कमलिनी शिवकशक्ति जगदम्बे
अष्टसिद्धि के' अहीं अबलम्बे !
अणिमा प्राप्ति ईशित्व हे गरिमा
प्राकाम्य लघिमा वशित्व माँ गरिमा
चतुर्भुजा जग चहुदिशि खम्बे
अष्टसिद्धि के' अहीं अबलम्बे !
सकल सृष्टिमे किछुओ अगम नहि
जे पकड़ल अपनेक चरण गहि
सिंहवाहिनी सभ दुःखभंगे
अष्टसिद्धि के' अहीं अबलम्बे !
पंकज दाहिनी अधोहस्त वश
चरणसटल सिर चुसथि कृपारस
कृपा बिराजथि अंग अनंगे
अष्टसिद्धि के' अहीं अबलम्बे !
देविकृपा शिव अर्द्धनारीश्वर
विषय भोग शून्य मायक गहबर
शान्ति अमियपद निधिक तरंगे
अष्टसिद्धि के' अहीं अबलम्बे !
यथासाध्य जप पूजन अर्चन
हिय हेरथि माँ देखथि ने साधन
वाकसिद्ध रमा उमा हे गंगे
अष्टसिद्धि के' अहीं अबलम्बे !
शिव कुमार झा टिल्लू
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