
पाँच तत्व : पृथ्वी, आकाश, अग्नि, जल, वायु।
पाँच देवता : गणेश, दुर्गा, विष्णु, शंकर, सुर्य।
पाँच ज्ञानेन्द्रियाँ : आँख, नाक, कान, जीभ, त्वचा।
पाँच कर्म : रस, रुप, गंध, स्पर्श, ध्वनि।
पाँच उंगलियां : अँगूठा, तर्जनी, मध्यमा, अनामिका, कनिष्ठा।
पाँच पूजा उपचार : गंध, पुष्प, धुप, दीप, नैवेद्य।
पाँच अमृत : दूध, दही, घी, शहद, शक्कर।
पाँच प्रेत : भूत, पिशाच, वैताल, कुष्मांड, ब्रह्मराक्षस।
पाँच स्वाद : मीठा, चर्खा, खट्टा, खारा, कड़वा।
पाँच वायु : प्राण, अपान, व्यान, उदान, समान।
पाँच इन्द्रियाँ : आँख, नाक, कान, जीभ, त्वचा, मन।
पाँच वटवृक्ष : सिद्धवट (उज्जैन), अक्षयवट (Prayagraj), बोधिवट (बोधगया), वंशीवट (वृंदावन), साक्षीवट (गया)।
पाँच पत्ते : आम, पीपल, बरगद, गुलर, अशोक।
पाँच कन्या : अहिल्या, तारा, मंदोदरी, कुंती, द्रौपदी।
छ: ॠतु : शीत, ग्रीष्म, वर्षा, शरद, बसंत, शिशिर।
छ: ज्ञान के अंग : शिक्षा, कल्प, व्याकरण, निरुक्त, छन्द, ज्योतिष।
छ: कर्म : देवपूजा, गुरु उपासना, स्वाध्याय, संयम, तप, दान।
छ: दोष : काम, क्रोध, मद (घमंड), लोभ (लालच), मोह, आलस्य।
सात छंद : गायत्री, उष्णिक, अनुष्टुप, वृहती, पंक्ति, त्रिष्टुप, जगती।
सात स्वर : सा, रे, ग, म, प, ध, नि।
सात सुर : षडज्, ॠषभ्, गांधार, मध्यम, पंचम, धैवत, निषाद।
सात चक्र : सहस्त्रार, आज्ञा, विशुद्ध, अनाहत, मणिपुर, स्वाधिष्ठान, मुलाधार।
सात वार : रवि, सोम, मंगल, बुध, गुरु, शुक्र, शनि।
सात मिट्टी : गौशाला, घुड़साल, हाथीसाल, राजद्वार, बाम्बी की मिट्टी, नदी संगम, तालाब।
सात महाद्वीप : जम्बुद्वीप (एशिया), प्लक्षद्वीप, शाल्मलीद्वीप, कुशद्वीप, क्रौंचद्वीप, शाकद्वीप, पुष्करद्वीप।
सात ॠषि : वशिष्ठ, विश्वामित्र, कण्व, भारद्वाज, अत्रि, वामदेव, शौनक।
सात ॠषि : वशिष्ठ, कश्यप, अत्रि, जमदग्नि, गौतम, विश्वामित्र, भारद्वाज।
सात धातु (शारीरिक) : रस, रक्त, मांस, मेद, अस्थि, मज्जा, वीर्य।
सात रंग : बैंगनी, जामुनी, नीला, हरा, पीला, नारंगी, लाल।
सात पाताल : अतल, वितल, सुतल, तलातल, महातल, रसातल, पाताल।
सात पुरी : मथुरा, हरिद्वार, काशी, अयोध्या, उज्जैन, द्वारका, काञ्ची।
सात धान्य : उड़द, गेहूँ, चना, चांवल, जौ, मूँग, बाजरा।
आठ मातृका : ब्राह्मी, वैष्णवी, माहेश्वरी, कौमारी, ऐन्द्री, वाराही, नारसिंही, चामुंडा।
आठ लक्ष्मी : आदिलक्ष्मी, धनलक्ष्मी, धान्यलक्ष्मी, गजलक्ष्मी, संतानलक्ष्मी, वीरलक्ष्मी, विजयलक्ष्मी, विद्यालक्ष्मी।
आठ वसु : अप (अह:/अयज), ध्रुव, सोम, धर, अनिल, अनल, प्रत्युष, प्रभास।
आठ सिद्धि : अणिमा, महिमा, गरिमा, लघिमा, प्राप्ति, प्राकाम्य, ईशित्व, वशित्व।
आठ धातु : सोना, चांदी, ताम्बा, सीसा जस्ता, टिन, लोहा, पारा।
नवदुर्गा : शैलपुत्री, ब्रह्मचारिणी, चन्द्रघंटा, कुष्मांडा, स्कन्दमाता, कात्यायनी, कालरात्रि, महागौरी, सिद्धिदात्री।
नवग्रह : सुर्य, चन्द्रमा, मंगल, बुध, गुरु, शुक्र, शनि, राहु, केतु।
नवरत्न : हीरा, पन्ना, मोती, माणिक, मूंगा, पुखराज, नीलम, गोमेद, लहसुनिया।
नवनिधि : पद्मनिधि, महापद्मनिधि, नीलनिधि, मुकुंदनिधि, नंदनिधि, मकरनिधि, कच्छपनिधि, शंखनिधि, खर्व/मिश्र निधि।
दस महाविद्या : काली, तारा, षोडशी, भुवनेश्वरी, भैरवी, छिन्नमस्तिका, धूमावती, बगलामुखी, मातंगी, कमला।
दस दिशाएँ : पूर्व, पश्चिम, उत्तर, दक्षिण, आग्नेय, नैॠत्य, वायव्य, ईशान, ऊपर, नीचे।
दस दिक्पाल : इन्द्र, अग्नि, यमराज, नैॠिति, वरुण, वायुदेव, कुबेर, ईशान, ब्रह्मा, अनंत।
दस अवतार (विष्णुजी) : मत्स्य, कच्छप, वाराह, नृसिंह, वामन, परशुराम, राम, कृष्ण, बुद्ध, कल्कि।
दस सति : सावित्री, अनुसुइया, मंदोदरी, तुलसी, द्रौपदी, गांधारी, सीता, दमयन्ती, सुलक्षणा, अरुंधती।
*उक्त जानकारी शास्त्रोक्त 📚 आधार पर...
ऐसी जानकारी बार-बार नहीं आती, और आगे भेजें, ताकि लोगों को सनातन धर्म की जानकारी हो सके आपका आभार धन्यवाद होगा
1-अष्टाध्यायी पाणिनी
2-रामायण वाल्मीकि
3-महाभारत वेदव्यास
4-अर्थशास्त्र चाणक्य
5-महाभाष्य पतंजलि
6-सत्सहसारिका सूत्र नागार्जुन
7-बुद्धचरित अश्वघोष
8-सौंदरानन्द अश्वघोष
9-महाविभाषाशास्त्र वसुमित्र
10- स्वप्नवासवदत्ता भास
11-कामसूत्र वात्स्यायन
12-कुमारसंभवम् कालिदास
13-अभिज्ञानशकुंतलम् कालिदास
14-विक्रमोउर्वशियां कालिदास
15-मेघदूत कालिदास
16-रघुवंशम् कालिदास
17-मालविकाग्निमित्रम् कालिदास
18-नाट्यशास्त्र भरतमुनि
19-देवीचंद्रगुप्तम विशाखदत्त
20-मृच्छकटिकम् शूद्रक
21-सूर्य सिद्धान्त आर्यभट्ट
22-वृहतसिंता बरामिहिर
23-पंचतंत्र। विष्णु शर्मा
24-कथासरित्सागर सोमदेव
25-अभिधम्मकोश वसुबन्धु
26-मुद्राराक्षस विशाखदत्त
27-रावणवध। भटिट
28-किरातार्जुनीयम् भारवि
29-दशकुमारचरितम् दंडी
30-हर्षचरित वाणभट्ट
31-कादंबरी वाणभट्ट
32-वासवदत्ता सुबंधु
33-नागानंद हर्षवधन
34-रत्नावली हर्षवर्धन
35-प्रियदर्शिका हर्षवर्धन
36-मालतीमाधव भवभूति
37-पृथ्वीराज विजय जयानक
38-कर्पूरमंजरी राजशेखर
39-काव्यमीमांसा राजशेखर
40-नवसहसांक चरित पदम् गुप्त
41-शब्दानुशासन राजभोज
42-वृहतकथामंजरी क्षेमेन्द्र
43-नैषधचरितम श्रीहर्ष
44-विक्रमांकदेवचरित बिल्हण
45-कुमारपालचरित हेमचन्द्र
46-गीतगोविन्द जयदेव
47-पृथ्वीराजरासो चंदरवरदाई
48-राजतरंगिणी कल्हण
49-रासमाला सोमेश्वर
50-शिशुपाल वध माघ
51-गौडवाहो वाकपति
52-रामचरित सन्धयाकरनंदी
53-द्वयाश्रय काव्य हेमचन्द्र
वेद-ज्ञान:-
प्र.1- वेद किसे कहते है ?
उत्तर- ईश्वरीय ज्ञान की पुस्तक को वेद कहते है।
प्र.2- वेद-ज्ञान किसने दिया ?
उत्तर- ईश्वर ने दिया।
प्र.3- ईश्वर ने वेद-ज्ञान कब दिया ?
उत्तर- ईश्वर ने सृष्टि के आरंभ में वेद-ज्ञान दिया।
प्र.4- ईश्वर ने वेद ज्ञान क्यों दिया ?
उत्तर- मनुष्य-मात्र के कल्याण के लिए।
प्र.5- वेद कितने है ?
उत्तर- चार ।
1-ऋग्वेद
2-यजुर्वेद
3-सामवेद
4-अथर्ववेद
प्र.6- वेदों के ब्राह्मण ।
वेद ब्राह्मण
1 - ऋग्वेद - ऐतरेय
2 - यजुर्वेद - शतपथ
3 - सामवेद - तांड्य
4 - अथर्ववेद - गोपथ
प्र.7- वेदों के उपवेद कितने है।
उत्तर - चार।
वेद उपवेद
1- ऋग्वेद - आयुर्वेद
2- यजुर्वेद - धनुर्वेद
3 -सामवेद - गंधर्ववेद
4- अथर्ववेद - अर्थवेद
प्र 8- वेदों के अंग हैं ।
उत्तर - छः ।
1 - शिक्षा
2 - कल्प
3 - निरूक्त
4 - व्याकरण
5 - छंद
6 - ज्योतिष
प्र.9- वेदों का ज्ञान ईश्वर ने किन किन ऋषियो को दिया ?
उत्तर- चार ऋषियों को।
वेद ऋषि
1- ऋग्वेद - अग्नि
2 - यजुर्वेद - वायु
3 - सामवेद - आदित्य
4 - अथर्ववेद - अंगिरा
प्र.10- वेदों का ज्ञान ईश्वर ने ऋषियों को कैसे दिया ?
उत्तर- समाधि की अवस्था में।
प्र.11- वेदों में कैसे ज्ञान है ?
उत्तर- सब सत्य विद्याओं का ज्ञान-विज्ञान।
प्र.12- वेदो के विषय कौन-कौन से हैं ?
उत्तर- चार ।
ऋषि विषय
1- ऋग्वेद - ज्ञान
2- यजुर्वेद - कर्म
3- सामवे - उपासना
4- अथर्ववेद - विज्ञान
प्र.13- वेदों में।
ऋग्वेद में।
1- मंडल - 10
2 - अष्टक - 08
3 - सूक्त - 1028
4 - अनुवाक - 85
5 - ऋचाएं - 10589
यजुर्वेद में।
1- अध्याय - 40
2- मंत्र - 1975
सामवेद में।
1- आरचिक - 06
2 - अध्याय - 06
3- ऋचाएं - 1875
अथर्ववेद में।
1- कांड - 20
2- सूक्त - 731
3 - मंत्र - 5977
प्र.14- वेद पढ़ने का अधिकार किसको है ? उत्तर- मनुष्य-मात्र को वेद पढ़ने का अधिकार है।
प्र.15- क्या वेदों में मूर्तिपूजा का विधान है ?
उत्तर- बिलकुल भी नहीं।
प्र.16- क्या वेदों में अवतारवाद का प्रमाण है ?
उत्तर- नहीं।
प्र.17- सबसे बड़ा वेद कौन-सा है ?
उत्तर- ऋग्वेद।
प्र.18- वेदों की उत्पत्ति कब हुई ?
उत्तर- वेदो की उत्पत्ति सृष्टि के आदि से परमात्मा द्वारा हुई । अर्थात 1 अरब 96 करोड़ 8 लाख 43 हजार वर्ष पूर्व ।
प्र.19- वेद-ज्ञान के सहायक दर्शन-शास्त्र ( उपअंग ) कितने हैं और उनके लेखकों का क्या नाम है ?
उत्तर-
1- न्याय दर्शन - गौतम मुनि।
2- वैशेषिक दर्शन - कणाद मुनि।
3- योगदर्शन - पतंजलि मुनि।
4- मीमांसा दर्शन - जैमिनी मुनि।
5- सांख्य दर्शन - कपिल मुनि।
6- वेदांत दर्शन - व्यास मुनि।
प्र.20- शास्त्रों के विषय क्या है ?
उत्तर- आत्मा, परमात्मा, प्रकृति, जगत की उत्पत्ति, मुक्ति अर्थात सब प्रकार का भौतिक व आध्यात्मिक ज्ञान-विज्ञान आदि।
प्र.21- प्रामाणिक उपनिषदे कितनी है ?
उत्तर- केवल ग्यारह।
प्र.22- उपनिषदों के नाम बतावे ?
उत्तर-
01-ईश ( ईशावास्य )
02-केन
03-कठ
04-प्रश्न
05-मुंडक
06-मांडू
07-ऐतरेय
08-तैत्तिरीय
09-छांदोग्य
10-वृहदारण्यक
11-श्वेताश्वतर ।
प्र.23- उपनिषदों के विषय कहाँ से लिए गए है ?
उत्तर- वेदों से।
प्र.24- चार वर्ण।
उत्तर-
1- ब्राह्मण
2- क्षत्रिय
3- वैश्य
4- शूद्र
प्र.25- चार युग।
1- सतयुग - 17,28000 वर्षों का नाम ( सतयुग ) रखा है।
2- त्रेतायुग- 12,96000 वर्षों का नाम ( त्रेतायुग ) रखा है।
3- द्वापरयुग- 8,64000 वर्षों का नाम है।
4- कलयुग- 4,32000 वर्षों का नाम है।
कलयुग के 5122 वर्षों का भोग हो चुका है अभी तक।
4,27024 वर्षों का भोग होना है।
पंच महायज्ञ
1- ब्रह्मयज्ञ
2- देवयज्ञ
3- पितृयज्ञ
4- बलिवैश्वदेवयज्ञ
5- अतिथियज्ञ
स्वर्ग - जहाँ सुख है।
नरक - जहाँ दुःख है।.
*#भगवान_शिव के "35" रहस्y
भगवान शिव अर्थात पार्वती के पति शंकर जिन्हें महादेव, भोलेनाथ, आदिनाथ आदि कहा जाता है।
*🔱1. आदिनाथ शिव : -* सर्वप्रथम शिव ने ही धरती पर जीवन के प्रचार-प्रसार का प्रयास किया इसलिए उन्हें 'आदिदेव' भी कहा जाता है। 'आदि' का अर्थ प्रारंभ। आदिनाथ होने के कारण उनका एक नाम 'आदिश' भी है।
*🔱2. शिव के अस्त्र-शस्त्र : -* शिव का धनुष पिनाक, चक्र भवरेंदु और सुदर्शन, अस्त्र पाशुपतास्त्र और शस्त्र त्रिशूल है। उक्त सभी का उन्होंने ही निर्माण किया था।
*🔱3. भगवान शिव का नाग : -* शिव के गले में जो नाग लिपटा रहता है उसका नाम वासुकि है। वासुकि के बड़े भाई का नाम शेषनाग है।
*🔱4. शिव की अर्द्धांगिनी : -* शिव की पहली पत्नी सती ने ही अगले जन्म में पार्वती के रूप में जन्म लिया और वही उमा, उर्मि, काली कही गई हैं।
*🔱5. शिव के पुत्र : -* शिव के प्रमुख 6 पुत्र हैं- गणेश, कार्तिकेय, सुकेश, जलंधर, अयप्पा और भूमा। सभी के जन्म की कथा रोचक है।
*🔱6. शिव के शिष्य : -* शिव के 7 शिष्य हैं जिन्हें प्रारंभिक सप्तऋषि माना गया है। इन ऋषियों ने ही शिव के ज्ञान को संपूर्ण धरती पर प्रचारित किया जिसके चलते भिन्न-भिन्न धर्म और संस्कृतियों की उत्पत्ति हुई। शिव ने ही गुरु और शिष्य परंपरा की शुरुआत की थी। शिव के शिष्य हैं- बृहस्पति, विशालाक्ष, शुक्र, सहस्राक्ष, महेन्द्र, प्राचेतस मनु, भरद्वाज इसके अलावा 8वें गौरशिरस मुनि भी थे।
*🔱7. शिव के गण : -* शिव के गणों में भैरव, वीरभद्र, मणिभद्र, चंदिस, नंदी, श्रृंगी, भृगिरिटी, शैल, गोकर्ण, घंटाकर्ण, जय और विजय प्रमुख हैं। इसके अलावा, पिशाच, दैत्य और नाग-नागिन, पशुओं को भी शिव का गण माना जाता है।
*🔱8. शिव पंचायत : -* भगवान सूर्य, गणपति, देवी, रुद्र और विष्णु ये शिव पंचायत कहलाते हैं।
*🔱9. शिव के द्वारपाल : -* नंदी, स्कंद, रिटी, वृषभ, भृंगी, गणेश, उमा-महेश्वर और महाकाल।
*🔱10. शिव पार्षद : -* जिस तरह जय और विजय विष्णु के पार्षद हैं उसी तरह बाण, रावण, चंड, नंदी, भृंगी आदि शिव के पार्षद हैं।
*🔱11. सभी धर्मों का केंद्र शिव : -* शिव की वेशभूषा ऐसी है कि प्रत्येक धर्म के लोग उनमें अपने प्रतीक ढूंढ सकते हैं। मुशरिक, यजीदी, साबिईन, सुबी, इब्राहीमी धर्मों में शिव के होने की छाप स्पष्ट रूप से देखी जा सकती है। शिव के शिष्यों से एक ऐसी परंपरा की शुरुआत हुई, जो आगे चलकर शैव, सिद्ध, नाथ, दिगंबर और सूफी संप्रदाय में विभक्त हो गई।
*🔱12. बौद्ध साहित्य के मर्मज्ञ अंतरराष्ट्रीय : -* ख्यातिप्राप्त विद्वान प्रोफेसर उपासक का मानना है कि शंकर ने ही बुद्ध के रूप में जन्म लिया था। उन्होंने पालि ग्रंथों में वर्णित 27 बुद्धों का उल्लेख करते हुए बताया कि इनमें बुद्ध के 3 नाम अतिप्राचीन हैं- तणंकर, शणंकर और मेघंकर।
*🔱13. देवता और असुर दोनों के प्रिय शिव : -* भगवान शिव को देवों के साथ असुर, दानव, राक्षस, पिशाच, गंधर्व, यक्ष आदि सभी पूजते हैं। वे रावण को भी वरदान देते हैं और राम को भी। उन्होंने भस्मासुर, शुक्राचार्य आदि कई असुरों को वरदान दिया था। शिव, सभी आदिवासी, वनवासी जाति, वर्ण, धर्म और समाज के सर्वोच्च देवता हैं।
*🔱14. शिव चिह्न : -* वनवासी से लेकर सभी साधारण व्यक्ति जिस चिह्न की पूजा कर सकें, उस पत्थर के ढेले, बटिया को शिव का चिह्न माना जाता है। इसके अलावा रुद्राक्ष और त्रिशूल को भी शिव का चिह्न माना गया है। कुछ लोग डमरू और अर्द्ध चन्द्र को भी शिव का चिह्न मानते हैं, हालांकि ज्यादातर लोग शिवलिंग अर्थात शिव की ज्योति का पूजन करते हैं।
*🔱15. शिव की गुफा : -* शिव ने भस्मासुर से बचने के लिए एक पहाड़ी में अपने त्रिशूल से एक गुफा बनाई और वे फिर उसी गुफा में छिप गए। वह गुफा जम्मू से 150 किलोमीटर दूर त्रिकूटा की पहाड़ियों पर है। दूसरी ओर भगवान शिव ने जहां पार्वती को अमृत ज्ञान दिया था वह गुफा 'अमरनाथ गुफा' के नाम से प्रसिद्ध है।
*🔱16. शिव के पैरों के निशान : -* श्रीपद- श्रीलंका में रतन द्वीप पहाड़ की चोटी पर स्थित श्रीपद नामक मंदिर में शिव के पैरों के निशान हैं। ये पदचिह्न 5 फुट 7 इंच लंबे और 2 फुट 6 इंच चौड़े हैं। इस स्थान को सिवानोलीपदम कहते हैं। कुछ लोग इसे आदम पीक कहते हैं।
रुद्र पद- तमिलनाडु के नागपट्टीनम जिले के थिरुवेंगडू क्षेत्र में श्रीस्वेदारण्येश्वर का मंदिर में शिव के पदचिह्न हैं जिसे 'रुद्र पदम' कहा जाता है। इसके अलावा थिरुवन्नामलाई में भी एक स्थान पर शिव के पदचिह्न हैं।
तेजपुर- असम के तेजपुर में ब्रह्मपुत्र नदी के पास स्थित रुद्रपद मंदिर में शिव के दाएं पैर का निशान है।
जागेश्वर- उत्तराखंड के अल्मोड़ा से 36 किलोमीटर दूर जागेश्वर मंदिर की पहाड़ी से लगभग साढ़े 4 किलोमीटर दूर जंगल में भीम के पास शिव के पदचिह्न हैं। पांडवों को दर्शन देने से बचने के लिए उन्होंने अपना एक पैर यहां और दूसरा कैलाश में रखा था।
रांची- झारखंड के रांची रेलवे स्टेशन से 7 किलोमीटर की दूरी पर 'रांची हिल' पर शिवजी के पैरों के निशान हैं। इस स्थान को 'पहाड़ी बाबा मंदिर' कहा जाता है।
*🔱17. शिव के अवतार : -* वीरभद्र, पिप्पलाद, नंदी, भैरव, महेश, अश्वत्थामा, शरभावतार, गृहपति, दुर्वासा, हनुमान, वृषभ, यतिनाथ, कृष्णदर्शन, अवधूत, भिक्षुवर्य, सुरेश्वर, किरात, सुनटनर्तक, ब्रह्मचारी, यक्ष, वैश्यानाथ, द्विजेश्वर, हंसरूप, द्विज, नतेश्वर आदि हुए हैं। वेदों में रुद्रों का जिक्र है। रुद्र 11 बताए जाते हैं- कपाली, पिंगल, भीम, विरुपाक्ष, विलोहित, शास्ता, अजपाद, आपिर्बुध्य, शंभू, चण्ड तथा भव।
*🔱18. शिव का विरोधाभासिक परिवार : -* शिवपुत्र कार्तिकेय का वाहन मयूर है, जबकि शिव के गले में वासुकि नाग है। स्वभाव से मयूर और नाग आपस में दुश्मन हैं। इधर गणपति का वाहन चूहा है, जबकि सांप मूषकभक्षी जीव है। पार्वती का वाहन शेर है, लेकिन शिवजी का वाहन तो नंदी बैल है। इस विरोधाभास या वैचारिक भिन्नता के बावजूद परिवार में एकता है।
*🔱19.* तिब्बत स्थित कैलाश पर्वत पर उनका निवास है। जहां पर शिव विराजमान हैं उस पर्वत के ठीक नीचे पाताल लोक है जो भगवान विष्णु का स्थान है। शिव के आसन के ऊपर वायुमंडल के पार क्रमश: स्वर्ग लोक और फिर ब्रह्माजी का स्थान है।
*🔱20.शिव भक्त : -* ब्रह्मा, विष्णु और सभी देवी-देवताओं सहित भगवान राम और कृष्ण भी शिव भक्त है। हरिवंश पुराण के अनुसार, कैलास पर्वत पर कृष्ण ने शिव को प्रसन्न करने के लिए तपस्या की थी। भगवान राम ने रामेश्वरम में शिवलिंग स्थापित कर उनकी पूजा-अर्चना की थी।
*🔱21.शिव ध्यान : -* शिव की भक्ति हेतु शिव का ध्यान-पूजन किया जाता है। शिवलिंग को बिल्वपत्र चढ़ाकर शिवलिंग के समीप मंत्र जाप या ध्यान करने से मोक्ष का मार्ग पुष्ट होता है।
*🔱22.शिव मंत्र : -* दो ही शिव के मंत्र हैं पहला- ॐ नम: शिवाय। दूसरा महामृत्युंजय मंत्र- ॐ ह्रौं जू सः। ॐ भूः भुवः स्वः। ॐ त्र्यम्बकं यजामहे सुगन्धिं पुष्टिवर्धनम्। उर्वारुकमिव बन्धनान्मृत्योर्मुक्षीय माऽमृतात्। स्वः भुवः भूः ॐ। सः जू ह्रौं ॐ ॥ है।
*🔱23.शिव व्रत और त्योहार : -* सोमवार, प्रदोष और श्रावण मास में शिव व्रत रखे जाते हैं। शिवरात्रि और महाशिवरात्रि शिव का प्रमुख पर्व त्योहार है।
*🔱24.शिव प्रचारक : -* भगवान शंकर की परंपरा को उनके शिष्यों बृहस्पति, विशालाक्ष (शिव), शुक्र, सहस्राक्ष, महेन्द्र, प्राचेतस मनु, भरद्वाज, अगस्त्य मुनि, गौरशिरस मुनि, नंदी, कार्तिकेय, भैरवनाथ आदि ने आगे बढ़ाया। इसके अलावा वीरभद्र, मणिभद्र, चंदिस, नंदी, श्रृंगी, भृगिरिटी, शैल, गोकर्ण, घंटाकर्ण, बाण, रावण, जय और विजय ने भी शैवपंथ का प्रचार किया। इस परंपरा में सबसे बड़ा नाम आदिगुरु भगवान दत्तात्रेय का आता है। दत्तात्रेय के बाद आदि शंकराचार्य, मत्स्येन्द्रनाथ और गुरु गुरुगोरखनाथ का नाम प्रमुखता से लिया जाता है।
*🔱25.शिव महिमा : -* शिव ने कालकूट नामक विष पिया था जो अमृत मंथन के दौरान निकला था। शिव ने भस्मासुर जैसे कई असुरों को वरदान दिया था। शिव ने कामदेव को भस्म कर दिया था। शिव ने गणेश और राजा दक्ष के सिर को जोड़ दिया था। ब्रह्मा द्वारा छल किए जाने पर शिव ने ब्रह्मा का पांचवां सिर काट दिया था।
*🔱26.शैव परम्परा : -* दसनामी, शाक्त, सिद्ध, दिगंबर, नाथ, लिंगायत, तमिल शैव, कालमुख शैव, कश्मीरी शैव, वीरशैव, नाग, लकुलीश, पाशुपत, कापालिक, कालदमन और महेश्वर सभी शैव परंपरा से हैं। चंद्रवंशी, सूर्यवंशी, अग्निवंशी और नागवंशी भी शिव की परंपरा से ही माने जाते हैं। भारत की असुर, रक्ष और आदिवासी जाति के आराध्य देव शिव ही हैं। शैव धर्म भारत के आदिवासियों का धर्म है।
*🔱27.शिव के प्रमुख नाम : -* शिव के वैसे तो अनेक नाम हैं जिनमें 108 नामों का उल्लेख पुराणों में मिलता है लेकिन यहां प्रचलित नाम जानें- महेश, नीलकंठ, महादेव, महाकाल, शंकर, पशुपतिनाथ, गंगाधर, नटराज, त्रिनेत्र, भोलेनाथ, आदिदेव, आदिनाथ, त्रियंबक, त्रिलोकेश, जटाशंकर, जगदीश, प्रलयंकर, विश्वनाथ, विश्वेश्वर, हर, शिवशंभु, भूतनाथ और रुद्र।
*🔱28.अमरनाथ के अमृत वचन : -* शिव ने अपनी अर्धांगिनी पार्वती को मोक्ष हेतु अमरनाथ की गुफा में जो ज्ञान दिया उस ज्ञान की आज अनेकानेक शाखाएं हो चली हैं। वह ज्ञानयोग और तंत्र के मूल सूत्रों में शामिल है। 'विज्ञान भैरव तंत्र' एक ऐसा ग्रंथ है, जिसमें भगवान शिव द्वारा पार्वती को बताए गए 112 ध्यान सूत्रों का संकलन है।
*🔱29.शिव ग्रंथ : -* वेद और उपनिषद सहित विज्ञान भैरव तंत्र, शिव पुराण और शिव संहिता में शिव की संपूर्ण शिक्षा और दीक्षा समाई हुई है। तंत्र के अनेक ग्रंथों में उनकी शिक्षा का विस्तार हुआ है।
*🔱30.शिवलिंग : -* वायु पुराण के अनुसार प्रलयकाल में समस्त सृष्टि जिसमें लीन हो जाती है और पुन: सृष्टिकाल में जिससे प्रकट होती है, उसे लिंग कहते हैं। इस प्रकार विश्व की संपूर्ण ऊर्जा ही लिंग की प्रतीक है। वस्तुत: यह संपूर्ण सृष्टि बिंदु-नाद स्वरूप है। बिंदु शक्ति है और नाद शिव। बिंदु अर्थात ऊर्जा और नाद अर्थात ध्वनि। यही दो संपूर्ण ब्रह्मांड का आधार है। इसी कारण प्रतीक स्वरूप शिवलिंग की पूजा-अर्चना है।
*🔱31.बारह ज्योतिर्लिंग : -* सोमनाथ, मल्लिकार्जुन, महाकालेश्वर, ॐकारेश्वर, वैद्यनाथ, भीमशंकर, रामेश्वर, नागेश्वर, विश्वनाथजी, त्र्यम्बकेश्वर, केदारनाथ, घृष्णेश्वर। ज्योतिर्लिंग उत्पत्ति के संबंध में अनेकों मान्यताएं प्रचलित है। ज्योतिर्लिंग यानी 'व्यापक ब्रह्मात्मलिंग' जिसका अर्थ है 'व्यापक प्रकाश'। जो शिवलिंग के बारह खंड हैं। शिवपुराण के अनुसार ब्रह्म, माया, जीव, मन, बुद्धि, चित्त, अहंकार, आकाश, वायु, अग्नि, जल और पृथ्वी को ज्योतिर्लिंग या ज्योति पिंड कहा गया है।
दूसरी मान्यता अनुसार शिव पुराण के अनुसार प्राचीनकाल में आकाश से ज्योति पिंड पृथ्वी पर गिरे और उनसे थोड़ी देर के लिए प्रकाश फैल गया। इस तरह के अनेकों उल्का पिंड आकाश से धरती पर गिरे थे। भारत में गिरे अनेकों पिंडों में से प्रमुख बारह पिंड को ही ज्योतिर्लिंग में शामिल किया गया।
*🔱32.शिव का दर्शन : -* शिव के जीवन और दर्शन को जो लोग यथार्थ दृष्टि से देखते हैं वे सही बुद्धि वाले और यथार्थ को पकड़ने वाले शिवभक्त हैं, क्योंकि शिव का दर्शन कहता है कि यथार्थ में जियो, वर्तमान में जियो, अपनी चित्तवृत्तियों से लड़ो मत, उन्हें अजनबी बनकर देखो और कल्पना का भी यथार्थ के लिए उपयोग करो। आइंस्टीन से पूर्व शिव ने ही कहा था कि कल्पना ज्ञान से ज्यादा महत्वपूर्ण है।
*🔱33.शिव और शंकर : -* शिव का नाम शंकर के साथ जोड़ा जाता है। लोग कहते हैं- शिव, शंकर, भोलेनाथ। इस तरह अनजाने ही कई लोग शिव और शंकर को एक ही सत्ता के दो नाम बताते हैं। असल में, दोनों की प्रतिमाएं अलग-अलग आकृति की हैं। शंकर को हमेशा तपस्वी रूप में दिखाया जाता है। कई जगह तो शंकर को शिवलिंग का ध्यान करते हुए दिखाया गया है। अत: शिव और शंकर दो अलग अलग सत्ताएं है। हालांकि शंकर को भी शिवरूप माना गया है। माना जाता है कि महेष (नंदी) और महाकाल भगवान शंकर के द्वारपाल हैं। रुद्र देवता शंकर की पंचायत के सदस्य हैं।
*🔱34. देवों के देव महादेव :* देवताओं की दैत्यों से प्रतिस्पर्धा चलती रहती थी। ऐसे में जब भी देवताओं पर घोर संकट आता था तो वे सभी देवाधिदेव महादेव के पास जाते थे। दैत्यों, राक्षसों सहित देवताओं ने भी शिव को कई बार चुनौती दी, लेकिन वे सभी परास्त होकर शिव के समक्ष झुक गए इसीलिए शिव हैं देवों के देव महादेव। वे दैत्यों, दानवों और भूतों के भी प्रिय भगवान हैं। वे राम को भी वरदान देते हैं और रावण को भी।
सोमवार, 25 अक्टूबर 2021
हमर पट्टीटोल गाम
हमर पट्टीटोल गाम - HAMAR PATITOL GAAM
हमर पट्टीटोल गाम यो ,
शुक्रवार, 10 सितंबर 2021
चौठचन्द्र चौरचन पूजा
चौठचन्द्र /चौरचन पूजा / chourchan pooja
भादव शुक्ल चतुर्थी पहिल साँझ व्रती स्नान कऽ आसन पर बैसि पूजाक सब सामग्री अरिपन अनुसार दही डाली मररक खीरपूरी दीप संग कलशसथापन कय कुशक वा सोना चांदी पवित्री पहिर तेकुशा जल लय इ मंत्र पढि सामग्री संग जल छिटी स्वयं पवित्र होई छथि-
नम:! अपवित्र: पवित्रोवा सर्वावस्थां गतोपिवा।
य: स्मरेत् पुण्डरीकाक्षं सवाह्याभ्यन्तर: सुचि सुचि।।
नमः! पुण्डरीकाक्ष: पुनातु।जल सिक्त करू।।
तेकुशा तील जल लय संकल्प मंत्र-
नमोऽस्यां रात्रौ भाद्रे मासि शुक्ल पक्षे चतुर्थ्यां तिथौ अमुक गोत्राया: ममाऽमुकीदेव्या: ।सकल कल्याणोत्पत्तिपूर्वक धनधान्यदि समृद्धि सकल मनोरथ सिद्ययर्थं यथाशक्ति गंधपुष्प धूपदीप ताम्बूल यज्ञोपवित वस्त्रनानाविध-नैवेद्यादिभि: रोहिणीसहित भाद्र शुक्ल चतुर्थी चंद्रपूजनं तत्कथाश्रवणं चाहं करिष्ये।
गणपत्यादि पंचदेवता पूजन-
अक्षत लय-नमो गणपत्यादि पंचदेवता: इहागच्छत इह तिष्ठत।कहि पात पर एककात राखि दी।
अर्घा में जल लय- एतानि पाद्यादीनि एषोर्घ: नमो गणपत्यादि पंचदेवता भ्यो नम:।
फूल में चानन लगाके- इदमनुलेपनं गणपत्यादि पंचदेवता भ्यो नमः ।
अक्षत लय-इदमक्षतं गणपत्यादि पंचदेवता भ्यो नम:।
फूल लय-इदं पूष्प गणपत्यादि पंचदेवता भ्यो नम:।
बेलपात लय-इदं विल्वपत्रं गणपत्यादि पंचदेवता भ्यो नम:।
दूबि लय-इदं दुर्वादलम् गणपत्यादि पंचदेवता भ्यो नम:।
जल लय-एतानि गंधपुष्पधूपदीपताम्बुलयथाभाग नानाविध नैवेद्यानि गणपत्यादि पंचदेवता भ्यो नम:।नैवेद्य पर।
जल लय-इदमाचीनीयं नमो गणपत्यादि पंचदेवता भ्यो नम:।
विधवा स्त्री तील लय- नमो भगवत् भगवान श्रीविष्णो इहागच्छ इह तिष्ठ। पूजा के बगल में पात पर राखू।
जल लय-एतानि पाद्यादीनि एषोर्घ: नमोभगवते श्रीविष्णवे नम:।पूजा पात पर चढादी। अहिना फूल तुलसीपात आदि सौं पंचोपचार पूजा करी।
सधवा स्त्री गौरी पूजा करथि-
अक्षत लय-नमो गौरि इहागच्छ इह तिष्ठ।
जल लय-एतानि पाद्यादीनि नमो गौर्ये नम:।
चानन लय-इदमनुलेपनं नमो गौर्ये नम:।
सिंदुर लय-इदं सिन्दूरमनमो गौर्ये नम:।
अक्षत लय-इदमक्षतं नमो गौर्ये नम:।
फूल लय-इदं पुष्पं नमो गौर्ये नम:।
दुबि लय- इदं दुर्वादलम नमो गौर्ये नम:।
बेलपात लय- इदं विल्वपत्रं नमो गौर्ये नम:।
जल लय-एतानि गंधपुष्पधूपदीपताम्बुलयथायदिभाग नानाविध नैवेद्यानि नमो गौर्ये नम:।नैवेद्य पर उत्सर्ग करी।
जल लय-इदमाचीनीयं नमो गौर्ये नम:।
चौठचन्द्र पूजा- अक्षत लिय- नमो रोहिणीसहित भाद्र शुक्ल चतुर्थी चंद्र इहागच्छ इह तिष्ठ।पात पर राखू।
उजर फूल लिय- श्वेतांबरं स्वच्छतनुं सुधांशु चतुर्भुजं हेमविभूषणाढ्यम्।वरं सुधा दिव्यकमण्डलुञ्च करैरभीतिञ्च दधानभीडे।।एष पपुष्पाञ्जलि।
जलक अर्घ्यदान-सोमाय सोमेश्वराय सोमपतये सोमसम्भवाय गोविन्दाय नमो नम:।
एतानि पाद्यादीनि एषोऽर्घ्य: नमो रोहिणीसहित भाद्र शुक्ल चतुर्थी चंद्राय नम:।
चानन लय-मलयाद्रिसमुद्भूतं श्रीखंडं त्रिदशाप्रियम्। सर्वपापहरं सौख्यं चंदनं मे प्रगृह्यताम्।
चानन लय- इदमनुलेपनं नमो रोहिणीसहित भाद्र शुक्ल चतुर्थी चंद्राय नम:।
अक्षत लय-इदमक्षतं नमो रोहिणीसहित भाद्र शुक्ल चतुर्थी चंद्राय नम:।
उजर फूल लय - त्रैलोक्यमोदकं पुष्पं शुक्ल पुष्पं मनोहरम्।दिव्यौषधि क्षपानाथ गृह्यतां च प्रसीद मे।एतानि पुष्पाणि नमो रोहिणीसहित भाद्र शुक्ल चतुर्थी चंद्राय नम :।
बेलपात लय-इदं विल्वपत्रं नमो रोहिणीसहित भाद्र शुक्ल चतुर्थी चंद्राय नमः।
दुबि लिय-इदं दुर्वादलम नमो रोहिणीसहित भाद्र शुक्ल चतुर्थी चंद्राय नमः।
यज्ञोपवित लय- सुसंस्कृतं चतुर्वेदैर्द्विजानां भूषणं वरम्।यज्ञोपवितंदेवेश कृपया मे प्रगृह्यताम्।इमे यज्ञोपविते वृहस्पतिदैवते नमो रोहिणीसहित भाद्र शुक्ल चतुर्थी चंद्राय नम :।
वस्त्र लय- तन्तुसन्तानसम्भूतं कलाकोशलकल्पितम्। सर्वाङ्गभूषणश्रेष्ठं वसनं परिधीयताम्।।इदं वस्त्रं वृहस्पतिदैवतं नमो रोहिणीसहित भाद्र शुक्ल चतुर्थी चंद्राय नम :।
नैवेद्य- नैवेद्यं गृह्यतां देव भर्क्ति मे ह्यचलां कुरू।ईप्सितं मे वरं देहि परत्र च परांङ्गतिम।।
एतानि गंधपुष्प धूपदीपसदधिपक्वान्नादि नानाविध नैवेद्यानि नमो रोहिणीसहित भाद्र शुक्ल चतुर्थी चंद्राय नम :।
पुंगीफल- पूंगीफलं महद्दिव्यं नागवल्लीदलैर्युतम्। कर्पूरादिसमायुक्तं ताम्बूलं प्रतिगृह्यताम्।।एतानि ताम्बूलानि।
धूप- गन्धभारवहं दिव्यं नानावस्तुसमनवितम्। सुरासुरनरानन्दं धूपं देव गृहाण मे।। एष धूप: नमो रोहिणीसहित भाद्र शुक्ल चतुर्थी चंद्राय नम :।
कलशदीपदानम- मार्तण्डमण्डलाखण्डचन्द्रबिम्बाग्निदीप्तिमान्। विधात्रा देवदीपोऽयं निर्मितस्तेऽस्तु भक्तित:। एष कलशदीप: नमो रोहिणीसहित भाद्र शुक्ल चतुर्थी चंद्राय नम :।
शंख में फल फूल दूध लय- अत्रिनेत्रसमुद्भूत क्षीरोदार्णवसंभव।गृहामार्घ्य मया दत्तं रोहिण्या सहितप्रभो ।इदं दुग्धार्घ्यं नमो रोहिणीसहित भाद्र शुक्ल चतुर्थी चंद्राय नम :।
डाली लय चंद्र दर्शन मंत्र-
सिंह प्रसेन मवधीत्सिंहो जाम्बवताहत :!
सुकुमारक मा रोदीस्तव ह्येष स्यमन्तक :!
प्रणाम मंत्र-
नम: शुभ्रांशवे तुभ्यं द्विजराजाय ते नम ।
रोहिणीपतये तुभ्यं लक्ष्मीभ्रात्रे नमोऽस्तु ते । ।
दही छाँछी लय प्रणाम मंत्र -
दिव्यशंखतुषाराभं क्षीरोदार्णवसंभवम्!
नमामि शशिनं भक्त्या शंभोर्मुकुट भूषणम्! !
प्रार्थना मंत्र -
मृगाङ्क रोहिणीनाथ शम्भो : शिरसि भूषण ।
व्रतं संपूर्णतां यातु सौभाग्यं च प्रयच्छ मे । ।
रुपं देहि यशो देहि भाग्यं भगवन् देहि मे।
पुत्रोन्देहि धनन्देहि सर्वान् कामान् प्रदेहि मे।।
तदुपरांत स्यमन्तक मणी जाम्बवान पुत्र सुकुमार पर आधारित कथा ध्यान मग्न भय सुनि।जहिना पूजा केलहुं ओहि क्रम में बेराबेरी विसर्जन करी
विसर्जन मंत्र-
नमो गणपत्यादि पंचदेवता: पूजिता: स्थ क्षमध्वं स्वस्थानं गच्छत।
विधवा- नमो विष्णो पूजितोऽसि प्रसीद क्षमस्व।
सधवा- नमो गौरि पूजितासि प्रसीद क्षमस्व।
नमो रोहिणीसहित भाद्र शुक्ल चतुर्थी चंद्र पूजितोऽसि प्रसीद क्षमस्व स्वस्थानं गच्छ।
दक्षिणा द्रव्य जल से सिक्त कय तील जल लय मंत्र-
नमोऽस्यां रात्रौ कृतेतद्रोहिणीसहित भाद्र शुक्ल चतुर्थी चंद्र पूजन तत्कथा श्रवण कर्म प्रतिष्ठार्थ मेतावद्द्रव्य मूल्यक हिरण्यमग्नि दैवतं यथानाम गोत्राय ब्राह्मणाय दक्षिणामहं ददे।कुश तील जल द्रव्य पर अर्पण कय। दक्षिणा प्रतिपन्न करी ओ स्वाच्छन्न देता।
क्षमायाचना-- सपरिवार कलजोरी- हे चतुर्थी चंद्र हम त आहां के बच्चा छी यथासाध्य नैवेद्य फुल पान लय आहांक पुजा कयल कोनो त्रुटि लेल क्षमा करब।
तदुपरांत मड़ड उत्सर्ग कय भांगि आ प्रसाद वितरण करी।
पंडित भेट जाईथ त सर्वोत्तम नै त पिता/पती/पुत्र/भाई/कुटंब/संवंधी से उपरोक्त विधि से पुजन करीo
बुधवार, 25 अगस्त 2021
*मैं भारत का प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी हूं!
मेरे प्यारे भारतीयों को नमस्कार! -----
*आपको यह जिम्मेदारी देते हुए ७ साल हो गए हैं ! मैं इस अवसर पर कुछ बातें साझा करना चाहूंगा! जब मैंने प्रधान मंत्री के रूप में शपथ ली, तो सिंहासन कांटेदार था! *
*पिछली सरकार के 10 साल के कुशासन,भ्रष्टाचार और धोखाधड़ी से बिखर गए सारे सरकारी संस्थान! भारी विदेशी कर्ज बना रहा, और भारतीय कंपनियां घाटे में चल रही थीं!*
*ईरान का कर्ज ₹48,000 करोड़ था;*
*संयुक्त अरब अमीरात का ऋण खाता ₹40,000 करोड़;*
*भारतीय ईंधन कंपनियों को ₹1,33,000 करोड़ का घाटा हुआ;*
*इंडियन एयरलाइंस का घाटा ₹58,000 करोड़ था;*
*भारतीय रेल को ₹22,000 करोड़ का घाटा हुआ;*
*बीएसएनएल का घाटा ₹1,500 करोड़ था;*
सैनिकों के पास बुनियादी हथियार नहीं थे, उनके पास बुलेट प्रूफ जैकेट नहीं थे! अत्याधुनिक लड़ाकू विमान नहीं थे! अगर युद्ध होता तो सेना ४ दिन भी नहीं बच पाती।*
*तभी मैंने फैसला किया!*
*उस समय मेरी मुख्य जिम्मेदारी सभी प्रणालियों को ठीक से स्थापित करना था!*
*सौभाग्य से, भारतीयों के लिए, अंतरराष्ट्रीय बाजार में ईंधन की कीमतों में कमी आई है! लेकिन आपको सभी घटी हुई कीमतों से कोई फायदा नहीं हुआ है! आपको लग रहा होगा कि सरकार ने गलत किया है!*
*तुम मुझसे बहुत प्यार करते हो, लेकिन ईंधन की कीमत के लिए तुम मुझसे थोड़े नाराज़ हो! मुझे पता है, लेकिन मैं आपकी मदद नहीं कर सकता, क्योंकि मैं अपनी आने वाली पीढ़ियों के साथ काम कर रहा हूँ!*
पिछली सरकार की मूर्खता हमारे लिए अभिशाप थी!
*उन्होंने उधार लिया और कच्चा तेल खरीदा! हालांकि, उन्होंने नागरिकों की आक्रामकता से बचने के लिए कीमत नहीं बढ़ाई!*
*तब उन्होंने ₹2,50,000 करोड़ का विदेशी कर्ज लिया था! इसके लिए हमें हर साल ₹25,000 करोड़ ब्याज के रूप में चुकाने पड़ते थे!*
हमारे देश को भारी मात्रा में ऋण दिया गया था! और हमसे कहा गया कि हम अपना कर्ज चुका दें, ताकि भारत को बिना किसी रुकावट के ईंधन मिल सके!*
*ईंधन पर कर लगाने का क्या कारण है? हम गर्व से कह सकते हैं कि आज हमने ₹2,50,000 करोड़ का कर्ज ब्याज सहित चुका दिया है!*
*रेलवे कर रहा था नुकसान! पिछली सरकारों द्वारा शुरू किए गए सभी प्रोजेक्ट हमने पूरे कर लिए हैं, जो सुचारू रूप से चल रहे हैं! हमने रेलवे लाइनों के सभी विद्युतीकरण को पहले की तुलना में तेज गति से पूरा किया!*
*साथ ही साथ ..*
*18,500 गांवों का विद्युतीकरण!*
*गरीबों को 5 करोड़ मुफ्त गैस कनेक्शन दिए गए हैं!*
*सैकड़ों किलोमीटर नई सड़कें बनीं!*
*युवाओं को ₹1,50,000 करोड़ का ऋण दिया गया!*
* "आयुष्मान भारत" नाम के 50 करोड़ नागरिकों के लिए ₹1,50,000 करोड़ की चिकित्सा बीमा योजना शुरू!*
*हमारे सैनिकों को सभी नवीनतम और अद्यतन संस्करण हथियार और बुलेट प्रूफ जैकेट, राफेल लड़ाकू विमान, और कई अन्य प्रकार के घातक हथियार और अन्य सुविधाएं प्रदान की जाती हैं!*
इन सब कामों के लिए पैसा कहाँ से आया? वह पैसा आपके द्वारा दिया गया है! जब आप सभी पेट्रोल-डीजल खरीदते हैं, तो आप देश को वह पैसा देते हैं!
*अगर हम पेट्रोल और डीजल पर से टैक्स हटा दें, तो क्या हमारा कर्ज चुकाना संभव था? हम कर्ज चुका सकते हैं, साथ ही कई नई परियोजनाएं भी ला सकते हैं, इसलिए अप्रत्यक्ष रूप से हमें हर चीज पर कर बढ़ाने की जरूरत है! 130 करोड़ नागरिकों की जिम्मेदारी अकेले वाहन मालिकों की नहीं हो सकती!*
*एक आखिरी बात.. अपने परिवार के मुखिया के रूप में, जब आपके परिवार पर भारी कर्ज का बोझ है तो आप क्या करते हैं?*
*क्या आप लापरवाही से खर्च करते हैं?*
*या आप कर्ज चुकाते हैं?*
*अगर कर्ज और ब्याज लापरवाही से नहीं चुकाया तो परिवार का भविष्य क्या होगा?*
*विरोधियों के गलत खेल में न पड़ें...*
*आप इस देश के देशभक्त नागरिक होने के नाते देश के विकास में भागीदार बनें।*
*यह विरोध हमेशा चुनावी रहा है, कुछ राजनेता झूठे प्रचार से नागरिकों को गुमराह करने की कोशिश कर रहे हैं!*
*मेरी आप सभी से विनती है, कृपया इस सच्चाई को आप सभी भारतीयों के साथ साझा करें!*
*तो आप का,*
*नरेंद्र मोदी 🙏*
*वन्दे मातरम! *
*भारत माता की जय!*
*जय हिन्द! *
*लुटियंस बंगलों से 1,500 लोगों को बाहर निकालने के साथ, यह समझा सकता है कि यह हमेशा मोदी बनाम
*सफाई वास्तव में लुटियंस दिल्ली में हुई है, जब से भाजपा सत्ता में आई है, 7 साल पहले!*
*पहले साल में ही, 460 से अधिक अवैध निवासियों को उनके आरामदेह लुटियंस बंगलों से पैकिंग के लिए भेजा गया था!*
*उनमें से कई पीढ़ियों से वहाँ रह रहे थे, और इसे अपनी निजी संपत्ति मानने लगे थे। कुछ ने अपनी जागीर रखने की अपील के साथ न्यायालयों का दरवाजा खटखटाया। लेकिन कोई फायदा नहीं हुआ! अदालतों ने भी इनकार कर दिया!*
*पूर्व प्रधानमंत्री चरण सिंह के पुत्र अजीत सिंह एक बंगले पर बैठ कर बैठे थे। उसे बंद कर दिया गया था, और उसका सामान लॉन में फेंक दिया गया था! *
*अभिनेता नंदिता दास के पिता चित्रकार जतिन दास लुटियंस में एक और बंगले का आनंद ले रहे थे। बेदखल करना पड़ा!*
*"द प्रिंट", एक कांग्रेस आईटी सेल प्रकाशन, ने पूछा कि नेहरू और गांधी के विपरीत, नरेंद्र मोदी के पास बुद्धिजीवियों की एक सेना क्यों नहीं है? *
*"बुद्धिजीवी" शब्द एक मजाक है! अधिकांश समाज के निम्नतम नैतिक मैल हैं, जो उपहार के लिए नकद या वस्तु के रूप में कुछ भी बेचने को तैयार हैं!*
*2016 के अंत तक बेदखली की संख्या बढ़कर 1,500 हो गई थी!*
*मीडिया में लुटियंस दिल्ली में इस सफाई अभियान का दस्तावेजीकरण करने वाले कुछ ही लेख हैं!*
*कांग्रेस के तोहफे से प्यार करने वाले ढेर सारे फ्री लोडिंग पत्रकारों को भी बाहर कर दिया गया!*
*एक अनाम कांग्रेस सांसद के "द टेलीग्राफ" में एक उद्धरण का यह पूर्ण रत्न है:*
*"नियमों को इतनी सख्ती से लागू न करने की कांग्रेस की लंबी परंपरा रही है!"*
*अद्भुत सुझाव:*
*लगता है कि लुटियंस दिल्ली उन लोगों का किराया-मुक्त जिला था, जो किराए से मुक्त महलनुमा बंगलों के बदले राजनीतिक दल का समर्थन कर रहे थे!*
*कांग्रेस राज में कोई मामला सुप्रीम कोर्ट में जाने से पहले सब कुछ मैनेज हो जाता था - कौन सा जज बेंच के पास जाएगा और जज क्या फैसला देगा!*
*कांग्रेस के 70 साल की सफलता का यही सबसे बड़ा रहस्य है कि इसने सारे मीडिया और न्यायपालिका को संभाला है और देश पर राज किया है!*
*क्या आपने कभी राहुल गांधी, लालू यादव, सीताराम येचुरी, मायावती, अखिलेश, ममता, महबूबा और अन्य विपक्षी नेताओं को एक दूसरे को चोर कहते सुना है?*
*नहीं न !!!*
*जिनमें से कुछ को दोषी ठहराया जा चुका है, कुछ जेल में हैं, कुछ जमानत पर हैं और कुछ अदालतों में मुकदमे का सामना कर रहे हैं, लेकिन वे एक दूसरे को चोर नहीं कहते!*
*लेकिन मोदी जिस पर कोई सरकारी आरोप नहीं, कोई एफआईआर नहीं, कोई मुकदमा नहीं चल रहा, किसी कोर्ट ने जांच का आदेश भी नहीं दिया, ये सब नेता उसे चोर कह रहे हैं!*
*न धन्य समझ, न देश के प्रति जिम्मेदारी का भाव! ऐसे देशद्रोहियों पर धिक्कार है!*
*बस... जरासा फॉरवर्ड करो... करो! इसमें केवल 2-3 सेकंड का समय लगेगा...*
*भारत माता की जय!*