|| बूढ़ हमरा बना, आहाँ भैलो जवान ||
यौ , मधुमेह बाबू , आहाँ छी महान ।
बूढ़ हमरा बना , आहाँ भेलौं जवान ।।
धीरे - धीरे सभतरि पसारि लेलौ माया
जकरा लग बैस गेलौ , जरि गेलौ काया
हँसलौ आहाँ , हमर गेल मुस्कान ।
यौ , मधुमेह बाबू , आहाँ छी महान । ।
दयादृष्टि आहाँक , हम जिबै छी
काया निचोड़ि हमर खून पिबै छी
टुकुर टुकुर ताकि हम बैसल दलान ।
यौ , मधुमेह बाबू , आहाँ छी महान । ।
रहै छी अजूरे हम , आहाँ जुराई छी
सोझाँ में सब किछु , किछु नै खाई छी
गेल पावनि तिहारक मधुर पकवान ।
यौ , मधुमेह बाबू , आहाँ छी महान । ।
तेजि देलक सब , आहाँ छोरि कय नै गेलौ
"रमण" सं अहि एक प्रीत लगय लौ
हमर एहि पिरितिया में गेलै परान ।
यौ , मधुमेह बाबू , आहाँ छी महान । ।
गीतकार
रेवती रमण झा "रमण"
यौ , मधुमेह बाबू , आहाँ छी महान ।
बूढ़ हमरा बना , आहाँ भेलौं जवान ।।
धीरे - धीरे सभतरि पसारि लेलौ माया
जकरा लग बैस गेलौ , जरि गेलौ काया
हँसलौ आहाँ , हमर गेल मुस्कान ।
यौ , मधुमेह बाबू , आहाँ छी महान । ।
दयादृष्टि आहाँक , हम जिबै छी
काया निचोड़ि हमर खून पिबै छी
टुकुर टुकुर ताकि हम बैसल दलान ।
यौ , मधुमेह बाबू , आहाँ छी महान । ।
रहै छी अजूरे हम , आहाँ जुराई छी
सोझाँ में सब किछु , किछु नै खाई छी
गेल पावनि तिहारक मधुर पकवान ।
यौ , मधुमेह बाबू , आहाँ छी महान । ।
तेजि देलक सब , आहाँ छोरि कय नै गेलौ
"रमण" सं अहि एक प्रीत लगय लौ
हमर एहि पिरितिया में गेलै परान ।
यौ , मधुमेह बाबू , आहाँ छी महान । ।
गीतकार
रेवती रमण झा "रमण"
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