जय - जय मैया , जय कुल तारणि
जय कुल बोरनि माता |
शान्ति कुटीर करू पावन अम्बे
हे कलि पूज्य बिधाता || जय - जय --
कट - कट दसन , अधर पट -पट करू
टप - टप पिपनी नोरे |
थर - थर गात , अरुण दुहूँ लोचन
बचन श्रवित इनहोरे || जय - जय --
वासर रैन , चैन नहि कहियो
निसदिन नाचथि नंगे |
गाबथि हँसथि बिलसि मुख मोदित
रुदन बिकट बहुरंगे || जय - जय --
भाग्य रेख वर पावि तेहि निज
से आखर मोहि मेंटू |
"रमण " प्रणाम प्रथम हे नागिन
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