नालंदा विश्वविद्यालय बनकर तैयार है, उस का समकालीन विक्रमशिला विश्वविद्यालय आज तक इंतजार में है।
मगध का बोधगया चमक रहा है, वहीं मिथिला के वैशाली का महावीर जन्मस्थान आजतक उपेक्षित है।
नालंदा में ग्लास ब्रिज बनकर तैयार है, वहीं मिथिला में चचरी पूल का सहारा है।
नालंदा के राजगीर का नेचर सफारी राजगीर की किस्मत बदल रहा है लेकिन मिथिला के बेगूसराय कांवर लेक, कुशेश्वरस्थान पक्षी उद्यान, अररिया स्मृति वन, कटिहार गोगाबिल लेक, सहरसा मत्स्यगंधा लेक आदि की तरफ कोई देखने वाला भी नहीं।
पटना में करोड़ों खर्च कर सभ्यता द्वार बनता है, वहीं दरभंगा के ऐतिहासिक राज किला द्वार को कोई पूछने वाला तक नहीं।
मगध का हरेक ऐतिहासिक, धार्मिक जगह चकचका रहा है लेकिन मिथिला में स्वयं सीता प्रागट्य स्थली तक उपेक्षित है।
मिथिला राज्य ही एकमात्र रास्ता है।
"मिथिला राज्य बन जाएगा तो पहाड़ तोड़ दीजिएगा ?"
नहीं भाई, पहाड़ नहीं तोड़ देंगे। लेकिन कुछ चीजें है जो मिथिला राज्य के बनते ही स्वतः होगी
मिथिला क्षेत्र के विभिन्न शहरों में केंद्र द्वारा प्रदत्त संस्थान जैसे IIT, NIT, IIIT, IIM, NIFT, सेंट्रल यूनिवर्सिटी आदि खुलेगा। मिथिला राज्य के हिस्से का दूसरा एम्स भी संभवतः जरूर मिलेगा। सब मिलाकर करीब 10000 करोड़ का संस्थानिक निवेश मिथिला क्षेत्र के विभिन्न जिलों में केंद्र द्वारा जरूर होगा। इसके अलावा राज्य सरकार द्वारा सीतामढ़ी में जानकी कन्या विश्वविद्यालय, बेगूसराय में दिनकर विश्विद्यालय, सहरसा में मंडन भारती विश्वविद्यालय का स्थापना किया जाएगा।
नया राज्य बनेगा तो राजधानी जहां कहीं भी बसे लेकिन नई राजधानी के आसपास इन्फ्रास्ट्रक्चर, एयरपोर्ट, रेलवे, NH, हाउसिंग, इंस्टीट्यूशंस, बिजनेस आदि का बड़ा इन्वेस्टमेंट होगा। नए राज्य के बनने के साथ ही जिलों, प्रखंडों, पुलिस थानों का भी रिस्ट्रक्चरिंग होगा, नए प्रशासनिक यूनिट भी बनाए जाएंगे। इससे इन नए बनने वाले जिलों, प्रखंडों आदि में भी रेलवे, सड़क, इन्फ्रास्ट्रक्चर, बिजनेस, संस्थानों, मार्केट आदि का विकास होगा। ये सब मिलाकर करीब 30000 करोड़ का आंतरिक निवेश फ्लरिश करेगा।
मिथिला राज्य के बनने से बाढ़ का स्थाई निदान होगा। मिथिला क्षेत्र के नदियों, झीलों, तालाबों में जल प्रबंधन के माध्यम से बाढ़ भी मैनेज किया जाएगा और सूखा भी। हरेक खेत तक जल भी पहुंचेगा और कोई बाढ़ में डूबेगा भी नहीं।
मिथिला राज्य बनेगा तो बंद पड़े मिल चालू होंगे, नए उद्योग लगेंगे।
मिथिला राज्य बनेगा तो रामायण में वर्णित रामसिया के प्रथम भेंट फुलवाड़ी स्थान (फुलहड़, हरलाखी) में दुनिया का सबसे बड़ा फुलवाड़ी बनाएंगे। मिथिला राज्य बना तो वैशाली को डेवलप पर्यटन मैप पर लाया जाएगा ताकि विश्वभर के जैन धर्मावलंबी 24 वें तीर्थंकर महावीर जैन के जन्मस्थल का दर्शन कर सकें। दुनिया के सबसे पुराने लोकतंत्र लिच्छवी के ऐतिहासिक स्थल पर "म्यूजियम ऑफ डेमोक्रेसी" बनाया जाएगा। जैन धर्म की एकमात्र महिला तीर्थंकर मल्लियाथ का जन्म सीतामढ़ी में हुआ था। उनके जन्मस्थल का विकास कर उसे भी तीर्थ पर्यटन स्थल के रूप डेवलप किया जाएगा। जनकनंदिनी सीता के प्रागट्य स्थल पुनौराधाम सीतामढ़ी को अयोध्या के तर्ज पर विकसित किया जाएगा ताकि देशभर से हिंदू धर्मावलंबी तीर्थ करने आ सकें। पूर्णिया में नरसिंह अवतार स्थान पर विशाल मंदिर बनाकर उसे पर्यटन स्थल बनाया जाएगा। सिमरिया धाम में जानकी पौढ़ी का निर्माण कर सिमरिया को भव्य तीर्थ स्थल के रूप में डेवलप किया जाएगा।
ऐसे दर्जनों फायदा है जिनको किसी पोस्ट में एकसाथ बताना मुश्किल है। "मिथिला राज्य बनने का लाभ" नाम से बुकलेट बनाया जा रहा है। जल्द लाखों की संख्या में छपवाकर बांटा जाएगा।
जय मिथिला