dahej mukt mithila

(एकमात्र संकल्‍प ध्‍यान मे-मिथिला राज्‍य हो संविधान मे) अप्पन गाम घरक ढंग ,अप्पन रहन - सहन के संग,अप्पन गाम-अप्पन बात में अपनेक सब के स्वागत अछि!अपन गाम -अपन घरअप्पन ज्ञान आ अप्पन संस्कारक सँग किछु कहबाक एकटा छोटछिन प्रयास अछि! हरेक मिथिला वाशी ईहा कहैत अछि... छी मैथिल मिथिला करे शंतान, जत्य रही ओ छी मिथिले धाम, याद रखु बस अप्पन गाम - अप्पन बात ,अप्पन मान " जय मैथिल जय मिथिला धाम" "स्वर्ग सं सुन्दर अपन गाम" E-mail: apangaamghar@gmail.com,madankumarthakur@gmail.com mo-9312460150

मंगलवार, 22 मार्च 2011

नैन किया भईरगेल@प्रभात राय भट्ट


नैन किया भईरगेल@प्रभात राय भट्ट

अहाक ठोरक मुस्कान सजनी कतय चलिगेल यए,
अहाक नैन में नोर सजनी किया भैरगेल यए ,
नोर नए बहाऊ सजनी यी थीक अनमोल मोती,
अहाँ हैस दी त जगमग करे हमार जीवन के ज्योति,
अहाक ठोरक मुस्कान सजनी कतय चलिगेल यए,

येना नए होऊ अहाँ उठास,मों नए करू उदास,
आई छई दुःख त काईलह सुख हेतई,
यी छन भर के विपति सब टईर जेतई,
रखु मोन में आशा अओर हमरा पर भरोषा,
पूरा हयात मोन क सबटा अभिलाषा,
अहाक ठोरक मुस्कान सजनी कतय चलिगेल यए,

दुःख सुख ता जीवन में अबिते रहतई,
चाहे हवा जाते तेज बहतई,
समुन्दर में लहर जतेय जोर उठतई,
चाहे धरती स ज्वाला फुटतई,
मुदा जीवन के यात्रा कखनो नए रुकतई,
अहाँक ठोरक मुस्कान सजनी कतय चलिगेल यए,
अहाँक नैन में नोर सजनी किया भईरगेल यए,

रचनाकार:-प्रभात राय भट्ट

1 टिप्पणी:

JAGDAMBA DEVI THAKUR ने कहा…

येना नए होऊ अहाँ उठास,
मों नए करू उदास,
आई छई दुःख त काईलह सुख हेतई,
यी छन भर के विपति सब टईर जेतई,
रखु मोन में आशा अओर हमरा पर भरोषा,
पूरा हयात मोन क सबटा अभिलाषा,
अहाक ठोरक मुस्कान सजनी कतय चलिगेल यए,

bahut nik