dahej mukt mithila

(एकमात्र संकल्‍प ध्‍यान मे-मिथिला राज्‍य हो संविधान मे) अप्पन गाम घरक ढंग ,अप्पन रहन - सहन के संग,अप्पन गाम-अप्पन बात में अपनेक सब के स्वागत अछि!अपन गाम -अपन घरअप्पन ज्ञान आ अप्पन संस्कारक सँग किछु कहबाक एकटा छोटछिन प्रयास अछि! हरेक मिथिला वाशी ईहा कहैत अछि... छी मैथिल मिथिला करे शंतान, जत्य रही ओ छी मिथिले धाम, याद रखु बस अप्पन गाम - अप्पन बात ,अप्पन मान " जय मैथिल जय मिथिला धाम" "स्वर्ग सं सुन्दर अपन गाम" E-mail: apangaamghar@gmail.com,madankumarthakur@gmail.com mo-9312460150

शनिवार, 26 मार्च 2011

प्रेम दीवाना@प्रभात राय भट्ट

by Prabhat Ray Bhatt Uyfm on Saturday, March 26, 2011 at 7:24am
प्रेम दीवाना@प्रभात राय भट्ट
 हम अहाकप्रेम दीवाना अहिं स:प्रीत करैत छी,
सुतैत जगैत उठैत बैसैत अहींक नाम रतैत छी ,
ऐसजनी अहींक नाम रतैत छी .....................२

हम अहाँक प्रेम दीवानी अहिं स:प्रीत करैत छी,
जखन तखन सद्खन सजना अहींक याद करैत छी,
ययौ सजाना अहिं के याद करैत छी.....................२ 

रोज रोज हम लिखैत छी अपन प्रेम कहानी के पोथी ,
अहाँ विन तडपैछी जेना पाईन विन तडपैय पोठी,
वित् जाईय दिन कहना राईत नए वितैय.........
अहिं के सुरता सजनी सद्खन लागल रहैया....२

हमर मोनक बात पिया अहिं सब कहिदेलौं ,
अहुं केर तड़पन पिया हम सब जाईन्गेलौं,
फटईय हिया पिया एक दोसर के प्रीत विन,
बड मुस्किल स कटैय अहाँक हमर राइत दिन,

हम अहाँक प्रेम दीवाना अहिं स प्रीत करैत छी,
सुतैत जगैत उठैत बैसैत अहिक नाम रतैत छी,
ऐ सजनी अहिक नाम रतैत छी.....................२

हम अहाँक प्रेम दीवानी अहिं सा प्रीत करैत छी,
जखन तखन सद्खन सजना अहिक याद करैत छी,
ययौ सजना अहींक याद करैत छी...................२

रचनाकार:प्रभात राय भट्ट

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