dahej mukt mithila

(एकमात्र संकल्‍प ध्‍यान मे-मिथिला राज्‍य हो संविधान मे) अप्पन गाम घरक ढंग ,अप्पन रहन - सहन के संग,अप्पन गाम-अप्पन बात में अपनेक सब के स्वागत अछि!अपन गाम -अपन घरअप्पन ज्ञान आ अप्पन संस्कारक सँग किछु कहबाक एकटा छोटछिन प्रयास अछि! हरेक मिथिला वाशी ईहा कहैत अछि... छी मैथिल मिथिला करे शंतान, जत्य रही ओ छी मिथिले धाम, याद रखु बस अप्पन गाम - अप्पन बात ,अप्पन मान " जय मैथिल जय मिथिला धाम" "स्वर्ग सं सुन्दर अपन गाम" E-mail: apangaamghar@gmail.com,madankumarthakur@gmail.com mo-9312460150

apani bhasha me dekhe / Translate

बुधवार, 15 अगस्त 2018

कि आहो रामा झूलत राधा मुरारी ।। रचनाकार - रेवती रमण झा "रमण"

            || कि आहो रामा झूलत राधा मुरारी ||
                                     
की आहो रामा झूला रचल वनवारी
कुञ्जन    में    भारी    ए   रामा ।।

गोपी    सकल     साजितहँ   आयो
कनक    हिरोला    कदम्ब   लगायो

कि आहो  रामा  झूलत  राधा मुरारी
कुञ्जन    में    भारी    ए   रामा ।।

करत     विनोद     परस्पर    आली
युगल   ज्योति   श्याम  अरु  लाली

कि आहो रामा सकल अर्ध नर नारी
कुञ्जन    में    भारी    ए   रामा ।।

दूई   नयन   छवि    आजु   अनन्ता
सोई अवलो कहुँ  केहि विधि सन्ता

    कि आहो रामा "रमण" रहल तँह हारी
     कुञ्जन    में    भारी    ए   रामा ।।.....

रचनाकार
रेवती रमण झा "रमण"
mob-9997313751

कोई टिप्पणी नहीं: