मोन करैया गामे रैहतौं
पिपरक छांव आ आमक गाछी।
मोन परैया मिथिला क माटी।।
बैठल बांधि मचान रहितौं,
मोन करैया गांम रहितौं।
गांमक खेत पोखैर खऽता।
मोन परैया बच्चा बच्चा।।
बच्चा बनि ने सयान रहितौं,
मोन करैया गांम रहितौं।
शहरक शोर आ शहरक राती।
मोन परैया सांझक बाती।।
देखैत रातिक चांन रहितौं,
मोन करैया गांम रहितौं।
आपन दुःख कहु की यौ भैया।
भोंकल जेना हिया मे कोनो सुईया।।
हमहु अपन ने आन रहितौं,
मोन करैया गांम रहितौं।
पिपरक छांव आ आमक गाछी।
मोन परैया मिथिला क माटी।।
बैठल बांधि मचान रहितौं,
मोन करैया गांम रहितौं।
गांमक खेत पोखैर खऽता।
मोन परैया बच्चा बच्चा।।
बच्चा बनि ने सयान रहितौं,
मोन करैया गांम रहितौं।
शहरक शोर आ शहरक राती।
मोन परैया सांझक बाती।।
देखैत रातिक चांन रहितौं,
मोन करैया गांम रहितौं।
आपन दुःख कहु की यौ भैया।
भोंकल जेना हिया मे कोनो सुईया।।
हमहु अपन ने आन रहितौं,
मोन करैया गांम रहितौं।
कोई टिप्पणी नहीं:
एक टिप्पणी भेजें