|| एक अनुपम कड़ी जुरि गेल ||
विधाताक अचल विधानक बंधन में
उदगारक एक अनुपम कड़ी जुरि गेल ।
अरमानक अट्टालिकाक सुगम तल में
ईश्वर अनुकम्पाक फुलझरी झरी गेल ।।
"सतीश अर्पित" जीक ई सहज समर्पित
सुललित - सितारे मोन झंकृत भ गेल ।
जेना की लागल आबि एक चितचोर
"रमण" चित के चुरा कS चट द लय गेल ।।
रचनाकार
रेवती रमण झा "रमण"
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