|| मोरा प्रियतम भइल कठोर ||
अँखिया वरसत रे वनि सावन
मोरा प्रियतम भइल कठोर ।।
यौवन रूप निरखि नयनन निज
रहत थिर नहि नोर , नयनन रहत....
अंखिया.....
बादल गरजत , मनमा डरपत
बुन्दिया झहरत जोर , रिमझिम.....
अंखिया.....
रिमझिम झहरत , मेहा वरसत
डरपत रे मनमोर , रहि-रहि डरपत....
अंखिया.....
"रमण" प्रिया प्रियतम बिनु जागल
निन्द नयन भेल थोर, सखी री निन्द....
अंखिया.....
गीतकार
रेवती रमण झा " रमण "
mob - 9997313751
अँखिया वरसत रे वनि सावन
मोरा प्रियतम भइल कठोर ।।
यौवन रूप निरखि नयनन निज
रहत थिर नहि नोर , नयनन रहत....
अंखिया.....
बादल गरजत , मनमा डरपत
बुन्दिया झहरत जोर , रिमझिम.....
अंखिया.....
रिमझिम झहरत , मेहा वरसत
डरपत रे मनमोर , रहि-रहि डरपत....
अंखिया.....
"रमण" प्रिया प्रियतम बिनु जागल
निन्द नयन भेल थोर, सखी री निन्द....
अंखिया.....
गीतकार
रेवती रमण झा " रमण "
mob - 9997313751
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