|| चल गे बहिना तोरे कहबौ ||
केकरा कहबै के पतिएतै
हमर दिल के बात ।
चल गे बहिना तोरे कहबौ
नहाइलय नदी कात ।।
धरय लगला हाथ कि चटदय
आँचर तर नुकयलौ ।
तखन उठ्यलनि कोर छिहुलि हम
कोठी तर परयलौ ।।
एतबहि में भरि कोर उठौलनि
सुनलनि एकौ नै बात ।
चल गै बहिना तोरे.............
कामातुर आवेश में परि कय
सगरो गात के तोरि देलैन ।
नवल उरोज सरोज कली दू
निर्दय जेकाँ मड़ोरि देलैन ।।
धक् धक् करय करेजा तेहिखन
थर - थर काँपय गात ।
चल गै बहिना तोरे...............
अधरामृत मधु पिवि ठोर के
सब सुखयलनि लाली गै ।
दूनू हाथक चूड़ी फुटल
टूटल कानक बाली गै ।।
एक बुन्द लय तरसल धरती
पर भेलै बरसात ।
चल गै बहिना तोरे..............
कतेक निहोरा विनती कयलहुँ
पिया एक नै मानल गै ।
"रमण" चतुर्थीक राति एहन छल
अपने टा जिद ठानल गै ।।
रातुक गेल निकललौ घर सं
भेलै जखन परात ।
चल गै बहिना तोरे कहबौ
नहाइलय नदी कात ।।
गीतकार
रेवती रमण झा "रमण"
mob - 09997313751
केकरा कहबै के पतिएतै
हमर दिल के बात ।
चल गे बहिना तोरे कहबौ
नहाइलय नदी कात ।।
धरय लगला हाथ कि चटदय
आँचर तर नुकयलौ ।
तखन उठ्यलनि कोर छिहुलि हम
कोठी तर परयलौ ।।
एतबहि में भरि कोर उठौलनि
सुनलनि एकौ नै बात ।
चल गै बहिना तोरे.............
कामातुर आवेश में परि कय
सगरो गात के तोरि देलैन ।
नवल उरोज सरोज कली दू
निर्दय जेकाँ मड़ोरि देलैन ।।
धक् धक् करय करेजा तेहिखन
थर - थर काँपय गात ।
चल गै बहिना तोरे...............
अधरामृत मधु पिवि ठोर के
सब सुखयलनि लाली गै ।
दूनू हाथक चूड़ी फुटल
टूटल कानक बाली गै ।।
एक बुन्द लय तरसल धरती
पर भेलै बरसात ।
चल गै बहिना तोरे..............
कतेक निहोरा विनती कयलहुँ
पिया एक नै मानल गै ।
"रमण" चतुर्थीक राति एहन छल
अपने टा जिद ठानल गै ।।
रातुक गेल निकललौ घर सं
भेलै जखन परात ।
चल गै बहिना तोरे कहबौ
नहाइलय नदी कात ।।
गीतकार
रेवती रमण झा "रमण"
mob - 09997313751
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