dahej mukt mithila

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रविवार, 12 जुलाई 2015

कास हम आहांक दिवाना रैहतौं

मोन परैया आहांक नसीली अखि ,
                आहांक रसीली होंट,
                 आहांक ई मुस्कान ,
 कास हम आहांक दिवाना रैहतौं  !

याद आबैया आहांक कोयल सन आवाज,
                   आहांक हिरनी सन चाईल ,
                   आहांक पतली कमर ,
 कास हम आहांक दिवाना रैहतौं  !

नजर आबैया आहांक नाकक नथुनियां ,
                    आहांक पैरक पैजुनियां ,
                    आहांक हाथक चुरी ,
कास हम आहांक दिवाना रैहतौं

राइत राइत भइर आबैं छी अहीं सपना मे ,
नींद नहिं होइया आब हमरा अंगना में ,
आहॉ ई किया नहि बुझलियै जे
कास हम आहांक दिवाना रैहतौं

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