dahej mukt mithila

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बुधवार, 25 जुलाई 2018

बरसाती गीत- रचनाकार - रेवती रमण झा " रमण "

                         || बरसाती गीत ||
                                      

बरसत  बूँद  सघन -  घन - माला
विरहिन   विरह   जगाबय   ना ।।

लखि-घन श्याम उदित हिय होइछ
जीय भरमावय ना सखी हे जीय..
                                            बरसत......
छिटकत चारु  चपल चहुँ दामिनि
असह डेराबय ना सखीहे असह..
                                            बरसत......
यौवन  ज्योति नगर - जन ब्यापित
 नयन जेमावय ना , सखीहे नयन...
                                            बरसत......
"रमण"  कओन   अपराधे  माधव
मोहि सताबय ना , सखी हे मोहि
                                            बरसत......

रचयिता
रेवती रमण झा "रमण"
mob - 9997313751

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