|| सुपुरुषक पतीक शिक्षा ||
|| गीत ||
हे अर्ध चन्द्र , हे अर्धागिन
ग्रही में सुख स्वर्गक छवि राखी || २
किछु माय हमर अनुचित बजती
बाबु जँ हमर किछुओ बजता |
विष - वचन ,अमृत बुझि पान करब
बिनु अपराधहुँ तारन करता ||
प्रति अंग अपन प्रतिपल कोमल
अमृत मधुसिक्त अघर राखी ||
हे अर्ध चन्द्र ----
उठि भोरे आँगन - घर अहाँ
दय वादनि , निपि कय झल कायब |
थोर बहुँ नोने , थोर बहुँ तेले
हूलसति मानस के घर जायब ||
अध खिलित अघर मुस्कान भरल
नहुँये सँ मधुर बचन भाषी ||
हे अर्ध चन्द्र ----
दुख में धैरज , सुख में शीतल
आज्ञा कारी सदिकाल रही |
नैहर के सुख सब बिसरि अपन
सासुर में सागहुँ खा कय रही ||
एक प्राण अधार प्रिया प्रियतम
ई "रमण " अहाँक तखन साखी
हे अर्ध चन्द्र ----
|| गीत ||
हे अर्ध चन्द्र , हे अर्धागिन
ग्रही में सुख स्वर्गक छवि राखी || २
किछु माय हमर अनुचित बजती
बाबु जँ हमर किछुओ बजता |
विष - वचन ,अमृत बुझि पान करब
बिनु अपराधहुँ तारन करता ||
प्रति अंग अपन प्रतिपल कोमल
अमृत मधुसिक्त अघर राखी ||
हे अर्ध चन्द्र ----
उठि भोरे आँगन - घर अहाँ
दय वादनि , निपि कय झल कायब |
थोर बहुँ नोने , थोर बहुँ तेले
हूलसति मानस के घर जायब ||
अध खिलित अघर मुस्कान भरल
नहुँये सँ मधुर बचन भाषी ||
हे अर्ध चन्द्र ----
दुख में धैरज , सुख में शीतल
आज्ञा कारी सदिकाल रही |
नैहर के सुख सब बिसरि अपन
सासुर में सागहुँ खा कय रही ||
एक प्राण अधार प्रिया प्रियतम
ई "रमण " अहाँक तखन साखी
हे अर्ध चन्द्र ----
|| कुपुरुष पतीक शिक्षा ||
|| गीत ||
हे सूर्य मुखी , हे चन्द्र मुखी
छी घर अहाँक , जहिना राखी || २
ई माय हमर जँ किछु बजती
बाबू जँ हमर किछुओ बजता |
अहाँ तारन - मारन सतत करी
जहिना रखबैन , ओहिना रहता ||
ई गौओं हमरा वारि दीय
हम सतत अहीँक रहब साखी ||
हे सूर्य -----
अहाँ क्रोध करी , अहाँ कलह करी
हन - हन , पट -पट सब ठाम करी |
अहाँ गारि पढ़ी , वे बात लड़ी
अहाँ नाम अपन सब गाम करी ||
सब वचन अहाँक हम श्रवण करब
छी मोन अहाँक जहिना भाषी ||
हे सूर्य -----
गहि "रमण " अहाँक चरणारविन्द
कर जोरि कहैछथि जोरे सँ |
झूठहुँ बाजब विश्वास करब
सब अहाँक टपा टप नोरे सँ ||
हम विमुख अहाँ सँ होयब कोना
जीवनक हमर छी बैसाखी ||
हे सूर्य -----
रचित :-
रेवती रमण झा "रमण "
ग्राम - पोस्ट - जोगियारा पतोर
छी मोन अहाँक जहिना भाषी ||
हे सूर्य -----
गहि "रमण " अहाँक चरणारविन्द
कर जोरि कहैछथि जोरे सँ |
झूठहुँ बाजब विश्वास करब
सब अहाँक टपा टप नोरे सँ ||
हम विमुख अहाँ सँ होयब कोना
जीवनक हमर छी बैसाखी ||
हे सूर्य -----
रचित :-
रेवती रमण झा "रमण "
ग्राम - पोस्ट - जोगियारा पतोर
आनन्दपुर , दरभंगा ,मिथिला
मो 09997313751
मो 09997313751
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