dahej mukt mithila

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रविवार, 5 अगस्त 2018

शिव नचारी ।। गीतकार - रेवती रमण झा "रमण"

                                                                  || नचारी ||
                                        
कि आहो रामा,भंगिया गइल बौराई
खोजब   कहाँ    जाइ   ए   रामा ।।

कार्तिक   गणपति   केलनि   लड़ाई
भांग    के    छोरि    छोरौलहुँ   जाई

        कि आहो रामा,एतबहि में गेला रिसीआई
खोजब कहाँ.............................

              कुण्डी   फेकि   लेलनि   मृग   छाल         
        बसहा    चढ़ि  भोला   भय  मतवाला

    कि आहो रामा,नाग  लेलनि लपटाई
खोजब कहाँ............................

 "रमण"  एहन   छथि  मोर  दिगम्बर
 वेद  पुराण  सुयश   अछि  जिनकर

     कि आहो रामा,हिनका के कहत बुझाई
   खोजब    कहाँ    जाई    ए    रामा ।।

गीतकार
रेवती रमण झा "रमण"
mob- 9997313751





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