निर्गुण - पराती
अब का सोच करत वा रे प्राणी
जब जीवन तन नहीं - नहीं ।।
अब का..........
अब का..........
इत्र फुलेल तेल तन पाया
ओ तन तेरा नहीं - नहीं ।।
अब का..........
अब का ढूँढहुँ घर की नारी
तन की नारी नहीं - नहीं ।।
अब का..........
पाप सिन्धु मझधार में नैया
कोई खेबैया नहीं - नहीं ।।
अब का........
धरम पाप की साथ गेठरिया
हीरा मोती नहीं - नहीं ।।
अब का.......
"रमण" सुमन शिव एक सहारा
और सहारा नहीं - नहीं ।।
अब का.......
रचयिता
रेवती रमण झा " रमण "
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