dahej mukt mithila

(एकमात्र संकल्‍प ध्‍यान मे-मिथिला राज्‍य हो संविधान मे) अप्पन गाम घरक ढंग ,अप्पन रहन - सहन के संग,अप्पन गाम-अप्पन बात में अपनेक सब के स्वागत अछि!अपन गाम -अपन घरअप्पन ज्ञान आ अप्पन संस्कारक सँग किछु कहबाक एकटा छोटछिन प्रयास अछि! हरेक मिथिला वाशी ईहा कहैत अछि... छी मैथिल मिथिला करे शंतान, जत्य रही ओ छी मिथिले धाम, याद रखु बस अप्पन गाम - अप्पन बात ,अप्पन मान " जय मैथिल जय मिथिला धाम" "स्वर्ग सं सुन्दर अपन गाम" E-mail: apangaamghar@gmail.com,madankumarthakur@gmail.com mo-9312460150

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सोमवार, 24 दिसंबर 2018



देव पीबै छथि अमृत तइयो 
भय सँ छथि मुर्झायल यौ
माहुर खा कS देखू शिवजी
मंद मंद मुस्कायल यौ...
देवलोक देखू परम आनंदक
भोग विलास मे बाझल यौ
महाकाल शिव औढ़र दानी
मरघट धूनी रमाओल यौ...
देव श्रृंगार अनूप अलौकिक
रची-रची रूप बनाओल यौ
भष्म रमाओल भोलादानी
बाघ छाल्ह बस ओढ़न यौ....
रंग बिरंगक मुकुट सुशोभित
देवक रूप सोहाओन यौ
शीश जटा शशी चमकि रहल छन्हि
शिव भोला भंडारी यौ....
देव शरण मे जाइथ शिवालय
गर कतौऊ सँ हारल यौ
भोला छथि बमभोला दानी
स्नेह सुमन बड़साबैथ यौ...
लेखक -   पंकज झा 
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