आजुक समय में मिथिला - मैथिली के "जामबंत" श्री प्रवीण नारायण चौधरी जी के संग । मित्र व श्रेठ लोकनि अपने लोकनि के इ जानकारी द दी, जे इ उपाधि हिनका हमरे द्वारा देल गेल छनि। तकर मूल कारण जहिना रामायण में जामबंत मैथिली (माता सीता ) के अनबाक लेल हुनक पुत्र तुल्य श्री हनुमान जी के शक्तिक आभाष करौलनि , तहिना प्रवीण जी कतेको मैथिली पुत्र के ओकर शक्तिक एहसास करौलनि आ क्रमशः लागल छथि। जाहि सँ मिथिला - मैथिली के विकास भ' सकैक मिथिला राज्य बनि सकैक । एहि गुण के कारण हम हिनका "जामवंत" क उपाधि सँ सम्मानित केलियनि ।
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