|| विनती सुनू हे काली ||
काली गीत
विनती सुनु हे काली
ई छी हमर कहानी ।
पूजाक फूल अच्छत
लयलौ ने हे भवानी ।। विनती--------
मायो हमर अही छी
हम पुत्र छी आहाँ के
दुःख दर्द की कहु हम
अतबे कहब आहाँ के
एक पल सम्हलि ने पेलौ
धीरज कतेको आनी ।। विनती------
हम छी कुपुत्र जौ त
पुत्रो त छी अहीं के
होयत हँसी जौ हमर
हँसियो त छी अहीं के
ई जानि लाज अपन
गहू पुत्र के माँ पाणी ।। विनती------
कर खडग शूल खप्पर
सबटा के आब छोरु
टूगर आहाँ बिना छी
एम्हरो त ध्यान मोरु
ताकू "रमण" के जीवन
तनिको त पुत्र जानी ।। विनती------
गीतकार
रेवती रमण झा " रमण "
काली गीत
विनती सुनु हे काली
ई छी हमर कहानी ।
पूजाक फूल अच्छत
लयलौ ने हे भवानी ।। विनती--------
मायो हमर अही छी
हम पुत्र छी आहाँ के
दुःख दर्द की कहु हम
अतबे कहब आहाँ के
एक पल सम्हलि ने पेलौ
धीरज कतेको आनी ।। विनती------
हम छी कुपुत्र जौ त
पुत्रो त छी अहीं के
होयत हँसी जौ हमर
हँसियो त छी अहीं के
ई जानि लाज अपन
गहू पुत्र के माँ पाणी ।। विनती------
कर खडग शूल खप्पर
सबटा के आब छोरु
टूगर आहाँ बिना छी
एम्हरो त ध्यान मोरु
ताकू "रमण" के जीवन
तनिको त पुत्र जानी ।। विनती------
गीतकार
रेवती रमण झा " रमण "
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