|| सरस्वती वन्दना ||
वीणा वादिन , हंस वाहिन
कमल आसन भारती ।
अंग शोभित श्वेत अम्बुज
वस्त्र श्वेत सुभारती ।। वीणा...
छारि दुरमति,दे माँ सदमति
अधम गति सं तारि दे ।
काज कयलहुँ कत कुपंथे
दोष चित बिसारि दे ।। वीणा...
सुमति दायनि,कुमति हारिन
वेद विद्या पुँज हे ।
सर्वत्र रमणी , जगत जननी
शब्द सरसिज कुँज हे ।। वीणा...
अधम मुक्ति , आदि शक्ति
कमल आसन छोरि दे ।
"रमण" तोहर भक्त्त व्याकुल
ध्यान माँ एहिओर दे ।। वीणा....
गीतकार
रेवती रमण झा "रमण"
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