सोहर ( बेटी जन्म )
शिव कुमार झा टिल्लू
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कठोर पाथरपर दूभि जनमि हरियायलि रे
ललना सुन्न अकानक कान भ' मैथिली आयलि रे !
अचकेमे हँसल नोरक स्वर चम्पा फुलायलि रे
ललना जगतक जननि सुनयनाके' कोर सजायलि रे !
जनकक जपतप पसिझल कलिका खिलायलि रे
ललना धरतीसँ उपटि भवानीमाँ मिथिला समायलि रे !
आइ जगत के भामिनी मिथिके' हँसायलि रे
ललना जकर चरणलग जगत ओ बेटीबनि आयलि रे !
सकल जनकपुर मायक कोखि गढायलि रे
ललना जनकके' सियाधिया दानके' मान बढायलि रे !
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