" गीत "
तोहर ललना , बुधि बलवर अंजनी ॥
तोहर -----
भक्षल सूरज , नभ जखनहि जनमल ।
त्रिभुवन मा , सकल तम छाओल ॥
तोहर ---
बान्धल श्वेत , सीया जीके हेरल ।
जे छल सपना , सीया घुरि औती ॥
तोहर ---
लंका जारि , असुर दल मारल
उठल रुदना , घर - घर अंगना ॥
तोहर ---
पर्वत आनि , संजीवन राखल ।
लखन ललना , मृत्यु सं उठि जागल ॥
तोहर ---
" रमण " पवन सूत , पाबि मुदित मन ।
गहल चरणा , शंकर के सुवनमा ॥
तोहर ---
॥ हनुमान वंदना ॥
शील नेह निधि , विद्या वारिध
कल कुचक्र कहाँ छी ।
मार्तण्ड ताम रिपु सूचि सागर
शत दल स्वक्ष अहाँ छी ॥
कुण्डल कणक , सुशोभित काने
वर कच कुंचित अनमोल ।
अरुण तिलक भाल मुख रंजित
पाँड़डिए अधर कपोल ॥
अतुलित बल, अगणित गुण गरिमा
नीति विज्ञानक सागर ।
कनक गदा भुज बज्र विराज
आभा कोटि प्रभाकर ॥
लाल लंगोटा , ललित अछि कटी
उन्नत उर अविकारी ।
वर बिस भुज अहिरावण
सब पर भयलहुँ भारी ॥
दिन मलीन पतित पुकारल
अपन जानि दुख हेरल ।
"रमण " कथा ब्यथा के बुझित हूँ
यौ कपि किया अवडेरल
॥ हनुमान वंदना ॥
शील नेह निधि , विद्या वारिध
कल कुचक्र कहाँ छी ।
मार्तण्ड ताम रिपु सूचि सागर
शत दल स्वक्ष अहाँ छी ॥
कुण्डल कणक , सुशोभित काने
वर कच कुंचित अनमोल ।
अरुण तिलक भाल मुख रंजित
पाँड़डिए अधर कपोल ॥
अतुलित बल, अगणित गुण गरिमा
नीति विज्ञानक सागर ।
कनक गदा भुज बज्र विराज
आभा कोटि प्रभाकर ॥
लाल लंगोटा , ललित अछि कटी
उन्नत उर अविकारी ।
वर बिस भुज अहिरावण
सब पर भयलहुँ भारी ॥
दिन मलीन पतित पुकारल
अपन जानि दुख हेरल ।
"रमण " कथा ब्यथा के बुझित हूँ
यौ कपि किया अवडेरल
रचैता -
रेवती रमण झा " रमण "
ग्राम - पोस्ट - जोगियारा पतोर
आनन्दपुर , दरभंगा ,मिथिला
मो 09997313751
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