dahej mukt mithila

(एकमात्र संकल्‍प ध्‍यान मे-मिथिला राज्‍य हो संविधान मे) अप्पन गाम घरक ढंग ,अप्पन रहन - सहन के संग,अप्पन गाम-अप्पन बात में अपनेक सब के स्वागत अछि!अपन गाम -अपन घरअप्पन ज्ञान आ अप्पन संस्कारक सँग किछु कहबाक एकटा छोटछिन प्रयास अछि! हरेक मिथिला वाशी ईहा कहैत अछि... छी मैथिल मिथिला करे शंतान, जत्य रही ओ छी मिथिले धाम, याद रखु बस अप्पन गाम - अप्पन बात ,अप्पन मान " जय मैथिल जय मिथिला धाम" "स्वर्ग सं सुन्दर अपन गाम" E-mail: apangaamghar@gmail.com,madankumarthakur@gmail.com mo-9312460150

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रविवार, 15 जुलाई 2012

गजल


जन-गणक सेवक भेल देशक भार छै
जनताक मारि टका बनल बुधियार छै

चुप छी तँ बूझथि ओ, अहाँ कमजोर छी
मुँह ताकला सँ कहाँ मिलल अधिकार छै

बिन दाम नै वर केर बाप हिलैत अछि
घर मे गरीबक सदिखने अतिचार छै

हक नै गरीबक मारियौ सुनि लियऽ अहाँ
जरि रहल पेटक आगि बनि हथियार छै

झरकल सिनेहक बात "ओम"क की कहू
सगरो पसरल जरल हँसी भरमार छै
(बहरे-कामिल)
मुतफाइलुन(ह्रस्व-ह्रस्व-दीर्घ-ह्रस्व-दीर्घ)- ३ बेर प्रत्येक पाँति मे

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