कुम्भ स वापस एलाक बाद हुनक सेहत पहिनाहू स बदतर भ गेल , कनिया काकी केर दम्मा केर बीमारी सेहो छलैन मुदा बीडी पीने ओ कहियो बंद नहीं कैलैन .
कहियो काल केर हम कनिया काकी स पूछी दियैक ?
जखन डॉक्टर मन करैत अछि तखन किअक पिबैत छि , मरबाक डर नहीं होइत अछि ?
ओ हमरा कहैत " रौ बोतला केर सार , आब हम जिब केर की करब . बुढ़ारी मे कोनो गंजन करेबाक अछि .
कनिया काकी केर दूत संतान छल एक टा कैलाश आ दोसर नवल .
कैलाश गाम मे रही छोट छीन धंदा करैत छलाह आ नवल देलहि मे कोनो कंपनी मे कार्यत अछि .
कनिया काकी केर किछु दीन पूरब अपन छोटकी पुतहु स अनबन भ गेल छलैन .
कनिया काकी सोछैत छलीह जे की पुतःह अहि बेर देलहि स अओती त ओकरा समझा बुझा का माफ़ी मांगी लेब आ कहबैक एहन रुसल जुनी करू .
मुदा कनिया काकी केर छोटकी पुतहु गाम त एलेन मुदा ससुर नहीं बल्कि अपन नहिरा . ओही थाम भातिज केर उपनयन छल .
कनिया काकी केर पूर्ण विश्वाश छल जे की किछु होई घुरैत काल ओ कनिया गाम अवस्य अओती . कनिया काकी एक टा मोटरी तैयार केने छलीह जे की छोट की पुतहु केर जैत कला देबैन .
मुदा है रे आजुक मैथिलानी . है रे हुनक स्वाभिमान घूरती टिकेट बनौलें आ बिनु कनिया काकी केर भेट केने बीड़ा भ गेलीह .
कनिया काकी केर जखन इ ज्ञात भेल त ओ किनको स किछु नहीं कहलक आ चुप-चाप बिनु रातुका भोजन केने अपन कोथिली मे सूती रहली .
कनिया काकी एहेन सुत्लिः जे की पुनः कहियो नहीं उथली .
मरलाक उपरान्त ओ कनिया जखन घुरी अपन ससुर आय्लिः त एक टा बूढी कहल कैन जे किछु होई मुदा छोटकी कनिया आहा गंगा जली केर मरी देलियैक .
श्राद्ध केर उपरान्त जखन ओही मोटरी केर खोलल गेल जे की कनिया काकी अप्पन पुतहु लेल राख्ने छलीह त ओही म स २ त डोरा-डोरी , बधी आ आमक अछर छल ,
1 टिप्पणी:
बहुत बहुत बधाई ।
मंगल कामनाएं ।
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