|| नचारी ||
सबहक वेर अढरन ढरलियइ
हमरा कीय बिसरलिअइ यौ ।
कतेक दिनन सं चरण के सेबल
कनियो नै सुधि लेलियौ यौ ।।
आक धथुर बेलपत्र चढौलौ
गंगा जल भरि झारी यौ ।
भांगक थार आइ हम लयलौ
जेमि लीय त्रिपुरारी यौ ।।
सबहक.......
धैरज धयलौ अति जीवन में
सब सुख हृदय बिसारी यौ ।
एक अही अबलम्ब,विलम्बहुँ
अतेक कीयक भंडारी यौ ।।
कंठ गरल कामारि शिवा पति
सकल विघ्न दुख हारी यौ ।
दर्शन"रमण"देब कहिया शिव
सब दिन सगुन उचारी यौ ।।
सबहक......
गीतकार
रेवती रमण झा "रमण"
सबहक वेर अढरन ढरलियइ
हमरा कीय बिसरलिअइ यौ ।
कतेक दिनन सं चरण के सेबल
कनियो नै सुधि लेलियौ यौ ।।
आक धथुर बेलपत्र चढौलौ
गंगा जल भरि झारी यौ ।
भांगक थार आइ हम लयलौ
जेमि लीय त्रिपुरारी यौ ।।
सबहक.......
धैरज धयलौ अति जीवन में
सब सुख हृदय बिसारी यौ ।
एक अही अबलम्ब,विलम्बहुँ
अतेक कीयक भंडारी यौ ।।
कंठ गरल कामारि शिवा पति
सकल विघ्न दुख हारी यौ ।
दर्शन"रमण"देब कहिया शिव
सब दिन सगुन उचारी यौ ।।
सबहक......
गीतकार
रेवती रमण झा "रमण"
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