|| राखी धागा के त्यौहार ||
भाई बहिनक सावन में अछि
उमरल पावन प्यार ।
राखी धागा के त्यौहार ।।
नव श्रृंगार प्रेम चित जागल
भाई के देखि बहिन अछि पागल
रक्षा बन्धन बान्धि कय भैया
युग - युग जिबू हजार ।
राखी धागा के त्यौहार ।।
घोर घटा उमरल चहुँ बादल
नव उमंग अछि जन-जन जागल
रिमझिम झहरि रहल वर बून्दहि
शीतल मन्द वयार ।
राखी धागा के त्यौहार ।।
मुख मेवा मिष्टान जेमाबथि
"रमण" चारु मंगल हर्षावथि
मधुर मिलन वर भाई बहिनक
आबथु बारमवार ।
राखी धागा के त्यौहार ।।
रचनाकार
रेवती रमण झा "रमण"
भाई बहिनक सावन में अछि
उमरल पावन प्यार ।
राखी धागा के त्यौहार ।।
नव श्रृंगार प्रेम चित जागल
भाई के देखि बहिन अछि पागल
रक्षा बन्धन बान्धि कय भैया
युग - युग जिबू हजार ।
राखी धागा के त्यौहार ।।
घोर घटा उमरल चहुँ बादल
नव उमंग अछि जन-जन जागल
रिमझिम झहरि रहल वर बून्दहि
शीतल मन्द वयार ।
राखी धागा के त्यौहार ।।
मुख मेवा मिष्टान जेमाबथि
"रमण" चारु मंगल हर्षावथि
मधुर मिलन वर भाई बहिनक
आबथु बारमवार ।
राखी धागा के त्यौहार ।।
रचनाकार
रेवती रमण झा "रमण"
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