dahej mukt mithila

(एकमात्र संकल्‍प ध्‍यान मे-मिथिला राज्‍य हो संविधान मे) अप्पन गाम घरक ढंग ,अप्पन रहन - सहन के संग,अप्पन गाम-अप्पन बात में अपनेक सब के स्वागत अछि!अपन गाम -अपन घरअप्पन ज्ञान आ अप्पन संस्कारक सँग किछु कहबाक एकटा छोटछिन प्रयास अछि! हरेक मिथिला वाशी ईहा कहैत अछि... छी मैथिल मिथिला करे शंतान, जत्य रही ओ छी मिथिले धाम, याद रखु बस अप्पन गाम - अप्पन बात ,अप्पन मान " जय मैथिल जय मिथिला धाम" "स्वर्ग सं सुन्दर अपन गाम" E-mail: apangaamghar@gmail.com,madankumarthakur@gmail.com mo-9312460150

गुरुवार, 9 मई 2019

यौ , मधुमेह बाबू , आहाँ छी महान । । गीतकार - रेवती रमण झा "रमण"

          || बूढ़ हमरा बना, आहाँ भैलो जवान ||
             
             यौ , मधुमेह बाबू , आहाँ छी महान ।
             बूढ़ हमरा बना , आहाँ भेलौं जवान ।।

            धीरे - धीरे सभतरि पसारि लेलौ माया
            जकरा लग बैस गेलौ , जरि गेलौ काया

           हँसलौ  आहाँ , हमर  गेल  मुस्कान ।
           यौ , मधुमेह बाबू , आहाँ छी महान । ।

           दयादृष्टि    आहाँक , हम    जिबै     छी
           काया   निचोड़ि  हमर  खून  पिबै   छी

           टुकुर  टुकुर  ताकि  हम  बैसल दलान ।
            यौ , मधुमेह बाबू , आहाँ छी महान । ।   

           रहै  छी  अजूरे  हम , आहाँ  जुराई  छी
           सोझाँ में सब किछु , किछु नै खाई छी

          गेल पावनि तिहारक मधुर पकवान ।
          यौ , मधुमेह बाबू , आहाँ छी महान । ।

         तेजि देलक सब , आहाँ छोरि कय नै गेलौ
         "रमण"  सं  अहि  एक  प्रीत  लगय  लौ

          हमर   एहि   पिरितिया   में   गेलै   परान ।
          यौ , मधुमेह बाबू , आहाँ छी महान । ।

                           
                                गीतकार 
                     रेवती रमण झा "रमण"
                                    

कोई टिप्पणी नहीं: