विदेह मैथिली नाटय उत्सव 2012- तिथि २८ आ २९ जनवरी २०१२ समय......दुनू दिन ११ बजे पूर्वाह्णसँ ५ बजे अपराह्ण धरि............स्थान जे.एम.एस. कोचिंग सेन्टर, चनौरागंज, झंझारपुर.......
......नाटक, एकांकीक भरत नाट्यशास्त्रक मंच परिकल्पनाक आधारपर मंचन..........
............काव्यगोष्ठी आ नाटक, रंगमंच आ फिल्मपर परिचर्चा......
........नाटक, गीत, संगीत, नृत्य, मूर्तिकला, शिल्प आ चित्रकला क्षेत्रमे विदेह सम्मान २०१२ सेहो प्रदान कएल जाएत।
अभिनय- मुख्य अभिनय ,
सुश्री शिल्पी कुमारी, उम्र- 17 पिता श्री लक्ष्मण झा
श्री शोभा कान्त महतो, उम्र- 15 पिता- श्री रामअवतार महतो,
हास्य-अभिनय
सुश्री प्रियंका कुमारी, उम्र- 16, पिता- श्री वैद्यनाथ साह
श्री दुर्गानंद ठाकुर, उम्र- 23, पिता- स्व. भरत ठाकुर
नृत्य
सुश्री सुलेखा कुमारी, उम्र- 16, पिता- श्री हरेराम यादव
श्री अमीत रंजन, उम्र- 18, पिता- नागेश्वर कामत
चित्रकला
श्री पनकलाल मण्डल, उमेर- ३५, पिता- स्व. सुन्दर मण्डल, गाम छजना
श्री रमेश कुमार भारती, उम्र- 23, पिता- श्री मोती मण्डल
संगीत (हारमोनियम)
श्री परमानन्द ठाकुर, उम्र- 30, पिता- श्री नथुनी ठाकुर
संगीत (ढोलक)
श्री बुलन राउत, उम्र- 45, पिता- स्व. चिल्टू राउत
संगीत (रसनचौकी)
श्री बहादुर राम, उम्र- 55, पिता- स्व. सरजुग राम
शिल्पी-वस्तुकला
श्री जगदीश मल्लिक,५० गाम- चनौरागंज
मूर्ति-मृत्तिका कला
श्री यदुनंदन पंडित, उम्र- 45, पिता- अशर्फी पंडित
काष्ठ-कला
श्री झमेली मुखिया,पिता स्व. मूंगालाल मुखिया, ५५, गाम- छजना
किसानी-आत्मनिर्भर संस्कृति
श्री लछमी दास, उमेर- ५०, पिता स्व. श्री फणी दास, गाम वेरमा
-"उल्कामुख" विदेह नाट्य उत्सवमे मंचित हएत।
-"उल्कामुख"क नाटककार छथि गजेन्द्र ठाकुर।
-निर्देशक रहताह बेचन ठाकुर।
-जादू वास्तवितावादी ऐ नाटकमे इतिहासक एकटा षडयंत्रकेँ उघारल गेल अछि , मंच परिकल्पना अछि भरतक नाट्यशास्त्रक अनुसार।
-आचार्य व्याघ्र, आचार्य सिंह, आचार्य सरभ, शिष्य साही, शिष्य खिखिर, शिष्य नढ़िया, शिष्य बिज्जी ऐ मे पात्र छथि।
[ पहिलसँ चारिम कल्लोल धरिक पात्र बदलि जाइ छथि, दोसर रूपमे पाँचम कल्लोलसँ ४ टा स्त्री पात्र ऐ अन्तिम दुनू अंकमे बढ़ि जाइ छथि: रुद्रमति (माधवक माए) सोहागो (गंगाधरक माता), आनन्दा (गंगाधरक बहिन), मेधा (हरिकर- सेनापतिक बेटी)]
-गंगेश आ वल्लभाक प्रेम ऐ नाटकक विषय अछि। मुदा पहिल दू अंकक बाद तेसर आ चारिम अंक जादू वास्तविकतावादक उदाहरण बनि जाइए। आ आबि जाइ छथि सोझाँ उदयन, दीना, भदरी, आचार्य व्याघ्र, आचार्य सिंह, आचार्य सरभ, शिष्य साही, शिष्य खिखिर, शिष्य नढ़िया, शिष्य बिज्जी। आ शुरू भऽ जाइए इतिहासक एकटा षडयंत्रक अनुपालन। मुदा चारिम कल्लोलक अन्तमे भगता कहि दै छथि अपन शिष्यकेँ एकटा रहस्य.......जे विस्मरणक बादो आबि जाएत स्मरणमे।...बनि उल्कामुख...
- पाँचम कल्लोलसँ संकेतक बदला वास्तविकता, कल्पनाक बदला सत्य...
-पहिलसँ चारिम कल्लोल धरि मंचपर शतरंजक डिजाइन बनाएल घन राखल रहत, पाँचम कल्लोलसँ भूत आ कल्पनाक प्रतीक ओइ संकेतक बदला वास्तविकताक प्रतीक गोला राखल रहत।
- गंगेशक तत्त्वचिन्तामणिपर ढेर रास टीका उपलब्ध अछि, गंगेशकेँ कहल जाइ छन्हि तत्वचितामणिकारक गंगेश; मुदा हुनकर कविता भऽ गेल छन्हि "उल्कामुख"!!!
मैथिली नाटककेँ.....................
नव आयाम दैत ............................
नाटकक नव युगमे प्रवेश प्रवेश करबैत अछि.......
उल्कामुख.........................................................
विदेह नाट्य उत्सव २०१२ मे मंचित हएत............................
निर्देशक बेचन ठाकुर..................................................................
मंच भरत नाट्यशास्त्रक अनुरूप.......................................................................
[संयोजक: विदेह- http://www.videha.co.in/ प्रथम मैथिली पाक्षिक ई-पत्रिका ISSN 2229-547X सम्पादक- नाटक-रंगमंच-चलचित्र- बेचन ठाकुर।]
......नाटक, एकांकीक भरत नाट्यशास्त्रक मंच परिकल्पनाक आधारपर मंचन..........
............काव्यगोष्ठी आ नाटक, रंगमंच आ फिल्मपर परिचर्चा......
........नाटक, गीत, संगीत, नृत्य, मूर्तिकला, शिल्प आ चित्रकला क्षेत्रमे विदेह सम्मान २०१२ सेहो प्रदान कएल जाएत।
अभिनय- मुख्य अभिनय ,
सुश्री शिल्पी कुमारी, उम्र- 17 पिता श्री लक्ष्मण झा
श्री शोभा कान्त महतो, उम्र- 15 पिता- श्री रामअवतार महतो,
हास्य-अभिनय
सुश्री प्रियंका कुमारी, उम्र- 16, पिता- श्री वैद्यनाथ साह
श्री दुर्गानंद ठाकुर, उम्र- 23, पिता- स्व. भरत ठाकुर
नृत्य
सुश्री सुलेखा कुमारी, उम्र- 16, पिता- श्री हरेराम यादव
श्री अमीत रंजन, उम्र- 18, पिता- नागेश्वर कामत
चित्रकला
श्री पनकलाल मण्डल, उमेर- ३५, पिता- स्व. सुन्दर मण्डल, गाम छजना
श्री रमेश कुमार भारती, उम्र- 23, पिता- श्री मोती मण्डल
संगीत (हारमोनियम)
श्री परमानन्द ठाकुर, उम्र- 30, पिता- श्री नथुनी ठाकुर
संगीत (ढोलक)
श्री बुलन राउत, उम्र- 45, पिता- स्व. चिल्टू राउत
संगीत (रसनचौकी)
श्री बहादुर राम, उम्र- 55, पिता- स्व. सरजुग राम
शिल्पी-वस्तुकला
श्री जगदीश मल्लिक,५० गाम- चनौरागंज
मूर्ति-मृत्तिका कला
श्री यदुनंदन पंडित, उम्र- 45, पिता- अशर्फी पंडित
काष्ठ-कला
श्री झमेली मुखिया,पिता स्व. मूंगालाल मुखिया, ५५, गाम- छजना
किसानी-आत्मनिर्भर संस्कृति
श्री लछमी दास, उमेर- ५०, पिता स्व. श्री फणी दास, गाम वेरमा
-"उल्कामुख" विदेह नाट्य उत्सवमे मंचित हएत।
-"उल्कामुख"क नाटककार छथि गजेन्द्र ठाकुर।
-निर्देशक रहताह बेचन ठाकुर।
-जादू वास्तवितावादी ऐ नाटकमे इतिहासक एकटा षडयंत्रकेँ उघारल गेल अछि , मंच परिकल्पना अछि भरतक नाट्यशास्त्रक अनुसार।
-आचार्य व्याघ्र, आचार्य सिंह, आचार्य सरभ, शिष्य साही, शिष्य खिखिर, शिष्य नढ़िया, शिष्य बिज्जी ऐ मे पात्र छथि।
[ पहिलसँ चारिम कल्लोल धरिक पात्र बदलि जाइ छथि, दोसर रूपमे पाँचम कल्लोलसँ ४ टा स्त्री पात्र ऐ अन्तिम दुनू अंकमे बढ़ि जाइ छथि: रुद्रमति (माधवक माए) सोहागो (गंगाधरक माता), आनन्दा (गंगाधरक बहिन), मेधा (हरिकर- सेनापतिक बेटी)]
-गंगेश आ वल्लभाक प्रेम ऐ नाटकक विषय अछि। मुदा पहिल दू अंकक बाद तेसर आ चारिम अंक जादू वास्तविकतावादक उदाहरण बनि जाइए। आ आबि जाइ छथि सोझाँ उदयन, दीना, भदरी, आचार्य व्याघ्र, आचार्य सिंह, आचार्य सरभ, शिष्य साही, शिष्य खिखिर, शिष्य नढ़िया, शिष्य बिज्जी। आ शुरू भऽ जाइए इतिहासक एकटा षडयंत्रक अनुपालन। मुदा चारिम कल्लोलक अन्तमे भगता कहि दै छथि अपन शिष्यकेँ एकटा रहस्य.......जे विस्मरणक बादो आबि जाएत स्मरणमे।...बनि उल्कामुख...
- पाँचम कल्लोलसँ संकेतक बदला वास्तविकता, कल्पनाक बदला सत्य...
-पहिलसँ चारिम कल्लोल धरि मंचपर शतरंजक डिजाइन बनाएल घन राखल रहत, पाँचम कल्लोलसँ भूत आ कल्पनाक प्रतीक ओइ संकेतक बदला वास्तविकताक प्रतीक गोला राखल रहत।
- गंगेशक तत्त्वचिन्तामणिपर ढेर रास टीका उपलब्ध अछि, गंगेशकेँ कहल जाइ छन्हि तत्वचितामणिकारक गंगेश; मुदा हुनकर कविता भऽ गेल छन्हि "उल्कामुख"!!!
मैथिली नाटककेँ.....................
नव आयाम दैत ............................
नाटकक नव युगमे प्रवेश प्रवेश करबैत अछि.......
उल्कामुख.........................................................
विदेह नाट्य उत्सव २०१२ मे मंचित हएत............................
निर्देशक बेचन ठाकुर..................................................................
मंच भरत नाट्यशास्त्रक अनुरूप.......................................................................
[संयोजक: विदेह- http://www.videha.co.in/ प्रथम मैथिली पाक्षिक ई-पत्रिका ISSN 2229-547X सम्पादक- नाटक-रंगमंच-चलचित्र- बेचन ठाकुर।]
1 टिप्पणी:
शोध पूर्ण विस्तृत आलेख .आपके दुसरे ब्लॉग पर मैथिलिधाम की महिमा पढ़ी .टिपण्णी खिड़की नहीं खुली
यहाँ तक पहुंचे .आंचलिक साहित्य के संरक्षण पल्लवन के लिए बधाई .
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