dahej mukt mithila

(एकमात्र संकल्‍प ध्‍यान मे-मिथिला राज्‍य हो संविधान मे) अप्पन गाम घरक ढंग ,अप्पन रहन - सहन के संग,अप्पन गाम-अप्पन बात में अपनेक सब के स्वागत अछि!अपन गाम -अपन घरअप्पन ज्ञान आ अप्पन संस्कारक सँग किछु कहबाक एकटा छोटछिन प्रयास अछि! हरेक मिथिला वाशी ईहा कहैत अछि... छी मैथिल मिथिला करे शंतान, जत्य रही ओ छी मिथिले धाम, याद रखु बस अप्पन गाम - अप्पन बात ,अप्पन मान " जय मैथिल जय मिथिला धाम" "स्वर्ग सं सुन्दर अपन गाम" E-mail: apangaamghar@gmail.com,madankumarthakur@gmail.com mo-9312460150

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मंगलवार, 17 जनवरी 2012

की हमहूँ रहबै कुमार ?

यौ पाठक गण की कहू अपन मिथिला राज्य चौपट भ' गेल ( से कोना यौ ) एक त कमला कोशीक दहार आ दोसर दहेज़ प्रथाक व्यवहार ! कमला कोशी लेलक पेटक आहार त दहेज़ प्रथा केलक आर्थिक लाचार ! कन्यादान से कतेक पिता लोकनि सेहो भेला बीमार आ कतेको बर छथि ओही बाधा सँ सेहो कुमार आ बीमार ! ओही सभ बात के लs क' हम नब युबक संघक बाधा कs ल'क' पाठक गणक समक्ष अपन गाम अपन बात  पर हाजिर छी.......

की हमहूँ रहबै कुमार ?

जय गणेश मंगल गणेश, सदिखन रटलो मंत्र उचार !
सभ बाधाक हरय बाला, कतेय  गेलो अहाँ छोड़ि संसार !!
अपना लेल अगल - बगल मे, हमरा लेल किए दूर व्यवहार !
आब कहू यो गणपति महाराज, की हमहूँ रहबै कुमार...? !!

बरख बीत गेल देखते देखते, जन्म कुंडली मे थर्टी ! (३०)
दहेजक आस मे हम नै बैसब, हमरो उम्र भो जेत सिक्सटी !! (६०)
गाम - गाम मे जे के बाजब, बाबू हमर छथि दुराचार !
आब कहू यो बाबू - काका, की हमहूँ रहबै कुमार... ?!!


ब्रह्म बाबा के सभ दिन गछ्लो, लगाबू अहि लगन मे बेरापार !
ओही खुशी मे अहाँ के देब, हम अपन गाय के दूधक धार !!
हे कुसेश्वर हे सिंघेश्वर, अहाँक महिमा अछि अपरम पार !
अहि लगन मे पार लगाबू, हम आनब दूध दही आ केराक भार !!
आब कहू यो भोले दानी, की हमहूँ रहबै कुमार ....?...

सौराठ सभा मे जे के बैसलों, सातों दिन आ सातो राति !
कियो नै पुछलक नाम आ गाम, की भेल अपनेक गोत्र मूल बिधान !!
घर मे आबी के खाट पकरलो, नै भेल आब हमर कुनू जोगार !
आब कहू यो बाबा - नाना, की हमहूँ रहबै कुमार --?!!

दौर - दौर जे पंडित पुर्हित, सभ दिन पूछी राय बिचार !
पंडित जी के मुहँ से फुटलैन ई बकार ..........
जेठ अषाढ़ त बितैते अछि, अघन से परैत अछि अतिचार !!
आब कहू यो पंडित पुर्हित, की हमहूँ रहबै कुमार ....?.

नै पढ़लो हम आइये - बीए, छी हमहूँ यो मिडिल पास !
डॉक्टर भइया - मास्टर भइया, ओहो काटलैथ एक दिन घास !!
ओही खान्दानक छी यो हमहूँ, जून करू आब हमर धिकार !
आब कहू यो बाबू - भैया, की हमहूँ रहबै कुमार ?!!

गोर - कारी सभ के सब दिन रखबै, लुल्ही - लंगरी से घर के सजेबई !
बौकी पगली के दरभंगा में देखेबाई, कन्ही कोतरी से करब जिन्दगी साकार !!
आब कहू यो संगी - साथी, की हमहूँ रहबै कुमार ..?........

अघन के लगन देख हम झूमी उठलो, जेना करैत अछि नाग फुफकार !
लगन बीत गेल माघ फागुन के, गुजैर रहल अछि जेठ अषाढ़ !!
अंतिम लगन ओहिना बितत, नैया डूबत हमरो बिच धार !
आब कहू यो मैथिल आर मिथिलाक पाठक गन,
की हमहू रहबै कुमार --?-!!

नब युवक के बातक रखलो मान, शादी.कॉम में लिखेलो अपन नाम !
नै कुनू भेटल कतो से मेल, लागैत अछि जे ईहो भेल फैल !!
कतेक दिन करब मेलक इंतजार........
आब कहू यो कम्पूटर महाराज, की हमहूँ रहबै कुमार --?!!

भोरे उठी गेलो खेत खलिहान, उम्हरे से केना एलो कमला स्नान
देखलो दुई चैर आदमी के, बात करैत छल कन्यादान !
पीड़ी छुई हम भगवती के, पहुँच गेलो हम अपन दालान !!
हाथ जोरी हम सबके, विनती केलो बारम् बार !
आब कहूँ यो घटक महाराज, की हमहूँ रहबै कुमार --?

मदन कुमार ठाकुर,
पट्टीटोल, कोठिया (भैरव स्थान )
झंझारपुर (मधुबनी)बिहार - ८४७४०४।
मो-९३१२४६०१५०


8 टिप्‍पणियां:

chandr kant jha ने कहा…

bahut sundar ati sundar
dhany thikau madan ji jatek kahu utek kam achhi

ee kavit suni ke akhir ee sab ke ek din hoyt chhai ke hamr viyah kahiya hoyt

takr ahan upyog bataelo pathak gan ke

abnhihek jha ने कहा…

nik prayas.

mukesh ने कहा…

bahut nik lagal padhi aur dekhi ke
dhanywad

ganesh kumar ने कहा…

bahut nik madan ji samay anusare bahut nik rachan achhi

बेनामी ने कहा…

नब युवक के बातक रखलो मान, शादी.कॉम में लिखेलो अपन नाम !
नै कुनू भेटल कतो से मेल, लागैत अछि जे ईहो भेल फैल !!
कतेक दिन करब मेलक इंतजार........
आब कहू यो कम्पूटर महाराज, की हमहूँ रहबै कुमार --?!!

aajuk samay anusare bahut nik

madan ji

ee bat kul milake sab ke lel thik achhi

virendra sharma ने कहा…

आंचलिक साहित्य का श्री वर्धन करती प्रस्तुति .अति सुन्दर मनोहर .

sonu kumar jha ने कहा…

bahut nik uttam

nitin kumar ने कहा…

ati sunadar prstuti