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बुधवार, 28 नवंबर 2018

अश्रुपात ।। यह तेरी करुण कहानी है ।। रचनाकार - रेवती रमण झा "रमण"

                            ।। अश्रुपात ।।
                  ।। यह तेरी करुण कहानी है ।।
                                     
कहो ! मूक कण्ठ हीं मिला तुम्हे
उत्तर    देना    है    पाप    तेरा ।
बड़ - भला  बुरा  सुनकर  रहना
नारी  जीवन  अभिशाप  तेरा ।।

पुरुषो को  जिसने   जनम दिया
वश  में  उसने  ही  उसे  किया ।
यह अधिकार लिया है खुद,या -
नारी  तू  ने  ही   उसे   दिया ।।

तुम्ही   बताओ   नारी   को  ही
   सदियो से क्यो यह सजा मिली ।
या  देना  था   दुख  दुर्बल  को
      अरी ! जिसमे अबला एक मिली ।।

पद    पराधीनता    की    बेड़ी
आँखों  में  छलकता  पानी है ।
पुरुषो  के  द्वारा  सदा  दुखित
  यह  तेरी  करुण  कहानी  है ।।

रचनाकार
रेवती रमण झा "रमण"

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