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सोमवार, 21 जनवरी 2019

मोन परैया गाम ।। गीतकार - रेवती रमण झा "रमण"

                       || मोन परैया गाम ||
                                      



 यौ  मितवा , मोन  परैया  गाम 
बितभरि पेटक घेरि दुरमतिया
        जिवने परल कुठाम ।।  यौ मितवा..

छूटल लंगौटिया  संगी तुरिया
बिन साजन के सूतल बहुरिया

तुच्छ टाका केर खातिर काका
         हम तs भेलौ गुलाम ।।  यौ मितवा..

सर  कुटुम्ब  जे  सबटा  छुटल
अपनापन   लs    मोने   टूटल

मोनक बात कहब केकरा हम
          ढूंढि एलौ सब ठाम ।।   यौ मितवा...

     माय कोना कs केने अइ जितिया
  बहिनक  मोन  परय  भरदुतिया

 माय  आ  बाबू   स्वर्गक  सीढ़ी
           छूटल पावन धाम ।।     यौ मितवा....

  देव  पितर  सब  सं  चलि  गेलौ
"रमण" स्वर्ग तजि नरक में एलौ

छैठक घाट के कोना बिसारबै
            टपकैत डम्हरस आम ।।   यौ मितवा...

गीतकार
रेवती रमण झा "रमण"

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