dahej mukt mithila

(एकमात्र संकल्‍प ध्‍यान मे-मिथिला राज्‍य हो संविधान मे) अप्पन गाम घरक ढंग ,अप्पन रहन - सहन के संग,अप्पन गाम-अप्पन बात में अपनेक सब के स्वागत अछि!अपन गाम -अपन घरअप्पन ज्ञान आ अप्पन संस्कारक सँग किछु कहबाक एकटा छोटछिन प्रयास अछि! हरेक मिथिला वाशी ईहा कहैत अछि... छी मैथिल मिथिला करे शंतान, जत्य रही ओ छी मिथिले धाम, याद रखु बस अप्पन गाम - अप्पन बात ,अप्पन मान " जय मैथिल जय मिथिला धाम" "स्वर्ग सं सुन्दर अपन गाम" E-mail: apangaamghar@gmail.com,madankumarthakur@gmail.com mo-9312460150

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शनिवार, 3 मार्च 2012

मैथिली - मिथिला - मैथिल!


 मैथिली - मिथिला - मैथिल! 



नाम हमर छी मैथिल भैया, मिथिला हमर गाम यौ,
मैथिली भाषी हम सभ सगरो पसरल जग ओ जहान यौ!

एहि धरतीके पावन केलीह जगज्जननी सिया जानकी
जनक समान विदेहराज केँ पाहुन बनलैथ रामजी!
पुण्य भूमि मिथिलामें अयलाह एक पर एक विद्वान्‌ यौ,
मैथिली भाषी हम सभ सगरो, ...
नाम हमर छी मैथिल भैया, ...

कवि विद्यापति जन्म लेलनि रचैत साहित्यिक नव आइना
आनक देक्सी छोड़ू यौ जनगण गाबू निज देसिल वयना
एहि धरतीपर जन्म लेलनि जे जगके देखावथि राह यौ!
मैथिली भाषी हम सभ सगरो...
नाम हमर छी मैथिल भैया...

यैह थीक मिथिला जेकर बीज सँ राजनीति के ज्ञान बनल
लोहिया जेपी कर्पूरी ओ सूरज मिथिला दीपक शान बनल
देव-पितर-ऋषि-मुनिजन ज्ञानी कयलनि जग कल्याण यौ!
मैथिली भाषी हम सभ सगरो...
नाम हमर छी मैथिल भैया...

दिव्य संपदा केवल वाञ्छित नहि चाही जगछूल ढौआ
त्याग समर्पण नींब बनल वैह बेटा बनैछ कहैछ बौआ
आइ स्वार्थ में डूबि छै ढहल मिथिला किला महान यौ
मैथिली भाषी हम सभ सगरो...
नाम हमर छी मैथिल भैया...




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