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(एकमात्र संकल्प ध्यान मे-मिथिला राज्य हो संविधान मे) अप्पन गाम घरक ढंग ,अप्पन रहन - सहन के संग,अप्पन गाम-अप्पन बात में अपनेक सब के स्वागत अछि!अपन गाम -अपन घरअप्पन ज्ञान आ अप्पन संस्कारक सँग किछु कहबाक एकटा छोटछिन प्रयास अछि! हरेक मिथिला वाशी ईहा कहैत अछि... छी मैथिल मिथिला करे शंतान, जत्य रही ओ छी मिथिले धाम, याद रखु बस अप्पन गाम - अप्पन बात ,अप्पन मान " जय मैथिल जय मिथिला धाम" "स्वर्ग सं सुन्दर अपन गाम" E-mail: apangaamghar@gmail.com,madankumarthakur@gmail.com mo-9312460150
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मंगलवार, 16 जुलाई 2019
भावनाक पाँति
भावनाक पाँती जे गढ़ल
मिथिलेश जी अपनेक कविता पढ़ल ।
भावनाक पाँती जे
गढ़ल ।।
घन घटाक छटा आबि उमड़ि गेल ।
कल कंठ में कृष्ण भोगक स्वादभरि गेल ।।
रचनाकार
रेवती रमण झा "रमण"
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