dahej mukt mithila

(एकमात्र संकल्‍प ध्‍यान मे-मिथिला राज्‍य हो संविधान मे) अप्पन गाम घरक ढंग ,अप्पन रहन - सहन के संग,अप्पन गाम-अप्पन बात में अपनेक सब के स्वागत अछि!अपन गाम -अपन घरअप्पन ज्ञान आ अप्पन संस्कारक सँग किछु कहबाक एकटा छोटछिन प्रयास अछि! हरेक मिथिला वाशी ईहा कहैत अछि... छी मैथिल मिथिला करे शंतान, जत्य रही ओ छी मिथिले धाम, याद रखु बस अप्पन गाम - अप्पन बात ,अप्पन मान " जय मैथिल जय मिथिला धाम" "स्वर्ग सं सुन्दर अपन गाम" E-mail: apangaamghar@gmail.com,madankumarthakur@gmail.com mo-9312460150

apani bhasha me dekhe / Translate

मंगलवार, 12 जुलाई 2016

सिद्धिदात्री वंदना

कमलिनी शिवकशक्ति जगदम्बे 
अष्टसिद्धि के' अहीं अबलम्बे !
अणिमा प्राप्ति ईशित्व हे गरिमा 
प्राकाम्य लघिमा वशित्व माँ गरिमा 
चतुर्भुजा जग चहुदिशि खम्बे 
अष्टसिद्धि के' अहीं अबलम्बे !
सकल सृष्टिमे किछुओ अगम नहि
जे पकड़ल अपनेक चरण गहि 
सिंहवाहिनी सभ दुःखभंगे 
अष्टसिद्धि के' अहीं अबलम्बे !
पंकज दाहिनी अधोहस्त वश 
चरणसटल सिर चुसथि कृपारस 
कृपा बिराजथि अंग अनंगे 
अष्टसिद्धि के' अहीं अबलम्बे !
देविकृपा शिव अर्द्धनारीश्वर
विषय भोग शून्य मायक गहबर 
शान्ति अमियपद निधिक तरंगे
अष्टसिद्धि के' अहीं अबलम्बे !
यथासाध्य जप पूजन अर्चन 
हिय हेरथि माँ देखथि ने साधन 
वाकसिद्ध रमा उमा हे गंगे 
अष्टसिद्धि के' अहीं अबलम्बे !

शिव कुमार झा टिल्लू 
(Shiv Kumar Jha)

कोई टिप्पणी नहीं: