संबाद@:-प्रभात राय भट्ट
संबाद !!
काका:- सुन रे बौआ देशक हाल बड बेहाल छैजनता के लुईट लुईट चोर नेता सभ नेहाल छै
भतीजा:- सुन हो काका गामक छौरा सभ भSगेलैय चोर डाका
लुईट लुईट आनक धन ताडिखाना में उड़बैय छै टाका
काका:- कह रे बौआ पैढ़लिख तोहूँ आब करबे की ?
भेटतहूँ नहि कतहु नोकरी चाकरी कह तोहूँ आब करबे की ?
भतीजा:- पैढ़लिख हम नेता बनब काका करब देशक सेवा
भूख गरीबी दूर भगा करब हम जनसेवा
काका:- देश डुबल छै कर्जा में बौआ नेता सभक खर्चा में
भ्रष्टाचारी नेता सभक नाम छपल छै अख़बार पर्चा में
भतीजा:- भ्रष्टाचारी नेता सभ कें मुह कारिख पोती गदहा चढ़ाऊ
राजनीती में कुशल सक्षम युवा सभ के आगू बढ़ाऊ
काका:- जे जोगी एलई काने छेदेने नै छै ककरो ईमान रौ
कायर गद्दार नेता सभ बेच देलकैय स्वाभिमान रौ
भतीजा:- क्रांतिकारी युगांतकारी युवा नेता में दियौ मतदान यौ
सुख समृद्धवान देश बनत ,बनत सभ कें अपन पहिचान यौ
रचनाकार:-प्रभात राय भट्ट
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