|| चैतावर ||
मोरा रे आँगनमा अमुआ के गछिया
ताहि चढ़ि कुहुकै कोयलिया हो रामा
पिया निरमोहिया ।।
कबहूँ त बोलै कोइली दिन दुपहरिया
कबहूँ बोलै आधि रतिया हो रामा
पिया निरमोहिया ।।
मजरल अमुँआ , फुलाया गेल नेमुँआ
भमरा के जागल परनमा हो रामा
पिया निरमोहिया ।।
कथी बिनु सुन लागै अमुँआ के गछिया
कथी बिनु सुन भवनमाँ हो रामा
पिया निरमोहिया ।।
कोइली बिनु सुन लागै अमुँआ के गछिया
पिया बिनु सुन भवनमा , हो रामा
पिया निरमोहिया ।।
"रमण" न भावै चित अन धन सोनमा
बालक बिनु सुन अंगनमा हो रामा
पिया निरमोहिया ।।
गीतकार
रेवती रमण झा "रमण"
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