"गजल"
|| मेरा चाँद ||
एक चाँद उतरा है
जो मेरे सामने ।
मेरे लिये भेजा है
मेरे राम ने ।। एक चाँद.....
जिसने सवाँरा हे मेरी तकदीर को
जो तोर के आई सभी जंजीर को
क्या करिश्मा कर दिया
मेरे राम ने ।। एक चाँद.....
लड़की है , या तू जन्नत की हूर है
स्वर्ग किस्मत से नही अब दूर है
मन चाहा मुझे दे दिया
मेरे राम ने ।। एक चाँद.....
अब किसे देखूँ , देखा जब तुझे
ऐसी सूरत मिलगई है अब मुझे
दो दिल का संगम
हुआ मेरे सामने ।। एक चाँद....
गीतकार
रेवती रमण झा "रमण"
|| मेरा चाँद ||
एक चाँद उतरा है
जो मेरे सामने ।
मेरे लिये भेजा है
मेरे राम ने ।। एक चाँद.....
जिसने सवाँरा हे मेरी तकदीर को
जो तोर के आई सभी जंजीर को
क्या करिश्मा कर दिया
मेरे राम ने ।। एक चाँद.....
लड़की है , या तू जन्नत की हूर है
स्वर्ग किस्मत से नही अब दूर है
मन चाहा मुझे दे दिया
मेरे राम ने ।। एक चाँद.....
अब किसे देखूँ , देखा जब तुझे
ऐसी सूरत मिलगई है अब मुझे
दो दिल का संगम
हुआ मेरे सामने ।। एक चाँद....
गीतकार
रेवती रमण झा "रमण"
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