dahej mukt mithila

(एकमात्र संकल्‍प ध्‍यान मे-मिथिला राज्‍य हो संविधान मे) अप्पन गाम घरक ढंग ,अप्पन रहन - सहन के संग,अप्पन गाम-अप्पन बात में अपनेक सब के स्वागत अछि!अपन गाम -अपन घरअप्पन ज्ञान आ अप्पन संस्कारक सँग किछु कहबाक एकटा छोटछिन प्रयास अछि! हरेक मिथिला वाशी ईहा कहैत अछि... छी मैथिल मिथिला करे शंतान, जत्य रही ओ छी मिथिले धाम, याद रखु बस अप्पन गाम - अप्पन बात ,अप्पन मान " जय मैथिल जय मिथिला धाम" "स्वर्ग सं सुन्दर अपन गाम" E-mail: apangaamghar@gmail.com,madankumarthakur@gmail.com mo-9312460150

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शनिवार, 2 फ़रवरी 2013

राज्य निर्माणमे पछुआ गेल : अप्पन मिथिला


Mithila Mahan Slideshow: PRAKASH’s trip to Darbhanga (near Janakpur) was created with TripAdvisor TripWow!



Krishnanand Choudhary _


॥राज्य निर्माणमे पछुआ गेल : अप्पन मिथिला॥

         भारतमे आब राज्य निर्माण दोसर चरणमे प्रवेश कए रहल अछि । पहिल चरणमे भाषा केँ आधार बनाए राज्यक निर्माण कएल गेल , जे पूर्णता केँ प्राप्ति नहि केलक , कारण जे मिथिला सन भाषा ओ संस्कृतिमे समृद्ध नहि बनि सकल अछि । मिथिला राज्य बनैयक सभ कसौटी पर खरा उतरैत अछि ।

तेलंगाना सन राज्य बनला सँ राज्य निर्माणक दोसर चरण कहल जाएत , कियाक तँ तेलंगाना आन्ध्रप्रदेश सँ अलग कए बनाएल जाएत आ दुनू कए भाषा तेलगू छी , अर्थात राज्य निर्माणमे भाषा आधार नहि भए क्षेत्रीय मुद्दा आधार बनि रहल अछि ।

जेना मिथिला विकासमे पिछरि गेल , तहिना राज्य निर्माणमे सेहो पछुआ गेल । पूर्वक लोक सभ एहि दिशामे सद्‌प्रयास केलनि , मुदा कतौ ने कतौ खोट रहल , जाहि कारणेँ भारतक मिथिला सन अतुल्य क्षेत्र केँ अपन पहचान बचेबा खातिर संघर्ष करए पड़ि रहल अछि । मिथिलाक युवा सभ आगू बढि रहल छथि.... युवामे जागृति भए रहल छथि.... अप्पन मिथिला लेल....अप्पन माटि ओ पानि लेल....अप्पन मिथिला राज्य निर्माण लेल ।

मैथिल युवक सभ सँ निवेदन :- जे जतए छी ओतैए अप्पन मिथिला राज्य निर्माण लेल आन्दोलन करैय जाउ ।

वन्दे...मिथिला
जय हिन्द


विषय: कवि एकान्त द्वारा चार-दिवसीय अनशन पर लोकक चुप्पी।

चारू कात मिथिला-मिथिला हल्ला मचल अछि लेकिन संगठित रूपमें कतहु किछु नहि! बड दु:खक बात जे दिल्लीमें एक युवा ४ दिनक अनशन करत मिथिला राज्य निर्माण वास्ते लेकिन एहनो घडी समर्थन देनिहार अनशनकारी लग तरह-तरहके सौदाबाजी कय रहल छथि। कियो ई कहैत जे अनशनकारी हमर संगठन - हमरहि छत्रछाया - हमरहि आदेश मानैथ तऽ कियो अन्य तरहक शर्त मुदा 'हम्मे-हम्मा गीत' गाबैत अनशनकारी के मानसिकता पर अत्याचार कय रहल छथि, ओतहि बिना कोनो पूर्व शर्त आ मिथिला राज्य लेल कैल जा रहल विरोधक कार्यक्रममें युवा द्वारा पहिले बेर एतेक पैघ जोशीला स्वरमें आगाज के स्वागत हेतु आगू आबयमें हिचकिचा रहल छथि। आखिर कियैक? 

एतेक रास मैथिली साहित्य के सेवार्थ दिन-राति एक केने सुरेबगर रचनाकार सभ छथि मुदा कवि एकान्त के आह्वान प्रति नजैर ईमानदार नहि छन्हि - कियैक?

मिथिला आवाज लग सेहो कवि एकान्तके आवाज नहि पहुँचल अछि, कियैक?

कतेको तरहक मिडियाके डिबिया जरौनिहार खाली 'हम्मा-हम्मा गीत' कखन तक गाबैत रहता?

किऐक नहि कवि एकान्त के अनशन के मिथिला राज्य लेल एक टर्निंग प्वाइन्ट मानैत समस्त मिथिला-मैथिलीसेवीकेँ गूटनिरपेक्छ मंच सँ जुडबाक चाही आ बिना कोनो शर्त आगू आबि आन्दोलन के समर्थन करबाक चाही?

मिथिला राज्य के जे घरहिमें विरोधी छथि तिनको सोचब जरुरी जे आखिर युवा पीढीमें एहेन तरहक सोच आबि गेल, परिस्थिति कतहु ने कतहु ई दरशा रहल अछि जे अवस्था ठीक नहि अछि.... तखन बहानामें मिथिला राज्य लेल संग नहि देब आ कूतर्की बहस सँ निज‍--- होशियारी मात्रके प्रदर्शन करैत बेकार समय के बितायब, आखिर कतेक दिन?

ई आवाज थीक - एहि मंच सँ एक सर्वमान्य नेतृत्व चुनाव के! अपन-अपन विचार जरुर राखी!

3 टिप्‍पणियां:

Unknown ने कहा…

हे प्रीत जाही ठामक छै रित सदा हम गीत ओहिठामक गबाई छी,
मिथिला के छियय रहैय वाला मैथिलि में गीत सुनाबई छी!
गोरका - करिकबा में भेद नहीं छै हम सब केओ छि मिथिलावासी!
आय नहीं काल्हि त मिथिला देबेहे पर्तै ज सब्गोटे छि अभिलाषी !

सुमन ठाकुर

sonu kumar jha ने कहा…

हरेक मैथिल युबक सन आग्रह जे 22-25 मार्च 2013 , धरी डेल्ही के जंतर - मंतर पर अपन शरीक योग्य्दन दिन , जबे एकजुट नै होयाव तबे मिथिला राज्य संभव नै अछि

krish kumar jha ने कहा…

delhi chalu 22 se 25 march ke ---

nai jatay chhi otay se mithila rajay ke andolan karu , chahe 5 admi hoy 5000 --