|| नचारी ||
व्याहन एला त्रिपुरारी , हे साजि
वर गौरी बेचारी के ।
देखि मयना ठोकलनि केवारी
हे साजिवर गौरी बेचारी के ।।
मंगल कलश लय परिछन अयली
देखि परयली चितकारी , हे साजि
वर गौरी बेचारी के ।।
व्याहन....
चारु चिकुर वर तापर सुरसरि
भाल चन्द्र नव धारी , हे साजि
वर गौरी बेचारी के ।।
व्याहन....
कर त्रिशूल विराजित डमरू
लागै व्याधा मदारी , हे साजि
वर गौरी बेचारी के ।।
व्याहन....
"रमण" सुमन लय शंभु चरण धरि
गहल जगत दुःख हारी , हे साजि
वर गौरी बेचारी के ।।
व्याहन....
गीतकार
रेवती रमण झा "रमण"
व्याहन एला त्रिपुरारी , हे साजि
वर गौरी बेचारी के ।
देखि मयना ठोकलनि केवारी
हे साजिवर गौरी बेचारी के ।।
मंगल कलश लय परिछन अयली
देखि परयली चितकारी , हे साजि
वर गौरी बेचारी के ।।
व्याहन....
चारु चिकुर वर तापर सुरसरि
भाल चन्द्र नव धारी , हे साजि
वर गौरी बेचारी के ।।
व्याहन....
कर त्रिशूल विराजित डमरू
लागै व्याधा मदारी , हे साजि
वर गौरी बेचारी के ।।
व्याहन....
"रमण" सुमन लय शंभु चरण धरि
गहल जगत दुःख हारी , हे साजि
वर गौरी बेचारी के ।।
व्याहन....
गीतकार
रेवती रमण झा "रमण"
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